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EXCLUSIVE NEWS

रक्त कोशिकाओं की गणना के लिए स्मार्ट माइक्रोस्कोपी तकनीक

रक्त कोशिकाओं की गणना के लिए स्मार्ट माइक्रोस्कोपी तकनीक

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भारत में अत्यधिक आबादी के कारण किफायती चिकित्सीय एवं नैदानिक उपकरणों और कुशल लैब तकनीशियनों की बड़े पैमाने पर आवश्यकता है। भारतीय शोधकर्ताओं ने एक स्मार्ट माइक्रोस्कोपी तकनीक विकसित की है जो इस कमी को दूर करने में मददगार हो सकती है। डीप लर्निंग एल्गोरिद्म पर आधारित इस माइक्रोस्कोपी तकनीक में ऐसे सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है जो रक्त नमूनों की माइक्रोस्कोपिक इमेज का उपयोग करके लाल एवं सफेद रक्त कोशिकाओं की गणना कर सकता है। सफेद रक्त कोशिकाओं के अलग-अलग रूपों और लाल रक्त कोशिकाओं की पहचान तथा गणना में इस सॉफ्टेवयर को 93 प्रतिशत तक सटीक पाया गया है। यह तकनीक वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) के चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई है। सीएसआईओ के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस सॉफ्टवेयर को सीएसआईओ द्वारा विकसित डिजिटल माइक...
Welcome move of Kerala government on Sabrimala Temple post Supreme Court verdict

Welcome move of Kerala government on Sabrimala Temple post Supreme Court verdict

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Kerala government deserves all compliments for taking justified stand by banning entry of women in age-group 10-50 years in Sabrimala Temple despite Constitution Bench of the Apex Court did not order any stay-order on its earlier order allowing women of all ages to enter the temple. Evidently Kerala Government rightly analyzed that the Apex Court did sense some substance in review petition that the matter was referred to a bigger seven-member bench. Since complying earlier Supreme Court order created big law and order problem around the temple, it will be better if Kerala government intervenes before the larger seven-member bench for supporting ban on entry of women in age-group of 10-50 years in the temple. It is noteworthy that women having forcibly entered under police-protection as ...
शर्मनाक सियासत

शर्मनाक सियासत

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एक हफ्ते पहले मैं महाराष्ट्र में था। वहां के स्थानीय लोगों का मानना था कि शिवसेना और भाजपा अभी ननद-भौजाइयों की तरह लड़ रहे हैं, आखिरकार मान जाएंगे। मुझे भी उम्मीद थी कि सरकार बनाने की तय समय सीमा तक दोनों दल आखिरकार किसी फार्मूले पर सहमत हो जाएंगे और सरकार बन जाएगी। आजाद भारत का संभवतः यह पहला और अनोखा मामला है जिसमें चुनाव पूर्व तय गठबंधन को चुनाव में अच्छा-खासा बहुमत मिला हो लेकिन सत्ता की मलाई ज्यादा कौन खाए इस होड़ में शिवसेना और भाजपा मिलकर सरकार नहीं बना सके। इस गठबंधन को जिताने वाली जनता ठगी रह गई है। महाराष्ट्र में भाजपा की नैसर्गिक सियासी साझीदार कही जाने वाली शिवसेना की महत्वाकांक्षा चुनावी नतीजों के बाद ऐसी जागी कि भाजपा पर इतना दबाव बनाया कि वह आजिज आ गई। शिवसेना शायद  यह समझने में चूक गई कि अटल और आडवाणी की भाजपा अब नहीं है। न ही मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ की। यह मोदी-शाह वा...
कैसे मिले देश को शेषन जैसे कर्तव्यनिष्ठ अफ़सर?    

कैसे मिले देश को शेषन जैसे कर्तव्यनिष्ठ अफ़सर?   

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अगर  टी एन शेषन भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त न बनते तो देश में चुनावों के नाम पर धोखाघडी  और  धांधली का आलम जारी रहता। उन्होंने 90 के  दशक में चुनाव  आयोग के प्रमुख पद पर रहते हुए चुनाव सुधारों को सख्ती से लागु करने का एतिहासिक अभियान शुरु किया। वे अब जब दिवंगत हो चुके हैं तो देश को उनकेद्वारा किए महान कार्यों की  जानकारी तो होनी ही चाहिए। शेषन ने उन गुंडा तत्वों पर ऐसी चाबुक चलाई जिसने  धन और बल के सहारे सियासत करने वालों कोजमीन पर उतारकर पैदल कर दिया। शेषन ने अपने साथियों में यह विशवास जगाया कि  उन्हें चुनाव की सारी प्रक्रिया को ईमानदारी से अंजाम देना चाहिए । उनसेपहले के चुनाव आयुक्तों पर आरोप लगते रहते थे कि वे पूरी तरह से सरकार के इशारों पर ही चुनाव करवाते हैं। वे कभी इस बात पर जोर भी नहीं देते थे कि चुनावतटस्थ तरीके से हो। वे सत्तासीन पार्टी के  एजेंट  बन कर रह जाते थे। वे कभी चुनाव स...
Drug-coated bone implants may help tackle post-surgery infections 

Drug-coated bone implants may help tackle post-surgery infections 

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  About 10% of bone implants lead to failure due to post-surgical bacterial infections. To overcome this hurdle, often heavy dosage of medicines are injected or given orally.  A team of researchers from India and the US has now come up with a method to localise the drug delivery to surgery site. This has been achieved by modifying the surface of metallic implants by loading them with an antibacterial drug which gets released gradually over a period of one week at the implant site to prevent infections. “Our surface-modified implant addresses localised and long term drug release for areas that are prone to post-surgical infection that often arise during a joint replacement procedure. The modified implant surface serves for both drug delivery and bone integration,” said Dr Debr...
प्रदूषण पर बात नहीं काम करने का समय

प्रदूषण पर बात नहीं काम करने का समय

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आज देश में चारों ओर प्रदूषण की ही बातें हो रही है। आंखों में जलन,चेस्ट कंजेशन,सांसों की बीमारी,खांसी, जुखाम, सर्दी, नजला, दम घुटना आदि हमारी डेली रूटीन में शामिल हो गई है। प्रदूषण हमारे चारों ओर काफी तेजी से फैल रहा है पर हम चाहकर भी उसके साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं। हमारे चारों ओर प्रकृति ने सुंदरता बिखेर रखी है पर हम अपनी आदतों और लापरवाही से उसे हर कदम पर धता बता रहे हैं । इसी का नतीजा तो है यह प्रदूषण। आज हमारा पर्यावरण बुरी तरह प्रदूषित हो गया है और हम सब इसे झेलने को मजबूर हैं। फिर चाहे दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स का सामान्य से दस गुना अधिक होना या फिर पटना की हवा में सांस लेना मुश्किल होना आम बात हो गई है। प्रदूषण के असर का हाल यह है कि भारत में वर्ष 2017 में करीब 12 लाख लोगों की मौत एयर प्रदूषण की वजह से हुई। यही नहीं लाइफ एक्सपेंटेंसी के मामले में भी साउथ एशिया में एव...
महायोगी आचार्य महाप्रज्ञ की विलक्षण जीवनगाथा

महायोगी आचार्य महाप्रज्ञ की विलक्षण जीवनगाथा

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सदियों से भारत वर्ष की यह पावन धरा ज्ञानी-ध्यानी, ऋषि-मुनियों एवं सिद्ध साधक संतों द्वारा चलायी गई उस संस्कृति की पोषक रही है, जिसमें भौतिक सुख के साथ-साथ आध्यात्मिक आनंद की भागीरथी भी प्रवाहित होती रही है। संबुद्ध महापुरुषों ने, साधु-संतों ने समाधि के स्वाद को चखा और उस अमृत रस को समस्त संसार में बांटा। कहीं बुद्ध बोधि वृक्ष तले बैठकर करुणा का उजियारा बांट रहे थे, तो कहीं महावीर अहिंसा का पाठ पढ़ा रहे थे। यही नहीं नानकदेव जैसे संबुद्ध लोग मुक्ति की मंजिल तक ले जाने वाले मील के पत्थर बने। यह वह देश है, जहां वेद का आदिघोष हुआ, युद्ध के मैदान में भी गीता गाई गयी, वहीं कपिल, कणाद, गौतम आदि ऋषि-मुनियों ने अवतरित होकर मानव जाति को अंधकार से प्रकाश पथ पर अग्रसर किया। यह देश योग दर्शन के महान आचार्य पतंजलि का देश है, जिन्होंने पतंजलि योगसूत्र रचा। हमारे देश के महापुरुषों से आए अतिथियों का भी उदारत...
शुरू होने जा रहा है वायुसेना का स्वर्णिम युग

शुरू होने जा रहा है वायुसेना का स्वर्णिम युग

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  भारतीय वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत उसके विदेशी लड़ाकू विमान, जेट व उनपर लगी मिसाइलें और युद्ध सामग्री नहीं है बल्कि उसके जांबाज अधिकारी, पायलट व सैनिक हैं। इस वर्ष के 87 वें वायुसेना दिवस के मौके पर हिंडन एयरबेस पर आयोजित समारोह में एयर वाइस मार्शल संजय भटनागर के विशेष अतिथि के रूप में मुझे बहुत करीब से वायुसेना की मौजूदा स्थिति, क्षमता व गतिविधियों को देखने का मौका मिला। अपने मित्र कर्नल राहुल सिन्हा व उनके पुत्र यश व मेरे छोटे पुत्र सहज के साथ मैंने बहुत गहराई से हमारी वायुसेना की ताकत व विशेषताओं का आंकलन किया। यह आश्चर्यजनक व अफसोसजनक था कि पिछले तीन दशकों में भारत की वायुसेना को आधुनिक हथियारों, प्रशिक्षण व लड़ाकू विमानों से वंचित रखा गया और पुराने होते मिग व मिराज विमानों से जूझते हमारे वायुसेना अधिकारियों व पायलटों की एक पीढ़ी ही बूढ़ी हो गयी। मगर अब दिन बदल रहे हैं।...
परंपराएँ हैं तो हम हैं…!

परंपराएँ हैं तो हम हैं…!

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इसे आप मन पर अंकित संस्कारों की अमिट छाप कहें या मूल की ओर लौटने की स्वाभाविक मानवीय प्रकृति, त्योहारों के आते ही मन-प्राण अकुलाने लगता है, चित्त की सारी वृत्तियाँ गाँव-घर की ओर अभिमुख हो उठती हैं, शहरों की आबो-हवा से दूर गाँव की गलियों में मन-प्राण ठौर ढूंढ़ने लगता है | पहले मैं सोचा करता था कि आख़िर क्यों कोई आजीवन देश-परदेश रहने के बाद भी अपना अंतिम समय अपनी माटी, अपने परिवेश, अपने लोगों के संग-साथ ही बिताना चाहता है? अब समझ में आया कि माटी माटी को पुकारती है; हर पल हमें हमारा मूल पुकारता रहता है, भीतर बहुत भीतर अपना कोई आवाज़ दे रहा होता है|यह बार-बार लौटने की, मूल की ओर, जड़ों की ओर लौटने की प्रवृत्ति है कि छूटे न छूटतीं! और गाँव के वे खेत-खलिहान, कूल-कछार, ताल-तलैया त्योहारों के आते ही हमारी स्मृतियों में नए सिरे से आकार लेने लगते हैं, नितांत नए संदर्भों और अर्थों के साथ| एक-एक करक...
आधुनिक भारत के शिल्पी थे सरदार पटेल

आधुनिक भारत के शिल्पी थे सरदार पटेल

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भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं आजादी के बाद आधुनिक भारत को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने के कारण सरदार वल्लभभाई पटेल ने राजनीतिक इतिहास में एक गौरवपूर्ण, ऐतिहासिक एवं स्वर्णिम स्थान प्राप्त किया। वास्तव में वे आधुनिक भारत के शिल्पी थे। भारत की मादी को प्रणम्य बनाने एवं कालखंड को अमरता प्रदान करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनकी अखण्ड भारत को लेकर जितनी बड़ी कल्पनाएं थी, जितने बड़े सपने थे, उसी के अनुरूप लक्ष्य बनाये और उतने ही महत्वपूर्ण कार्य किये। उनके कठोर व्यक्तित्व में बिस्मार्क जैसी संगठन कुशलता, कौटिल्य जैसी राजनीति सत्ता तथा राष्ट्रीय एकता के प्रति अब्राहम लिंकन जैसी अटूट निष्ठा थी। जिस अदम्य उत्साह, असीम शक्ति एवं कर्मठता से उन्होंने नवजात भारत गणराज्य की प्रारम्भिक कठिनाइयों का समाधान किया, उसके कारण विश्व के राजनीतिक मानचित्र पर वे एक अमिट आलेख बन गये। राजनीति...