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आनंद के माया-जाल पर शिकंजा

आनंद के माया-जाल पर शिकंजा

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By अनुज अग्रवाल व अतुल मोहन सिंह बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी की मुखिया मायावती के भाई आनंद कुमार पर्दे के पीछे भी राजनीति में बड़े सक्रिय रहे। उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती के भाई आनंद कुमार 2007 से पहले नोएडा अथॉरिटी में लिपिक (क्लर्क) के पद पर कार्यरत थे। बहुजन समाज पार्टी के हर काम में बड़ा दखल रखने वाले आनंद कुमार ने सात वर्ष में इतनी तरक्की कर ली कि अब आयकर विभाग की टीम उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के भाई और पार्टी उपाध्यक्ष आनंद कुमार व उनकी पत्नी विचित्रलता के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयकर विभाग ने आनंद कुमार के दिल्ली से सटे नोएडा में 400 करोड़ रुपये के एक बेनामी प्लॉट को जब्त कर लिया है। आयकर विभाग काफी समय से मायावती के भाई आनंद कुमार की संपत्ति की जांच कर रहा था। इस जांच में आयकर विभाग को ...
क्रांत परम्परा से ऋषि बने महामानव

क्रांत परम्परा से ऋषि बने महामानव

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महर्षि अरविन्द जन्म जयन्ती- 15 अगस्त 2019 पर विशेष देश को आजादी दिलाने में जिन महान क्रांतिकारियों का योगदान रहा है, उनमें  महर्षि अरविन्द शीर्ष पर है, इन्होंने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी एवं दार्शनिक बन गये और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। वे देश की राजनीतिक ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक क्रांति के सशस्त हस्ताक्षर थे। वे एक क्रांतिकारी, योगी, मनीषी, साहित्यकार, समाज-सुधारक, विचारक एवं दार्शनिक थे। क्रांतिकारी इसलिए की वे गरमदल के लिए प्रेरणास्रोत थे और दार्शनिक इसलिए की उन्होंने ‘क्रमविकास’ का एक नया सिद्धांत गढ़ा। दर्शनशास्त्र में जीव वैज्ञानिक चाल्र्स डार्विन के साथ उनका नाम भी जोड़ा जाता है। उन्हीं के आह्वान पर हजारों बंगाली युवकों ने देश की स्वतंत्रता के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदों को चूम लिया था...
भारतीय संस्कृति के आदर्श ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ के विचार में है  विश्व की समस्याओं का समाधान

भारतीय संस्कृति के आदर्श ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ के विचार में है विश्व की समस्याओं का समाधान

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  (1) भारत सांस्कृतिक विविधता के कारण एक लघु विश्व का स्वरूप धारण किये हुए हैं। भारत की सांस्कृतिक विविधता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का सन्देश देती है अर्थात सारी वसुधा एक विश्व परिवार है। भारत की महान नारी लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर ने लोक कल्याण की भावना से होलकर साम्राज्य का संचालन हृदय की विशालता, असीम उदारता तथा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर बड़ी ही कुशलतापूर्वक किया। 70 वर्ष की आयु में अहिल्याबाई की महान आत्मा 13 अगस्त 1795 को नश्वर देह से निकलकर अखिल विश्वात्मा में विलीन हो गयी। भारत सरकार से मेरी अपील है कि वह लोकमाता अहिल्याबाई की जयन्ती 31 मई को राष्ट्रीय स्तर पर ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रस्ताव पारित करें।  (2) वह भारत की ऐसी प्रथम नारी शासिका थी जिन्होंने अपनी प्रजा को अपनी संतानों की तरह लोकमाता के रूप में संरक्षण दिया। साथ ही अत्यन्त ही लोक कल्याण...
बढ़ते अंधेपन का प्रमुख कारण है-विटामिन ए की कमी

बढ़ते अंधेपन का प्रमुख कारण है-विटामिन ए की कमी

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  हाल ही में एक पैडेट्रीशियन ने मुझे एक बच्चे को देखने के लिए बुलाया था। वह बच्चा कुछ दिन पहले उस पैडेट्रीशियन के पास डायरिया के इलाज के लिए आया था। उसका पिछला रिकार्ड देखते ही मैं समझ गया था कि बच्चा  अवश्य ही विटामिन ए और अपर्याप्त पोषण से जूझ रहा है। बच्चे को देख कर मैं खुद को बेबस महसूस करने लगा क्यों कि विटामिन ए की कमी के कारण उसे केराटोमेलेशिया (कोर्निया का पिघलना) नामक बीमारी हो गई थी और वह सदा के लिए अपनी आखों की दृष्टि खो चुका था। आज के समय में विटामिन ए की कमी बच्चों में बढ़ते अंधेपन का एक बहुत बड़ा कारण है। साथ ही इससे कई अन्य बीमारियां जैसे डायरिया और मीसल्स आदि होने की भी अधिक संभावना रहती है, जिससे मौत का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में विटामिन ए की पर्याप्त मात्रा नार्मल दृष्टि, हड्डियों का विकास, हैल्थी स्किन, पाचन के म्यूकस मेम्ब्रेन की सुरक्षा, श्वास प्रणाली और यूरेनरी टै्...
देश प्रेम का विस्तार विश्व प्रेम के रूप में होना ही मानवता है!

देश प्रेम का विस्तार विश्व प्रेम के रूप में होना ही मानवता है!

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रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता (पहले कलकत्ता) के एक प्रतिष्ठित और कला प्रिय परिवार में हुआ। रवीन्द्रनाथ टैगोर यूं तो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, पर बंगाली साहित्य में उनका अप्रतिम योगदान रहा। उन्होंने महाकाव्य को छोड़कर तकरीबन सभी विधाओं में साहित्य रचना की। रवीन्द्रनाथ ने करीब ढाई हजार गीत लिखे और संगीतबद्ध किए। जीवन के अंतिम वर्षों में उनका झुकाव पेंटिंग की ओर हुआ और उन्होंने करीब 3 हजार पेंटिंग्स बनाई। उनके बड़े भाई श्री सत्येन्द्रनाथ आईसीएस परीक्षा पास करने वाले प्रथम भारतीय थे। टैगोर का विवाह 9 दिसंबर 1893 को मृणालिनी देवी के साथ हुआ था। रवीन्द्रनाथ जी की प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के सेंट जेवियर स्कूल में हुई थी। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1878 में लंदन के यूनिवर्सिटी कालेज में बेरिस्टरी की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया लेकिन बिना डिग्री की पढ़ाई पूरी किए ही वे भारत लौट आए। हालांकि...
Revocation of Article 370: Doom for Separatists

Revocation of Article 370: Doom for Separatists

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Future generation of India will remember August 5, 2019 as a milestone in Indian history. Article 370 of the Indian Constitution giving special status to the state of Jammu & Kashmir has been revoked. It spells dooms day for the separatists in the Kashmir valley. The state has been bifurcated into two Union Territories- Jammu & Kashmir with a legislature and Ladakh without a legislature.  Contrary to the general opinion that the step taken by Prime Minister Narendra Modi and Home Minister Amit Shah to end the special status of the state was done in hurry, the government decision was well planned and executed after five years of the Centre’s study of the situation in the state. I am not privy to any information in this regard but as a political commentator I have my own views on ho...
कागज और पेंसिल से बनाया पोर्टेबल हीटर

कागज और पेंसिल से बनाया पोर्टेबल हीटर

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भारतीय वैज्ञानिकों ने कागज और पेंसिल की मदद से एक छोटा पोर्टेबल हीटर बनाया है। इसका उपयोग ऐसे कार्यों में किया जा सकेगा, जिनमें कम तापमान की जरूरत होती है। कागज-आधारित हीटर बनाने की यह तकनीक पुणे स्थित सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने विकसित की है।  यह हीटर पेंसिल और नोटबुक के कागज के साथ एल्यूमीनियम फॉइल, तांबे के तार, ग्लास शीट, पेपर बाइंडिंग क्लिप और बैटरी को जोड़कर बनाया गया है। सबसे पहले, 75 माइक्रोमीटर मोटाई के सामान्य कागज के दो इंच लंबे और डेढ़ इंच चौड़े टुकड़े की एक सतह पर 9बी ग्रेड पेंसिल से गहरी शेडिंग की गई और फिर इस कागज को 0.2 सेंटीमीटर मोटी ग्लास शीटों के बीच रखा गया। फिर, इस प्लेट को एल्युमीनियम फॉइल और तांबे के तार द्वारा 5 वोल्ट वाले बैटरी परिपथ से जोड़ा गया। इस हीटरनुमा संरचना को दो बाइंडिंग क्लिपों की मदद से कसकर स्थिर ...
प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों से लड़ने के लिए मिला नया हथियार

प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों से लड़ने के लिए मिला नया हथियार

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रोगजनक सूक्ष्मजीवों की दवाओं के प्रति बढ़ती प्रतिरोधक क्षमता के कारण अभी उपलब्ध एंटीबायोटिक बेअसर हो रहे हैं। भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नए पेप्टाइड का पता लगाया है, जो दवा प्रतिरोधी एसिनेटोबैक्टर बाउमानी बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार हो सकता है। अमीनो एसिड की छोटी श्रृंखलाओं को पेप्टाइड कहा जाता है। कई पेप्टाइड मिलकर प्रोटीन का गठन करते हैं। पेप्टाइड के बारे में अब तक उपलब्ध जानकारी के उपयोग से बेंगलूरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं ने ओमेगा76 नामक इस नए पेप्टाइड को कंप्यूटर एल्गोरिथ्म की मदद से डिजाइन किया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह सूक्ष्मजीवरोधी पेप्टाइड बैक्टीरिया की कोशिका झिल्ली को भेदकर उसे मार सकता है।   संक्रमित चूहों पर ओमेगा76 का परीक्षण करने पर पाया गया कि यह असरदार है और लंबी खुराक देने के बावजूद इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है। एसिनेटोबैक्टर बा...
मर्दों का क्या है, ये तो ऐसे ही होते हैं!

मर्दों का क्या है, ये तो ऐसे ही होते हैं!

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अंकल परिवार के साथ अच्छी जगह डिनर करने आए हैं। बगल में बीवी है, दो बड़े बच्चे भी बैठे हैं.. सब बहुत खुश हैं, जोर जोर से हँस रहे हैं लेकिन अंकल के लिए इतना काफी नहीं है। अंकल को सामने वाली टेबल पर बैठी लड़की को घूरना है। कभी रँगे हुए बालों को ठीक करते हुए, कभी फोन पर बात करते हुए उनको बस सामने वाली लड़की को लीचड़ता की हद पार करते हुए निहारना है। उनने ठरक के साथ बहुत सारा धन भी संचय किया है तो उनको लगता है कि उनकी लीचड़ता किसी सड़क छाप लड़के की लीचड़ता से बेहतर है। बीवी बगल में बैठी बच्चों का ध्यान रख रही है, उनको क्या खाना है, क्या नहीं सब फरमाइश सुन रही है, खुद को भी सँवार रही है लेकिन पति के कमीनेपन से अंजान है। उसका पति भगवान है उसे यही बताया गया है और भगवान को जिंदा रखने के लिए वो हर साल बस नियम से करवा चौथ करते आ रही है। वह पति की आंखें खुली रखना चाहती है और पति अपने पैंट की चैन। ऐसे तो हर...
‘जगत गुरू’ भारत को अब सारे विश्व की एक लोकतांत्रिक व्यवस्था बनानी है!

‘जगत गुरू’ भारत को अब सारे विश्व की एक लोकतांत्रिक व्यवस्था बनानी है!

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लोकमात्य बाल गंगाधर तिलक एक समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, गणितज्ञ, खगोलशास्त्री, पत्रकार और भारतीय इतिहास के विद्वान थे। तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि में हुआ था। तिलक के पिता श्री गंगाधर रामचंद्र तिलक संस्कृत के विद्वान और प्रसिद्ध शिक्षक थे। तिलक एक प्रतिभाशाली छात्र थे। वह अपने कोर्स की किताबों से ही संतुष्ट नहीं होते थे। गणित उनका प्रिय विषय था। वह क्रेम्बिज मैथेमेटिक जनरल में प्रकाशित कठिन गणित को भी हल कर लेते थे। उन्होंने बी.ए. करने के बाद एल.एल.बी. की डिग्री भी प्राप्त कर ली। वह भारतीय युवाओं की उस पहली पीढ़ी से थे, जिन्होंने आधुनिक काॅलेज एजुकेशन प्राप्त की थी। तिलक को जीवन के सबसे जरूरी समय में माता-पिता का सानिध्य नहीं मिल पाया था। केवल दस वर्ष की अवस्था में ही तिलक की माँ उन्हें छोड़कर चल बसीं और कुछ ही वर्षों के बाद पिता का भी देहांत हो गया। तिलक को...