धरती माता को वीटो पाॅवर की कैद तथा परमाणु शस्त्रों की होड़ से मुक्त कराने के लिये ‘आजाद’ जैसे क्रान्तिकारी जज्बे की जरूरत है!
अंग्रेजी उपनिवेशवाद के युग में भारत सहित विश्व के लगभग 54 देशों में अंग्रेजी राज के प्रति नफरत और आक्रोश फैला हुआ था। उपनिवेशवाद में यूरोपीय देशों ने पूँजी के द्वारा ‘सर्वोच्च लाभ’ प्राप्त किया है। उपनिवेशवाद का पूरे यूरोप का मुख्य केन्द्र इंग्लैण्ड रहा है। उपनिवेशवाद का तात्पर्य है आर्थिक दृष्टि से विकसित देशों के द्वारा अविकसित देशों का शोषण। पिछड़े देशों की सारी आर्थिक व्यवस्था उनपर निर्भर रहती है। अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ की अन्यायपूर्ण विचारधारा के कारण अंग्रेज के गुलाम 54 देशों के मूल निवासी गरीबी, बीमारी, अशिक्षा तथा गुलामी से भरा अपमानजनक जीवन जी रहे थे। विश्व के इन देशों की प्राकृतिक सम्पदाओं का दोहन करके तथा मानव संसाधन का शोषण करके अंग्रेज अपने देश इंग्लैण्ड को समृद्ध कर रहे थे।
इस कालखण्ड में गुलाम भारत में अंग्रेजांे के प्रति आक्रोश चरम सीमा पर था। स्वाध...