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EXCLUSIVE NEWS

धरती माता को वीटो पाॅवर की कैद तथा परमाणु शस्त्रों की होड़ से   मुक्त कराने के लिये ‘आजाद’  जैसे क्रान्तिकारी जज्बे की  जरूरत है!

धरती माता को वीटो पाॅवर की कैद तथा परमाणु शस्त्रों की होड़ से  मुक्त कराने के लिये ‘आजाद’  जैसे क्रान्तिकारी जज्बे की  जरूरत है!

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  अंग्रेजी उपनिवेशवाद के युग में भारत सहित विश्व के लगभग 54 देशों में अंग्रेजी राज के प्रति नफरत और आक्रोश फैला हुआ था। उपनिवेशवाद में यूरोपीय देशों ने पूँजी के द्वारा ‘सर्वोच्च लाभ’ प्राप्त किया है। उपनिवेशवाद का पूरे यूरोप का मुख्य केन्द्र इंग्लैण्ड रहा है। उपनिवेशवाद का तात्पर्य है आर्थिक दृष्टि से विकसित देशों के द्वारा अविकसित देशों का शोषण। पिछड़े देशों की सारी आर्थिक व्यवस्था उनपर निर्भर रहती है। अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ की अन्यायपूर्ण विचारधारा के कारण अंग्रेज के गुलाम 54 देशों के मूल निवासी गरीबी, बीमारी, अशिक्षा तथा गुलामी से भरा अपमानजनक जीवन जी रहे थे। विश्व के इन देशों की प्राकृतिक सम्पदाओं का दोहन करके तथा मानव संसाधन का शोषण करके अंग्रेज अपने देश इंग्लैण्ड को समृद्ध कर रहे थे।  इस कालखण्ड में गुलाम भारत में अंग्रेजांे के प्रति आक्रोश चरम सीमा पर था। स्वाध...
विवाह से पूर्व एच.आई.वी. टेस्ट अनिवार्य हो

विवाह से पूर्व एच.आई.वी. टेस्ट अनिवार्य हो

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मानव शरीर की जीवनीशक्ति हर प्रकार से एक दैविक शक्ति है। परन्तु अक्सर लोग उस दैविक शक्ति को समझने और उसके सहारे सदैव स्वस्थ रहने की परम्पराओं का अनुसरण नहीं कर पाते। स्वस्थ रहने के लिए आधुनिक मानव अप्राकृतिक तथा मानव निर्मित औषधियों आदि का सहारा लेने लग पड़ा है। हम जितना प्रकृति से दूर रहते हैं, हमारे शरीर में उस दिव्य जीवनीशक्ति के कमजोर होने की सम्भावना उतनी ही अधिक बढ़ जाती है। यह दिव्य शक्ति ही अपने आप समय-समय पर पैदा होने वाले शारीरिक और मानसिक रोगों से लड़ने का काम करती है जिसे इम्यूनिटी अर्थात् रोग प्रतिरोधक शक्ति कहा जाता है। हमारी अप्राकृतिक जीवन पद्धति और खान-पान तथा हर प्रकार के प्रदूषित वातावरण के कारण हमारी यह रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होती चली जाती है। एक परिस्थिति ऐसी आती है जब हमारे शरीर में इस रोग प्रतिरोधक शक्ति के अभाव को पैदा करने वाला एक ऐसा वायरस पैदा हो जाता है जो इस दिव्य ...
“भारतीय संस्कृति से विश्व का कल्याण होगा”                   

“भारतीय संस्कृति से विश्व का कल्याण होगा”                   

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भारतीय संस्कृति पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आघात शतकों से होता आ रहा है। विदेशी धर्मान्ध आक्रांताओं द्वारा सत्य सनातन वैदिक हिन्दू धर्म व संस्कृति को नष्ट करने के कुप्रयासों का अत्याचारी इतिहास भुलाया नहीं जा सकता। सत्य,अहिंसा,सहिष्णुता,उदारता व क्षमा के मार्गों पर चलने की प्रेरणा देने वाली भारतीय संस्कृति विश्व को एक परिवार का रूप मानती रहीं है। लेकिन कोई जब इन सद्गुणों का अनुचित लाभ उठा कर अत्याचारी व अन्यायी हो जाये तो उसका प्रतिकार करना भी भारतीय संस्कृति के अनुसार अनुचित नहीं बल्कि धर्म सम्मत एवं सार्थक है। हमारे शास्त्रों में आचार्यों के स्पष्ट संकेत हैं कि जब आत्मरक्षा , स्वाभिमान व अस्तित्व पर संकट हो तो उस स्थिति में साम, दाम, दंड व भेद की नीतियों का सहारा लेना भी धर्म होता है। अतः जैसे को तैसा का आचरण अपना कर "दुर्जन के आगे कैसी सज्जनता व हिंसक के सामने कैसी अहिंसा"  ही सर्...
सीता विवाह, परशुराम धनुष एवं जनकजी की प्रतिज्ञा का रहस्य

सीता विवाह, परशुराम धनुष एवं जनकजी की प्रतिज्ञा का रहस्य

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श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंग सीता विवाह, परशुराम धनुष एवं जनकजी की प्रतिज्ञा का रहस्य जब राजा जनक ने देखा कि शिव धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाना तो दूर उसे सभा में अनेक राजा तिलभर भी हिला नहीं सकें तब दु:ख के साथ कहा- अब जनि कोउ माखै भट मानी। बीर बिहीन मही मैं जानी।। तजहु आस निज निज गृह जाहू। लिखा न बिधि बैदेहि बिवाहू।। श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड २५२-२ अब कोई भी वीर जो कि वीरता का गर्व करता हो नाराज न हो। मैंने जान लिया, पृथ्वी वीरों से रिक्त (खाली) हो गई। अब आशा छोड़कर (विवाह की) अपने अपने घर जाओ, ब्रह्माजी ने सीता का विवाह लिखा ही नहीं। यह सुनकर- बिस्वामित्र समय सुभ जानी। बोले अति सनेहमय बानी।। उठहु राम भंजहु भव चापा। मेट्हु तात जनक परितापा।। श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड २५४-३ विश्वामित्रजी ने शुभ समय जानकर, प्रेमभरी वाणी से कहा- हे राम! उठो शिवजी का धनुष तोड़ो और हे तात्! जनक का सन्त...
Here is why states need tailor-made strategies to address anaemia

Here is why states need tailor-made strategies to address anaemia

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Anaemia is a major public health concern in India, with over 51% of Indian women in the age group of 15 to 49 suffering from the condition. Whilst the country is headed to reduce anaemia cases by half by 2025, it is of utmost important to address the various nutritional and non-nutritional factors responsible for its high burden. Deficiency of various micronutrients can lead to anaemia. However, Iron deficiency has been primarily held responsible. Consequently, the various initiatives mounted over years to deal with the condition have invariably focused on iron supplementation. A new study that analyzed data from two national surveys has highlighted the need to focus on other contributing factors also, beside Iron supplementation and fortification of food articles. "Diets in India...
पेट और छाती का कैंसर रूकेगा पिपैक से

पेट और छाती का कैंसर रूकेगा पिपैक से

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डॉ. समीर कौल सीनियर कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक्स अध्यक्ष, बीसीपीबीएफ द कैंसर फाउंडेशन, नई दिल्ली प्रेशराइज्ड इंट्रा पेरिटोनियल एयरोसोल कीमोथेरेपी (पीआईपीएसी) कैंसर के उपचार में एक अभूतपूर्व सफलता है। इसके तहत कैंसर को नष्ट करने के लिए कीमाथेरेपी को स्प्रे फॉर्म में दबाव के साथ पेट की गुहा और छाती गुहा जैसे शरीर में सीमित स्थानों तक पहुंचाया जाता है, जो वहां साधारण लैप्रोस्कोप के माध्यम से फैल गए हैं। यह थेरेपी अंडाशय, बृहदान्त्र, पेट, अपेंडिक्स के कैंसर के इलाज के लिए सबसे उपयुक्त है जो एडवांस स्टेज में है और जिसमें पेरिटोनियल गुहा भी शामिल है और जिसका इलाज करने में अन्य पारंपरिक चिकित्सा विफल रहती हैं। यह वैसे कैंसर के इलाज में अत्यधिक प्रभावी है जो पेट की गुहा और छाती गुहा की लाइनिंग से उत्पन्न होता है, जिसे मेसोथेलिओमास कहा जाता है। ऐसे कैंसर जिन्हें वर्तमान में तीव्र...
माइग्रेन….. कई प्रकार से अटैक करता है

माइग्रेन….. कई प्रकार से अटैक करता है

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चारू (बदला हुआ नाम) को अक्सर सुबह उठते ही सिरदर्द होने लगता था। सिरदर्द की उत्तेजना इतनी अधिक होती थी कि उसे किसी तरह से आराम नहीं मिलता था। कभी-कभी तो वह अपना सिर दीवार में मारने लगती थी। तो, हारकर उसने डाक्टर को दिखाया तब पता चला कि वह सिरदर्द की ऐसी समस्या से ग्रस्त है जो कि जीवन भर उसका साथ नहीं छोड़ेगी। असल में, वह माइग्रेन की चपेट में आ चुकी थी। दर्द हमारे जीवन का एक अभिन्न भाग है। हर कोई कभी न कभी, कहीं न कहीं तो किसी न किसी प्रकार के दर्द से अवश्य ही जूझता है। कमर दर्द, दांत दर्द, पैर दर्द, गर्दन दर्द तो ऐसे आम दर्द हैं, जिनकी शिकायत रोजाना सुनने को मिल सकती है। ऐसा ही एक आम तौर पर उभरने वाला दर्द है-सिरदर्द। हम अक्सर ही सिरदर्द से परेशान हो जाते हैं। वैसे तो सिरदर्द को सामान्य ही समझा जाता है, लेकिन हर केस में अक्सर होने वाला सिरदर्द आम नहीं होता है। वास्तव में, बहुत सी बड़ी बीमार...
युवा भारत 21वीं सदी में ‘जगत गुरू’ बनने की ओर

युवा भारत 21वीं सदी में ‘जगत गुरू’ बनने की ओर

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15 जुलाई - विश्व युवा कौशल दिवस पर हार्दिक बधाइयाँ! विश्व युवा कौशल दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 नवम्बर 2014 को श्रीलंका के प्रस्ताव पर की गयी थी। महासभा ने 15 जुलाई को प्रतिवर्ष विश्व युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र ने विश्व के सभी देशों से यह आग्रह किया कि वे अपने देश में युवाओं को कौशल विकास में सहायता प्रदान करें ताकि ये युवा आगे चलकर बेहतर राष्ट्र तथा विश्व के निर्माण में योगदान दे सकें। 21वीं सदी की युवा पीढ़ी सारे विश्व में घूम-घूमकर अपनी सर्वोत्तम प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है। इनोवेशन की 21वीं सदी में वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा साकार रूप लेने की ओर से तेजी से बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित यह महत्वपूर्ण दिवस तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए कौशल के विकास के महत्व पर अधिक जागरूकता और विश्व बन्धुत्व की भावना वि...
भ्रष्टाचार की सफाई का संकल्प

भ्रष्टाचार की सफाई का संकल्प

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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का करप्शन पर सशक्त वार करते हुए भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोप में लिप्त अधिकारियों के ठिकानों पर सीबीआई की दस्तक एक नई भोर का आगाज है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर लगातार प्रहार के लिए केंद्र और राज्य सरकार के संकल्प की सराहना की जानी चाहिए। बुलंदशहर के जिलाधिकारी अभय सिंह और कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक विवेक के अलावा कई अन्य बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई इस बात का प्रबल संकेत है कि केंद्र और राज्य सरकार भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन के लिये प्रतिबद्ध है। अरबों रुपयों के खनन घोटाले में इससे पहले गायत्री प्रजापति समेत कई सफेदपोशों और अधिकारियों को जेल भेजा जा चुका है। भ्रष्टाचार एवं आचरणहीनता भारत की प्रशासनिक व्यवस्था के बदनुमा दाग हैं, जिन्हें धोने एवं पवित्र करने के स्वर आजादी के बाद से गंूज रहे हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने इस दिशा में कड़े कदम उठ...
सशक्त सेना सुरक्षित भारत

सशक्त सेना सुरक्षित भारत

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भारतीय सेना समूचे विश्व की दूसरी बड़ी सेना है और भारतीय सेना का वार्षिक खर्च समूचे विश्व में उसे 5वां स्थान प्रदान करता है। वर्ष 2018 में भारतीय सेना का बजट शिक्षा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के बजट का 5 गुना था, फिर भी पाकिस्तान और चीन के साथ लगती सीमाओं पर आये दिन तनाव के दृष्टिगत रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह बजट और अधिक होना चाहिए। लगभग 3 लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष सेवा निवृत्त सैनिकों को पेंशन वितरित की जाती है। अब तक भारतीय सेना के लिए रक्षा उपकरण बहुतायत विदेशों से आयात किये जाते थे, परन्तु अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'मेक इन इंडिया’ आह्वान के कारण भारत में कई प्रकार के रक्षा उपकरणों के निर्माण प्रारम्भ कर दिये गये हैं जिससे निकट भविष्य में भारत रक्षा उपकरणों का निर्यातक देश बनने की अवस्था में आ सकता है। मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम तथा संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) जैसे देशो...