Shadow

EXCLUSIVE NEWS

कितनी कारगर होगी नई शिक्षा नीति?

कितनी कारगर होगी नई शिक्षा नीति?

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
  डॉ. प्रमोद कुमार नई शिक्षा नीति के मसौदे में प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालयीन शिक्षा तक कईं बड़े बदलाव के प्रस्ताव हैं। इससे स्वतंत्रता के बाद पहली बार देश की शिक्षा व्यवस्था के भारतीय पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है। परन्तु कस्तूरीरंगन समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति चाहिए। यह सवाल इसलिए लाजिमी है क्योंकि इससे पूर्व भी कई बार अनेक शिक्षा आयोग एवं समितियां बनीं, परन्तु उनकी सिफारिशें लागू नहीं हो पायीं। देशवासियों को उम्मीद है कि प्रचंड जनादेश प्राप्त मोदी सरकार इस मोर्चे पर दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाएगी। स्वतंत्रता के बाद देश में जितनी उपेक्षा शिक्षा की हुई उतनी संभवत: किसी अन्य क्षेत्र की नहीं हुई। परिणामस्वरूप आज न तो देशभर में एक समान पाठ्यक्रम लागू है, न इतिहास की समग्र जानकारी बच्चों को दी जाती है, न नई पीढ़ी को देश की समृद्ध एवं गौरवशाली सांस...
संघ के स्वयंसेवकों से इतना परहेज क्यों?

संघ के स्वयंसेवकों से इतना परहेज क्यों?

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
पिछले दिनों विदेश में तैनात भारत के एक राजदूत से मोदी सरकार के अनुभवों पर बात हो रही थी। उनका कहना था कि मोदी सरकार से पहले विदेशों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन दूतावास के अधिकारी ही किया करते थे। लेकिन जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से अप्रवासी भारतीयों के बीच सक्रिय संघ व भाजपा के कार्यकर्ता इन कार्यक्रमों के आयोजन में काफी हस्तक्षेप करते हैं और इन पर अपनी छाप दिखाना चाहते हैं। कभी-कभी उनका हस्तक्षेप असहनीय हो जाता है। सत्तारूढ़ दल आते-जाते रहते हैं। इसलिए दूतावास अपनी निष्पक्षता बनाए रखते हैं और जो भी कार्यक्रम आयोजित करते हैं, उनका स्वरूप राष्ट्रीय होता है, न कि दलीय। इस विषय में क्या सही है और क्या गलत, इसका निर्णंय करने में भारत के नये विदेश मंत्री जयशंकर सबसे ज्यादा सक्षम हैं। क्योकि वे किसी राजनैतिक दल के न होकर, एक कैरियर डिप्लोमेट रहे हैं। कुछ ऐसी ही शिकायत देश क...
MAGMA (AGNI DEVTA) REVEALS ON SURFACE OF CHINESE MAIN LAND

MAGMA (AGNI DEVTA) REVEALS ON SURFACE OF CHINESE MAIN LAND

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
Abstract :- The active volcanoes in China are located in the Changbaishan area, Jingbo Lake, Wudalianchi, Tengchong and Yutian. Several of these volcanoes have historical records of eruption and geochronological evidence of Holocene activity. Tianchi Volcano is a well-preserved Cenozoic polygenetic central volcano, and, due to its recent history of powerful explosive eruptions of felsic magmas, with over 100,000 people living on its flanks is a high-risk volcano. Explosive eruptions at 4000 and 1000 years bp involved plinian and ignimbrite phases. The Millennium eruption (1000 years bp) involved at least 20–30 km3of magma and was large enough to have a global impact. There are 14 Cenozoic monogenetic scoria cones and associated lavas with high-K basalt composition in t...
MAY GOD SAVE CHINA FROM DEVASTATING EARTHQUAKES

MAY GOD SAVE CHINA FROM DEVASTATING EARTHQUAKES

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
China is a Geothermal Area. Entire land of China is full of cracks where in magma of 1200 degree centigrade comes in contact with water and thereby lot of steam is produced. Whenever the pressure of steam exceeds a critical limit blasts occur resulting into severe earthquakes. In other words storage of water in Hydro Electric dams in counterproductive for China. Here are the lists of the largest hydroelectric dams and devastating earthquakes in China List of Earthquakes In a collision that began at least 40 million years ago India has rammed 2000km into Eurasia and piled up the Himalayas and lofty Tibetian plateau. Pinned agai...
अध्यात्म एवं विज्ञान में समन्वय से विश्व की समस्याओं का समाधान होगा!

अध्यात्म एवं विज्ञान में समन्वय से विश्व की समस्याओं का समाधान होगा!

addtop, EXCLUSIVE NEWS, सामाजिक
4 जुलाई - स्वामी विवेकानन्द जी की पुण्य तिथि पर शत् शत् नमन! भारत के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में हुआ था। वह अध्यात्म एवं विज्ञान में समन्वय एवं आर्थिक समृद्धि के प्रबल समर्थक थे। स्वामी विवेकानंद के अनुसार ‘‘लोकतंत्र में पूजा जनता की होनी चाहिए। क्योंकि दुनिया में जितने भी पशु-पक्षी तथा मानव हैं वे सभी परमात्मा के अंश हैं।’’ स्वामी जी ने युवाओं को जीवन का उच्चतम सफलता का अचूक मंत्र इस विचार के रूप में दिया था - ‘‘उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये।’’ स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त कलकत्ता के एक सफल वकील थे और मां श्रीमती भुवनेश्वरी देवी एक शिक्षित महिला थी। अध्यात्म एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के नरेन्द्र के मस्तिष्क में ईश्वर के सत्य को जानने क...
राम नाम तो लेगा ही भारत

राम नाम तो लेगा ही भारत

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
जिस देश के कण-कण में राम बसे हों, वहां पर राम नाम बोलने पर ममता बनर्जी सीधे-सरल लोगों को जेल भेज रही है। क्या कभी किसी ने सोचा था कि भारत में राम नाम बोलने पर भी जेल हो सकती है या धमकियां मिल सकती है? यदि कोई शख्स जय श्रीराम कहता है तो ममता दीदी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है। "आपलोग दूसरे राज्य से यहां आते और रहते हैं और फिर जय श्रीराम का नारा लगाते हैं। मैं सबकुछ बंद कर दूंगी।" ज़रा गौर करें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की भाषा का स्तर ।  ममता बनर्जी को आख़िर यह क्या गया है? अब ममता बनर्जी को कौन बताए कि भारत की राम के बिना तो कल्पना करना भी असंभव है। सारा भारत राम को अपना अराध्य , आदर्श और पूजनीय मानता  है।डॉ.  राम मनोहर लोहिया जी कहते थे कि भारत के तीन सबसे बड़े पौराणिक नाम - राम, कृष्ण  और शिव -  हैं। उनके काम के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी प्राय: सभी को, कम से कम दो में एक क...
धरती पर जीवन के लिये जल संरक्षण जरूरी

धरती पर जीवन के लिये जल संरक्षण जरूरी

addtop, EXCLUSIVE NEWS, राष्ट्रीय
पर्यावरण से जुुड़े खतरों के प्रति सचेत करने, पर्यावरण की रक्षा करने एवं उसे बचाने के उद्देश्य से हर वर्ष 5 जून 2019 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विभिन्न सरकारों एवं इंसानों ने पर्यावरण एवं प्रकृति को बचाने के लिये कई उपाय कर रखे हैं, पर कुछ खतरे ऐसे हैं जिनसे बचने की संभावना जटिल बताई जा रही है। ऐसे ही खतरे जल प्रदूषण एवं पीने के स्वच्छ जल की निरन्तर घटती मात्रा को लेकर खड़े हैं। धरती पर जीवन के लिये जल सबसे जरूरी वस्तु है। यहाँ किसी भी प्रकार के जीवन और उसके अस्तित्व को यह संभव बनाता है। जीव मंडल में पारिस्थितिकी संतुलन को यह बनाये रखता है। पीने, नहाने, ऊर्जा उत्पादन, फसलों की सिंचाई, सीवेज के निपटान, उत्पादन प्रक्रिया आदि बहुत उद्देश्यों को पूरा करने के लिये स्वच्छ जल बहुत जरूरी है। जल प्रदूषण एवं पीने लायक जल की घटती मात्रा दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती बन चुका हैं। पर्यावरण से ...
ईश्वर की तलाश खुद में करें

ईश्वर की तलाश खुद में करें

addtop, EXCLUSIVE NEWS, संस्कृति और अध्यात्म
परमात्मा को अनेक रूपों में पूजा जाता है। कोई ईश्वर की आराधना मूर्ति रूप में करता है, कोई अग्नि रूप में तो कोई निराकार! परमात्मा के बारे में सभी की अवधारणाएं भिन्न हैं, लेकिन ईश्वर व्यक्ति के हृदय में शक्ति स्रोत और पथ-प्रदर्शक के रूप में बसा है। जैसे दही मथने से मक्खन निकलता है, उसी तरह मन की गहराई में बार-बार गोते लगाने से स्वयं की प्राप्ति का एहसास होता है और अहं, घृणा, क्रोध, मद, लोभ, द्वेष जैसे भावों से मन विरक्त हो पाता है। इंसान के भीतर बसे ईश्वर की अनुभूति एवं उसका साक्षात्कार अमूल्य धरोहर है, जो अंधेरों के बीच रोशनी, निराशा के बीच आशा एवं दुखों के बीच सुख का अहसास कराती हैं। जीवन उतार-चढ़ावभरा है, कभी लोग छूट जाते हैं तो कभी वस्तुएं। खुद को संभाले रखना आसान नहीं हो पाता। समझ नहीं आता, करें तो क्या? सीक्रेट लाइफ ऑफ वाटर में मैसे ईमोटो लिखते हैं, ‘अगर आप उदास, कमजोर, निराश, संदेह या ...
Initiatives taken for Increasing Domestic Production of Oil and Gas

Initiatives taken for Increasing Domestic Production of Oil and Gas

addtop, EXCLUSIVE NEWS, समाचार
The policy initiatives taken by the Government to increase domestic production of oil and gas include:- Policy for Relaxations, Extensions and Clarifications under Production Sharing Contract (PSC) regime for early monetization of hydrocarbon discoveries Discovered Small Field Policy Hydrocarbon Exploration and Licensing Policy Policy for Extension of Production Sharing Contracts Policy for early monetization of Coal Bed Methane Setting up of National Data Repository Appraisal of Unappraised areas in Sedimentary Basins. Re-assessment of Hydrocarbon Resources. Policy framework to streamline the working of Production Sharing Contracts in Pre-NELP and NELP Blocks Policy to Promote and Incentivize Enhanced Recovery Methods for Oil and Gas Policy framework f...
Better education links to good heart health

Better education links to good heart health

addtop, EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
A new study has emphasized the role of better education than wealth in tackling cardiovascular diseases. The study explored the association between education and wealth, on the one hand, and cardiovascular diseases and mortality due to them, on the other,to assess which marker was the stronger predictor of outcomes and examined whether any difference in socioeconomic status influenced the levels of risk factors and how the diseases are managed. "How much money you have tends to be a strong predictor of health outcomes, but education seems to be a far more robust measure to use across countries," says Dr Scott Lear, Simon Fraser University, Canada. In this cohort study, the researchers looked at 367 urban and 302 rural communities in 20 countries –India, Pakistan, Bangladesh, China,...