मुस्लिम वृद्धि दर बनाम अल्पसंख्यक हिन्दू
भारत में एक सेकुलर जमात है जो सेकुलर के नाम पर सिर्फ अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करती है। अल्पसंख्यकों को वोट बैंक मानकर राष्ट्रवाद की भावना पर प्रहार करती है। इस जमात को न तो भारत की एकता और अखंडता से कोई मतलब होता है और न ही नागरिकों को मिलने वाले अधिकारों से। यह जमात अल्पसंख्यकों की राजनीति तो करती है किन्तु अल्पसंख्यक शब्द को ठीक से पारिभाषित करने की मांग नहीं करती। जिन प्रदेशों में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं उनके लिए यह जमात किसी अधिकार की मांग नहीं करती। यह जमात बांग्लादेशी घुसपैठियों के मानवाधिकार हनन पर तो आवाज़ बुलंद करती है किन्तु हिन्दू अल्पसंख्यक इनके मानवाधिकार के दायरे से पीछे छूट जाते हैं। और शिकायत सिर्फ इस जमात से ही क्यों की जाये। पांच साल सत्ता में रही राष्ट्रवादी सरकार ने भी हिन्दू अल्पसंख्यक विषय पर खामोशी रखी। हालांकि, चालीस साल से रह रहे बांग्लादेशियों पर सरकार द्वारा निशान...