बस्तों का बोझ कम होने से लौटेगा बचपन
स्कूली बच्चों पर बस्तों का बोझ कम करने की चर्चा कई वर्षों से होती आई है लेकिन अब केन्द्र सरकार ने पाठ्यक्रम का बोझ कम करने का फैसला किया है, जो एक सराहनीय कदम है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि पहली और दूसरी के छात्रों को होमवर्क न दिया जाए और उनके बस्तों का वजन भी डेढ़ किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए। मंत्रालय ने पहली से लेकर दसवीं क्लास तक के बच्चों के बस्ते का वजन भी तय कर दिया है। निश्चित ही शिक्षा पद्धति की एक बड़ी विसंगति को सुधारने की दिशा में यह एक सार्थक पहल है जिससे भारत के करीब 24 करोड़ बच्चों का बचपन मुस्कुराना सीख सकेगा।
सरकार ने संभवतः पहली बार यह बात स्वीकार की है कि बच्चों को तनावमुक्त बनाये रखना शिक्षा की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। पिछले कुछ समय से विभिन्न सरकारों की यह प्रवृत्ति हो चली है कि वे शिक्षा में बदलाव के नाम पर पाठ्यक्रम को संतुलित...