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Urban ‘forests’ can store almost as much carbon as tropical rainforests

Urban ‘forests’ can store almost as much carbon as tropical rainforests

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Most people would never think of London as a forest. Yet there are actually more trees in London than people. And now, new work by researchers at University College London shows that pockets of this urban jungle store as much carbon per hectare as tropical rainforests. More than half of the world’s population lives in cities, and urban trees are critical to human health and well-being. Trees provide shade, mitigate floods, absorb carbon dioxide (CO₂), filter air pollution and provide habitats for birds, mammals and other plants. The ecosystem services provided by London’s trees – that is, the benefits residents gain from the environment’s natural processes – were recently valued at £130m a year. This may equate to less than £20 a year per tree, but the real value may be much higher, ...
सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों का मुंह काला हो गया

सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों का मुंह काला हो गया

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कल सुबह जब अखबार खोला तो अरुण शौरी का बयान सामने था. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर तंज कसते हुए इसे ‘फर्जिकल स्ट्राइक’ बताया.  वो कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफ़ुद्दीन सोज़ की किताब के विमोचन समारोह में शामिल हुए थे. पहले ही सोज़ विवादों में थे. लेकिन अरुण शौरी के बयान से उन्हें भी पब्लिसिटी मिल गई. वैसे भी, प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बोल कर कोई भी ऐरा-गैरा सुर्खियों में आ जाता है. लेकिन ‘फर्जिकल स्ट्राइक’ का जुमला सुन कर वाकई दुख हुआ क्योंकि ये सीधे सीधे भारतीय सेना की साख पर हमला था. मैं सोचता रहा कि जब डीजीएमओ और जनरल हुडा का बयान आ चुका है तो सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं बनता. शौरी जैसे लोगों को कम से कम इतना ध्यान रखना चाहिए था. लेकिन ये कहां पता था कि शाम ढलते ढलते अरुण शौरी ही नहीं, राहुल गांधी, चिंदबरम, लालू, मायावती और केजरीवाल जैसे ...
अब बारी सोनिया व चिदंबरम की ? 

अब बारी सोनिया व चिदंबरम की ? 

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  सोनिया व चिदंबरम बाप बेटों पर आई इन एक्स मीडिया मामले में तो आरोपों की रकम थोड़ी सी ही है। इससे ज्यादा खेल तो कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के आरोपों में सामने आए हैं कि कैसे अपने अधिकारों की सीमा से बाहर जा सोनिया के ईशारों पर तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने हज़ारों करोड़ के एयरसेल मैक्सिस सहित सात अन्य विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मोटा कमीशन लेकर देश में निवेश को मंजूरी दी। आरोप है कि यह निवेश हवाला के जरिए बाहर भेजे गए कालेधन को सफेद करने का खेल था। सात निजी कम्पनियों को 16 मई 2014 को विदेशों से सोना व हीरे के आयात की अनुमति में भी बड़ी टैक्स चोरी की बात रविशंकर प्रसाद ने उजागर की, जिसमें चिदंबरम ने मोटी दलाली ली। मगर चिदंबरम बाप-बेटे के इससे भी अधिक विस्फोटक घोटालों का खुलासा श्री अय्यर की पुस्तक 'सी कम्पनी’ में किया गया है, जिसका विमोचन कल सुब्रमण्यम स्वामी ने किया है। पहल...
35 (17%) Sitting MLAs in Karnataka Assembly had declared serious criminal cases against themselves

35 (17%) Sitting MLAs in Karnataka Assembly had declared serious criminal cases against themselves

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The Karnataka Election Watch and Association for Democratic Reforms (ADR) have analysed the self-sworn affidavits of 207 out of 224 MLAs. 17 MLAs have not been analysed because either they are no longer members of Karnataka assembly or due to badly scanned affidavits. This report has been prepared on the basis of the affidavits submitted by the MLAs prior to Karnataka Assembly Elections, 2013. For more information, please visit: https://adrindia.org/content/karnataka-assembly-elections-2013-analysis-criminal-background-financial-education-gender Summary and Highlights       Criminal Background MLAs with Criminal Cases: Out of the 207 MLAs analysed, 68 (33%) MLAs had declared criminal cases against themselves. MLAs with Serious Criminal Cases: 35 (1...
Salman Khan Case: Hero Worship and Law

Salman Khan Case: Hero Worship and Law

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  Indians love to worship their heroes specially  when the hero or heroine is a film star. I was perplexed to notice the reaction of general public and that of fraternity of Mumbai film industry who came out in open and ridiculed the verdict of District and Session Judge of Jodhpur who found actor Salman Khan guilty of killing two blackbucks in Jodhpur during a film shooting in 1998. The judge Ravindra Kumar Joshi pronounced Salman guilty on April 5 and sentenced his to 5 year jail term under Wild Life Protection Act on April 6, 2018. Today, April 7 the judge granted bail to Salman. In three days, what one heard was an outcry against the conviction of the actor. Some termed the sentence “ too harsh” while others from the film industry said Salman does not deserve punishment since he is a...
योगी सरकार का एक साल :  भाजपाराज स्थापित, योगीराज का इंतज़ार 

योगी सरकार का एक साल : भाजपाराज स्थापित, योगीराज का इंतज़ार 

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  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का एक साल पूरा हो गया है। इस एक साल में उत्तर प्रदेश में परिवर्तन की बयार बह निकली है। व्यवस्था के ढीले पड़े पेंच कसावट महसूस कर रहे हैं। ईमानदार एवं सख्त योगी की नीयत साफ है किन्तु उनके हाथ बंधे हुये हैं। कार्यकर्ताओं की अनदेखी एवं दिल्ली के अनावश्यक हस्तक्षेप से उत्तर प्रदेश में 'भाजपाराज’ तो स्थापित हुआ है, 'योगीराज’ नहीं। योगी आदित्यनाथ को करीब से जानने वाले समझते हैं कि अपनों से घिरे योगी बहुत दिनों तक जकडऩ में रहने वाले नेता नहीं हैं। या तो दिल्ली उनकी जकडऩ कम कर देगी या योगी स्वयं इस जकडऩ से बाहर आना जानते हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार के एक साल पर ग्राउंड ज़ीरो से अमित त्यागी का एक विश्लेषण।   खिरकार, एक बरस बीत गया। उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज की समीक्षा का यह पहला पड़ाव है। सरकार की समीक्षा दो तरह से की जानी चाहिए। एक प्रशासनिक स्तर पर ए...
एक  है हिन्दुत्व  – सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

एक है हिन्दुत्व – सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

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रा.स्व.संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा यानी संघ से जुड़ा वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन। समाज में संघ कार्य की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है।  विविध क्षेत्रों में संघ के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की उत्कंठा है। 2018 के अवसर पर रेशिम बाग, नागपुर में सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवतने देश के वर्तमान राजनीतिक - सामाजिक परिदृश्य तथा संघ के बढ़ते व्याप के संदर्भ में पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर तथा आर्गेनाइजर के संपादक श्री प्रफुल्ल केतकर से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं विशेष साक्षात्कार के संपादित अंश- प्रश्न : आज संघ कार्य के लिए जो अनुकूलता दिखती है, इसे आप कैसे देखते हैं? उत्तर : संघ के स्वयंसेवक सर्वदूर समाज में जाते हैं। अन्यान्य क्षेत्रों में काम भी करते हैं। संघ की शाखा में भी जाते हैं। समाज में, विभिन्न संगठनों में काम करते हैं। कई ऐसे हैं जो ऐसा कुछ नहीं करते, अपनी घर-गृहस्...
आरक्षण के पैमाने ?

आरक्षण के पैमाने ?

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विगत 2 अप्रैल को सारा देश जलता रहा। कानून में बदलाव के विरोध में तथाकथित दलित संगठनों द्वारा भारत बंद के आहवान के दौरान दीनहीन,असहाय समझे और कहे जाने वाले दलित युवकों के नाम पर राजनीतिक रहनुमाओं द्वारा गुमराह उपद्रवियों ने जमकर तोड़-फोड़ की। उन्होंने जिस मुद्दे पर भारत बंद का आहवान किया था, वह तो सही या गलत कुछ भी हो सकता है जो विवेचना से ही मालूम होगा । उसपर विवाद भी नहीं है। हो सकता है आन्दोलनकारियों को विरोध और आक्रोश की अभिव्यक्ति का अधिकार भी हो, पर उन्हें सरेआम तोड़फोड़, मारपीट, हिंसा,आगजनी करने का तो कोई अधिकार नहीं है। उनके हिंसक बंद के दौरान अनेक निर्दोष लोगों की जानें गईं। नवजात बच्चे एम्बुलेंस में मर गये । कई मरीज अस्पताल पहुँचने के पहले ही स्वर्ग सिधार गये। वे सभी दलित नहीं थे । अगर बात यूपी के मेरठ की हो तो वहां हिंसा के पीछे बीएसपी नेता की साजिश का खुलासा हुआ है। मेरठ की एसएस...

Modi in Davos

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मोदी के हिंदी में बोलने का मतलब आर.के.सिन्हा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्विटजरलैंड के शहर डावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के 48वें सम्मेलन में हिन्दी में भाषण देना अपने आप में महत्वपूर्ण रहा। वे पूर्व में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को भी हिन्दी में संबोधित कर चुके हैं। इसके पूर्व जब विदेश मंत्री की हैसियत से 1977 में अटल बिहारी बाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपना भाषण दिया था तब वह भी खासा चर्चित रहा थाI एक तरह से मोदी ने हिंदी प्रेमियों के जेहन में बाजपेयी को वाक् पटुता, धाराप्रवाह भाषण और हिंदी प्रेम की याद ताज़ी कर दीI उनके डावोस में दिए भाषण के बाद कुछ चिर निराशावादी कहने लगे थे कि चूंकि भाषण हिन्दी में दिया गया है, इसलिए इसे विश्व प्रेस में जगह नहीं मिलेगी। लेकिन, हुआ इसके ठीक विपरीत। सारी दुनिया के महत्वपूर्ण मीडिया ने मोदी जी के भाषण को पर्याप्त कवरेज दी। दरअसल अब भारत ...

President mooting simultaneous polls: Good idea but how to implement

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President Ramnath Kovind in his address at budget-session of Parliament on 29.01.2018 endorsed Prime Minister for simultaneous polls to Lok Sabha, state-assemblies and civic-bodies. Election Commission and Vice President earlier favored the idea but without coming with its practical implementation. What happens if mid-term polls are necessitated due to some hung state-assembly. Only remedy for making simultaneous elections a dream-come-true is to ensure fixed-term Lok Sabha and all state-assemblies by electing Prime Minister and Chief Ministers simultaneously with Speakers and Deputy Speakers through secret and compulsory vote of all MLAs through EVMs (with VVAT provision) on nominations signed by at least 34-percent members of the lower House. Such elected persons may only be removed thro...