आर्थिक बदलाव के बावजूद नहीं बदली पोषण की समस्या
पर्याप्त पोषण को अच्छे स्वास्थ्य और देश के विकास का एक महत्वपूर्ण सूचक माना जाता है। हालांकि, भारत में पिछले दो दशकों में सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में बदलाव के बावजूद लोगों के पोषण की स्थिति में सुधार देखने को नहीं मिला है। भारत, अमेरिका और कोरिया के वैज्ञानिकों के एक शोध में यह बात सामने आई है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में परिवार न्यूनतम वांछित कैलोरी से वंचित हैं। अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के अनुसार प्रति व्यक्ति औसत कैलोरी उपभोग के साथ अपर्याप्त पोषक आहार के स्तर में भी विविधता देखी गई है।
इस अध्ययन में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के राष्ट्रीय प्रतिनिधि आंकड़ों का उपयोग किया गया है। वर्ष 1993-94 तथा 2011-12 के दौरान किए गए इस अध्ययन में एक लाख से अधिक शहरी एवं ग्रामीण परिवारों को शामिल किया गया...