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कांग्रेस बनाम गैर कांग्रेसी विपक्ष

कांग्रेस बनाम गैर कांग्रेसी विपक्ष

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सन 2014 के आम चुनावों में जीत के बाद और हालिया विधानसभा चुनावों के पहले तक भारतीय जनता पार्टी का अजेय होने का जो मिथक था, वह टूटता नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को मिली हार ने उसके प्रति बनी राष्ट्रीय अवधारणा में दरार डाल दी है। तीन हिंदीभाषी राज्यों में भाजपा की हार कितनी बड़ी है, और उसका असर कितना गहरा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर पूर्व में इकलौती जगह यानी मिजोरम में कायम कांग्रेस का सफाया हो गया, लेकिन कांग्रेस की यह हार मिजोरम के बाहर बड़ी खबर तक नहीं बनी। कांग्रेस की उस तेलंगाना में भी करारी हार हुई, जहां पांच साल पहले तक उसका राज होता था। वह तेलंगाना उस अविभाजित आंध्र का हिस्सा था, जिसकी बदौलत 2004 में कांग्रेस की केंद्रीय सत्ता में वापसी हुई थी। जिसमें अविभाजित आंध्र के पूर्व मु यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी ने बड़ी भू...
कितने दागदार हैं आलोक वर्मा

कितने दागदार हैं आलोक वर्मा

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ये पहली बार सुना कि एक सरकारी अफसर ने दिली चाहत ज़ाहिर की है कि उसे उसके मन का ही विभाग मिले। अगर नहीं मिलेगा तो वह उसे संभालेगा ही नहीं। वह सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे देगा। यही तो किया पिछले ह ते देश की सर्वोच्च संस्था सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा ने। उनकी सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक पद पर बहाली कर दी थी। उसके बाद उन्हें सरकार की उच्चस्तरीय समिति ने एक नई जि मेदारी दे दी। पर उनके दुस्साहस को तो देखिए कि उन्होंने उस नए पद को लेने से ही मना कर दिया। क्या कोई अर्ध-सैनिक वर्दीधारी पदाधिकारी इस तरह का आचरण कर सकता है? जब मोदी सरकार ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक बनाया था, तब तो उन्होंने इस पद को खुशी-खुशी हथिया लिया था। जबकि उन्हें इस विभाग में पहले काम करने का रत्तीभर भी अनुभव नहीं था। कहते हैं कि तब सीबीआई निदेशक के नाम पर विचार के लिए बुलाई उच्चस्तरीय समिति बैठक में विपक्ष के नेता म...
मुंबइकर महिलाओं ने जाना जेनरिक दवाइयों का महत्व

मुंबइकर महिलाओं ने जाना जेनरिक दवाइयों का महत्व

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सूरत से चलकर मुंबई पहुंचे स्वस्थ भारत यात्रा के यात्रियों का मुंबईकर महिलाओं ने हर्षोल्लास के साथ कुंकुम और पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। स्वस्थ भारत यात्रा के प्रमुख आशुतोष कुमार सिंह ने मुंबई को स्वस्थ भारत अभियान का प्रेरक स्थल बताते हुए कहा कि आज पूरे देश में स्वास्थ्य को लेकर मेरे व मेरे सहयोगियों, समर्थकों द्वारा छेड़े गए अभियान का प्रेरणा स्थल मुंबई ही है। श्री सिंह ने सात साल पहले अपने मुंबई प्रवास के दिनों को याद करते हुए कहा कि मुझे एक गर्भवती महिला के इलाज के दौरान हुई महंगी दवाइयों के नाम पर लूट ने बहुत व्यथित किया। इस व्यथा ने ही महंगी दवाइयों के खिलाफ आंदोलन को जन्म दिया। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह आंदोलन जब शुरू हुआ तो इस आंदोलन का सूत्रधार गर्भ में था लेकिन आज वह करीब 7 साल का हो चुका है। 7 वर्षीय सिद्दिद यादव आज अपने फिटनेस को लेकर जितना संजीदा है वह इस अभियान ...
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारार्थ कुछ प्रश्न

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारार्थ कुछ प्रश्न

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पिछले हफ्ते ट्वीटर पर मैंने सरसंघचालक जी से एक खुले पत्र के माध्यम से विनम्रता से कहा कि मुझे लगता है कि संघ कभी-कभी हिन्दू धर्म की परंपराओं को तोड़कर अपने विचार आरोपित करता है।  जिससे हिंदुओं को पीड़ा होती है। जैसे हम ब्रजवासियों के 5000 वर्षों की परंपरा में वृन्दावन और मथुरा का भाव अलग था, उपासना अलग थी व दोनों की संस्कृति भिन्न थी। पर आपकी विचारधारा की उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों का एक नगर निगम बनाकर इस सदियों पुरानी भक्ति परम्परा को नष्ट कर दिया, ऐसा क्यों किया? इसका उत्तर मिला कि संघ का सरकार से कोई लेना देना नहीं है। देश की राजनीति, पत्रकारिता या समाज से सरोकार रखने वाला कोई भी व्यक्ति क्या यह मानेगा कि संघ का सरकार से कोई संबंध नहीं होता ?सच्चाई तो यह है कि जहां-जहां भाजपा की सरकार होती है, उसमें संघ का काफी हस्तक्षेप रहता है। फिर ये आवरण क्यों ? यदि भाजपा संघ की विचारधारा व संगठन से...
स्वस्थ भारत यात्रा का सूरत में अभूतपूर्व समर्थन, निकाली बाइक महारैली

स्वस्थ भारत यात्रा का सूरत में अभूतपूर्व समर्थन, निकाली बाइक महारैली

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बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद बुधवार को साबरमती आश्रम से निकली स्वस्थ भारत यात्रा-2 गुरुवार को सूरत पहुंची। सिटी ऑफ सन सूरत में यात्रा दल का जगह-जगह जोरदार स्वागत हुआ। दल के सदस्यों ने सूरत महानगरपालिका में स्थित दर्जनों प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों का निरीक्षण किया। दल के प्रमुख आशुतोष कुमार सिंह ने कारगिल चौक, पुनागाम स्थित प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र का उद्घाटन भी किया। यहां सैकड़ों स्थानीय नागरिकों ने श्री सिंह का अभिनंदन किया। इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि यहां उपस्थित सभी जन जरूरत पड़ने पर जनऔषधि का ही प्रयोग करें और अपने आस-पास के रहने वालों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत (न्यास) जनऔषधि को लेकर फैले भ्रम को लगातार दूर करने का काम कर रहा है। इसी कड़ी में हमलोग 21000 किमी की यात्रा पर निकले हैं। हम चाहते हैं कि लोगों के मन में जनऔषधि अथवा जे...
जब एक-तिहाई कैंसर से बचाव मुमकिन है तो यह जन-स्वास्थ्य प्राथमिकता क्यों नहीं?

जब एक-तिहाई कैंसर से बचाव मुमकिन है तो यह जन-स्वास्थ्य प्राथमिकता क्यों नहीं?

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वर्ल्ड कैंसर डे वेबिनार रिकॉर्डिंग ऑनलाइन:https://www.youtube.com/watch?v=9pisuJGk1UU&t=2507s भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 का लक्ष्य है कि गैर-संक्रामक रोग जैसे कि कैंसर का दर और असामयिक मृत्यु दर में 2025 तक 25% गिरावट आये. पर अनेक कैंसर दर और मृत्यु दर बढ़ोतरी पर है! "यदि सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के लक्ष्य पूरे करने हैं तो यह सुनिश्चित करना होगा कि कैंसर दरों में बढ़ोतरी न हो बल्कि तेज़ी से गिरावट आये. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक तिहाई कैंसर से बचाव मुमकिन है. तम्बाकू और शराब सेवन में तेज़ी से गिरावट, शारीरिक व्यायाम और गतिविधियों में वृद्धि होना, पौष्टिक आहार, आदि से न सिर्फ कैंसर नियंत्रण बल्कि जन स्वास्थ्य पर भी व्यापक रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा" शोभा शुक्ला ने वर्ल्ड कैंसर डे वेबिनार को संचालित करते हुए कहा. शोभा शुक्ला, लोरेटो कान्वेंट कॉलेज से स...
Union Budget for the year 2019-20

Union Budget for the year 2019-20

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It refers to the Union Budget for the fiscal-year 2019-20 with so many welcome features for every section of society including farmers, labourers and especially usually-ignored middle-class and salaried people with doubling of exemption-limit for Income Tax directly to rupees five lakhs to the fullest expectation of people. But it would have been better if the budget would have incorporated some important features aimed to simplify long pending reforms. Till the new Income Tax Act being presently drafted comes into force, various deductions like investments in PPF, NSC etc, Mediclaim, NPS could have been merged into a single one with consolidated deduction of total rupees two lakhs. Long-pending issue of change in fiscal-year from present April-March of British legacy to systematic c...
We need to rethink everything we know about global warming

We need to rethink everything we know about global warming

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For a while now, the scientific community has known that global warming is caused by humanmade emissions in the form of greenhouse gases and global cooling by air pollution in the form of aerosols. However, new research published in Science by Hebrew University of Jerusalem Professor Daniel Rosenfeld shows that the degree to which aerosols cool the earth has been grossly underestimated, necessitating a recalculation of climate change models to more accurately predict the pace of global warming. Aerosols are tiny particles that float in the air. They can form naturally (e.g., desert dust) or artificially (e.g., smoke from coal, car exhaust). Aerosols cool our environment by enhancing cloud cover that reflect the sunlight (heat) back to space. As for the first, clouds form when ...
फिर आया मौसम ईवीएम में मीख-मेख निकालने का

फिर आया मौसम ईवीएम में मीख-मेख निकालने का

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लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की विश्वसनीयता पर तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस तरह की आशंका भी की जा रही थी कि आम चुनाव से पहले ईवीएम में मीने-मेख निकाली जाने की एक बार फिर मुहीम चलने लगेगी। जो इन मशीनों में छेड़छाड़ या गड़बड़ी के दावे कर रहे हैं, वे  देश के महान वैज्ञानिकों का सीधे तौर पर घोर अपमान भी कर रहे हैं। वे जाने-अनजाने में यह भूल रहे हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत करके दिन रत खून-पसीना बहाकर ही इस ईवीएम मशीन को ईजाद किया था, ताकि चुनावों में होने वाली धांधलियों और गड़बड़ियों को रोका जा सके। इन मशीनों का सीधे ही इस्तेमाल लोकसभा या विधान सभा चुनावों में नहीं किया गया । पहले ईवीएम मशीनों से मजदूर संघों के सफल चुनाव संपन्न कराए गए। वहां पर इनके सफल प्रदर्शन के बाद...
छत्तीसगढ़ : भ्रष्टाचार, जाँच और राजनीति

छत्तीसगढ़ : भ्रष्टाचार, जाँच और राजनीति

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बोफोर्स मामले में भ्रष्टाचार के आरोप के बाद तत्कालीन राजीव गांधी सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ा, तब से भ्रष्टाचार के मामले राजनीति में विरोधी पक्ष का सत्ता पक्ष के विरुद्ध एक प्रमुख चुनावी हथियार बन गया है।छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी पिछले 15 वर्ष के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सरकार के विरुद्ध विपक्ष कांग्रेस पार्टी ने भ्रष्टाचार के अनेक आरोप लगाए। अब जब कांग्रेस पार्टी लगभग तीन चौथाई बहुमत से सत्ता पर क़ाबिज़ हो गयी है, रोज़ किसी न किसी अनियमितता के प्रकरणों पर जाँच के आदेश दिए जा रहे हैं। ऐसा सत्ता बदलने के बाद हर राज्य में होता है, लेकिन कुछ अपवाद छोड़ दिए जाएं तो भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे किसी पूर्व मंत्री या उच्च अधिकारियों के मामले किसी निष्कर्ष तक पहुचे हो या फिर उन्हें सज़ा मिली हो, नहीं देखा। इसका मतलब क्या यह है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे केवल चुनावी लाभ लेना या जनता में सत्तारूढ़...