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35 (17%) Sitting MLAs in Karnataka Assembly had declared serious criminal cases against themselves

35 (17%) Sitting MLAs in Karnataka Assembly had declared serious criminal cases against themselves

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The Karnataka Election Watch and Association for Democratic Reforms (ADR) have analysed the self-sworn affidavits of 207 out of 224 MLAs. 17 MLAs have not been analysed because either they are no longer members of Karnataka assembly or due to badly scanned affidavits. This report has been prepared on the basis of the affidavits submitted by the MLAs prior to Karnataka Assembly Elections, 2013. For more information, please visit: https://adrindia.org/content/karnataka-assembly-elections-2013-analysis-criminal-background-financial-education-gender Summary and Highlights       Criminal Background MLAs with Criminal Cases: Out of the 207 MLAs analysed, 68 (33%) MLAs had declared criminal cases against themselves. MLAs with Serious Criminal Cases: 35 (1...
न्याय क्षेत्र की भाषा बनने में सक्षम हैं भारतीय भाषाएं

न्याय क्षेत्र की भाषा बनने में सक्षम हैं भारतीय भाषाएं

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भारत की भाषाओं में वे सभी क्षमताएं हैं, जो न्यायिक क्षेत्र की किसी भी भाषा में होनी चाहिए। भारत की भाषाओं को न्यायलयों में कामकाज की भाषा बनाने से जुड़ी तकनीकी एवं व्यवहारिक बाधाओं के  समाधान भी खोजे जा सकते हैं। यह बात शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय ज्ञानोत्सव के दूसरे दिन विधि क्षेत्र के विशेषज्ञों के विमर्श में उभरकर आयी है। इस विमर्श में सॉलिस्टर जनरल, पूर्व न्यायाधीश और उच्च नयायालय एवं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं समेत विधि क्षेत्र के कई विशेषज्ञ शामिल थे। ये बातें एक प्रेस वार्ता में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव और भारतीय भाषा अभियान के राष्ट्रीय संरक्षक अतुल कोठारी ने कही हैं। उन्होंने कहा कि देश की बहुसंख्य आबादी अपनी भाषा में संवाद करती है। इसके बावजूद न्यायालयों की भाषा आज भी अंग्रेजी बनी हुई है। न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता क...
साहित्य में कालजयी हैं  पंडित माखनलाल चतुर्वेदी : अच्युतानंद मिश्र

साहित्य में कालजयी हैं पंडित माखनलाल चतुर्वेदी : अच्युतानंद मिश्र

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माखनलाल चतुर्वेदी सदैव अपनी साहित्यिक एवं पत्रकारीय कृतित्व के कारण जनमानस के अवचेतन में मौजूद रहेंगे। पत्रकारिता, राजनीति, साहित्य और शिक्षण के साथ ही उनका राष्ट्रीय दायित्व बोध भी अवलंबित होता है। पंडित माखनलाल की पत्रकारिता एक आंदोलनकारी पत्रकारिता के रूप में थी। सर्कुलेशन बढ़ाने, विज्ञापन छापने तथा धनोपार्जन के लिए पत्रकारिता धर्म से समझौता न करना उनकी प्रवृत्ति थी। उक्त विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नोएडा परिसर में आयोजित राष्ट्रीय संविमर्श में व्यक्त किए।  पं. माखनलाल चतुर्वेदी की 129 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संविमर्श का विषय ‘पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का साहित्यिक और पत्रकारीय अवदान’ था । मिश्र ने कहा कि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की पत्रकारिता में सामाजिक न्याय एवं समरसता विद्यमान है। उनकी रचनाधर्मिता राष्ट्रवादी पत्रकार...
Salman Khan Case: Hero Worship and Law

Salman Khan Case: Hero Worship and Law

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  Indians love to worship their heroes specially  when the hero or heroine is a film star. I was perplexed to notice the reaction of general public and that of fraternity of Mumbai film industry who came out in open and ridiculed the verdict of District and Session Judge of Jodhpur who found actor Salman Khan guilty of killing two blackbucks in Jodhpur during a film shooting in 1998. The judge Ravindra Kumar Joshi pronounced Salman guilty on April 5 and sentenced his to 5 year jail term under Wild Life Protection Act on April 6, 2018. Today, April 7 the judge granted bail to Salman. In three days, what one heard was an outcry against the conviction of the actor. Some termed the sentence “ too harsh” while others from the film industry said Salman does not deserve punishment since he is a...
योगी सरकार का एक साल :  भाजपाराज स्थापित, योगीराज का इंतज़ार 

योगी सरकार का एक साल : भाजपाराज स्थापित, योगीराज का इंतज़ार 

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  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का एक साल पूरा हो गया है। इस एक साल में उत्तर प्रदेश में परिवर्तन की बयार बह निकली है। व्यवस्था के ढीले पड़े पेंच कसावट महसूस कर रहे हैं। ईमानदार एवं सख्त योगी की नीयत साफ है किन्तु उनके हाथ बंधे हुये हैं। कार्यकर्ताओं की अनदेखी एवं दिल्ली के अनावश्यक हस्तक्षेप से उत्तर प्रदेश में 'भाजपाराज’ तो स्थापित हुआ है, 'योगीराज’ नहीं। योगी आदित्यनाथ को करीब से जानने वाले समझते हैं कि अपनों से घिरे योगी बहुत दिनों तक जकडऩ में रहने वाले नेता नहीं हैं। या तो दिल्ली उनकी जकडऩ कम कर देगी या योगी स्वयं इस जकडऩ से बाहर आना जानते हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार के एक साल पर ग्राउंड ज़ीरो से अमित त्यागी का एक विश्लेषण।   खिरकार, एक बरस बीत गया। उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज की समीक्षा का यह पहला पड़ाव है। सरकार की समीक्षा दो तरह से की जानी चाहिए। एक प्रशासनिक स्तर पर ए...
गठबंधन बनाम ठगबंधन

गठबंधन बनाम ठगबंधन

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उत्तर प्रदेश के फूलपुर एवं गोरखपुर उपचुनाव में हार ने एक तरफ भाजपा की अंदरूनी कलह, अहंकार को सतह पर ला दिया वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के राजनैतिक महत्व को फिर से एक परिदृश्य दे दिया है। बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश के उपचुनावों में भी भाजपा को शिकस्त मिली है। हिन्दी भाषी प्रदेशों की हार से नवंबर माह में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा के चुनाव कराये जाने की जो रूपरेखा बन रही थी उसे इन चुनाव परिणामों के द्वारा विराम लगता दिख रहा है। पूर्वोत्तर में भाजपा के मजबूत होने से वामदल एवं कांग्रेस का जनाधार अब समाप्ति की ओर खिसकने लगा है। त्रिपुरा एवं मेघालय में भाजपा की सरकार बनने और नागालैंड में सरकार का सहयोगी बनने से भाजपा उत्साहित है। मोदी-शाह-योगी का कारवां अब कर्नाटक फतेह की तरफ बढ़ गया है। योगी के आने से कर्नाटक में हिन्दुत्व चुनावी मुद्दा बन ग...
यह इंटरनेट नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए निजता का सौदा है जिसे फ्री में बेचकर जाना है

यह इंटरनेट नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए निजता का सौदा है जिसे फ्री में बेचकर जाना है

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यह इंटरनेट नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए निजता का सौदा है जिसे फ्री में बेचकर जाना है सुन्दर पिचाई का कथन कि एआई यानी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस आग और पहिये के अविष्कार से ज्यादा ताकतवर सिद्ध होगा, ने इन्टरनेट और तकनीकी उद्भव को ऐच्छिक आवश्यकता से हटा कर, पञ्चभूतों की तरह ही अनिवार्य आवश्यकताओं में ला खड़ा किया है। इस कथन ने भविष्य की दुनिया के कुछ ऐसे कल्प वृक्षों की तस्वीर उकेरी थी, जो पहले सतह के नीचे ही अंकुरित हो रहे थे, और सीमित लोग ही इस बदलाव को भांप रहे थे। इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि आज पहिये और आग के बगैर मुख्यधारा में संलंग्न मानवता कुछ घंटों के लिए भी क्रियाशील नहीं रह सकती है। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की अनिवार्यता प्रकृति प्रदत्त पंचभूतों की तरह ही हमारे जीवन के प्रत्येक विस्तार में समाहित होने को आतुर है, ऐसे में सम्पूर्ण मानवता के हितार्थ, इसे किसी...
फेसबुक डाटा कांड

फेसबुक डाटा कांड

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कुछ दिनों से फेसबुक द्वारा किए गए यूजर डाटा को लीक करने की खबरें सामने आ रही हैं। अमेरिका में सोशल नेटवर्किंग साइट ने अपने यूजर्स के डेटा को चुराकर एक एजेंसी को दिया था। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स और ब्रिटेन के ऑब्जर्वर की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी ने फेसबुक के पांच करोड़ यूजरों के बारे में जानकारियां बिना उनके अनुमति के दुरुपयोग किया। यह सब 2016 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बनवाने के लिए किया गया। कंपनी ने इन जानकारियों के आधार पर एक ऐप के जरिए वोटरों के व्यवहार की भविष्यवाणी की थी। इस खुलासे के बाद भारत की राजनीति में हड़कंप मच गया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी की सेवाएं लेने का आरोप लगाया है। प्रसाद का कहना है कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस इस एजेंसी की मदद...
एक  है हिन्दुत्व  – सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

एक है हिन्दुत्व – सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

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रा.स्व.संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा यानी संघ से जुड़ा वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन। समाज में संघ कार्य की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है।  विविध क्षेत्रों में संघ के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की उत्कंठा है। 2018 के अवसर पर रेशिम बाग, नागपुर में सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवतने देश के वर्तमान राजनीतिक - सामाजिक परिदृश्य तथा संघ के बढ़ते व्याप के संदर्भ में पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर तथा आर्गेनाइजर के संपादक श्री प्रफुल्ल केतकर से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं विशेष साक्षात्कार के संपादित अंश- प्रश्न : आज संघ कार्य के लिए जो अनुकूलता दिखती है, इसे आप कैसे देखते हैं? उत्तर : संघ के स्वयंसेवक सर्वदूर समाज में जाते हैं। अन्यान्य क्षेत्रों में काम भी करते हैं। संघ की शाखा में भी जाते हैं। समाज में, विभिन्न संगठनों में काम करते हैं। कई ऐसे हैं जो ऐसा कुछ नहीं करते, अपनी घर-गृहस्...
Reserve Bank of India should issue gold and silver coins

Reserve Bank of India should issue gold and silver coins

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Several private companies both Indian and foreign are making huge profits by marketing gold and silver coins by selling these at exorbitant prices with photos of celebrities (like Sachin Tendulkar) and Hindu gods and goddesses (like Lord Ganesha) embossed on these coins. Reserve bank of India (RBI) and Union Finance Ministry should take immediate steps to stop sale of such profit-making coins in gold or silver. Sale of gold and silver coins marketed by banks, private firms and even government-agency like MMTC increases tremendously during festive season. Gold and silver coins issued in British regime are available in plenty as duplicates because of their popularity as auspicious and gift items even though fabrication of fake gold and silver coins is crime.   Union government sho...