नदी जीवंतता को मिला अदालती आधार
संयुक्तराष्ट्र संघ ने मलीन जल को विश्व जल दिवस - 2017 का मुख्य विचारणीय विषय घोषित किया है और जल की मलीनता की सबसे बड़ी शिकार आज हमारी नदियां ही हैं। इस लिहाज से विश्व जल दिवस 2017 का सबसे बड़ा तोहफा इस बार उत्तराखण्ड हाईकोर्ट की तरफ से आया। अरूण तिवारी की एक रिपोर्ट -
तय हुआ गंगा-यमुना का जीवित दर्जा, अधिकार और अभिभावक
नैनीताल स्थित उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने गंगा, यमुना और इनकी सहायक नदियों को 'जीवित व्यक्ति’ का दर्जा और अधिकार देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 'पैरेंट पैट्रिआई लीगल राइट’ को आधार बनाते हुए यह फैसला सुनाया है। वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा एवम् न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खण्डपीठ द्वारा 20 मार्च, 2017 को सुनाये इस फैसले में नमामि गंगे परियोजना के निदेशक, उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव तथा उत्तराखण्ड के महाधिवक्ता को गंगा-यमुना व इनकी सहायक नदियों का अभिभावक घोषित...