Shadow

TOP STORIES

INDIA n SHEIKH HASINA VISIT

INDIA n SHEIKH HASINA VISIT

addtop, BREAKING NEWS, Today News, TOP STORIES
A joint statement said the two countries would start negotiations on sharing waters of the Feni, Manu, Muhuri, Khowai, Gumti, Dharla and Dudhkumar rivers. The two countries signed five defence cooperation agreements, including a $500 million line of credit for defence purchases from India. PM Modi (R) and Bangladesh PM Sheikh Hasina share a light moment during an agreement signing ceremony in New Delhi on April 8.   PM MODI promised an early solution to the vexed Teesta water dispute with Bangladesh. "I firmly believe that it is only my government and excellency Sheikh Hasina, your government that can and will find an early solution to Teesta water sharing," he told the visiting Bangladeshi Prime Minister, who is India's staunch ally against terrorism. ...
योगी को सीएम बनाकर मोदी ने कोई गलती नहीं की

योगी को सीएम बनाकर मोदी ने कोई गलती नहीं की

TOP STORIES
जिस दिन आदित्यनाथ योगी जी की शपथ हुई, उस दिन व्हाट्सएप्प पर एक मजाक चला, जिसमें दिखाया गया कि आडवाणी जी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कंधे पर हाथ रखकर कह रहे हैं कि ‘आज तूने वही गलती कर दी, जो मैने तूझे गुजरात का मुख्यमंत्री बनाकर की थी’। ये एक भद्दा मजाक था। ये उस शैतानी दिमाग की उपज है, जो भारत में सनातनधर्मी मजबूत नेतृत्व को उभरते और सफल होते नहीं देखना चाहता। जबकि सच्चाई ये है कि मोदी जी ने योेगी जी को उ.प्र. की बागडोर सौंपकर तुरूप का पत्ता फैंका है। देश की जनता तभी सुखी हो सकती है, जब प्रदेश की सरकार का नेतृत्व चरित्रवान और योग्य लोग करें। क्योंकि केंद्र की सरकार तो नीति बनाने का और साधन मुहैया करने का काम करती है। योजनाओं का क्रियान्वयन तो प्रदेश की नौकरशाही करती है। अगर वो कोताही बरतें तो जनता तक नीतियों का लाभ नहीं पहुंचता, जिससे जनाक्रोश पनपता है। आज के दौर में जब राजनीतिज्ञों को ...
शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी

शौहर, बेगम और दूसरी पत्नी

addtop, Today News, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
  रांची राजमार्ग से तीन किलोमीटर अंदर की तरफ जाने पर इटकी प्रखंड आता है। मुख्य सड़क से अंदर जाने का रास्ता कच्चा-पक्का है। जब आप इटकी में दाखिल होते हैं, बायीं तरफ लड़कियों का एक मदरसा है। इस मदरसे को देखकर आप अनुमान करते हैं कि यह प्रखंड स्त्रियों के अधिकार को लेकर जागरूक प्रखंड होगा। इसी प्रखंड में एक घर है परवेज आलम (काल्पनिक नाम) का। परवेज शादी शुदा पुरुष हैं लेकिन शादी इन्होंने एक बार नहीं तीन बार की है। इनके घर में पत्नी के तौर पर तीन औरतें रहती हैं। पहली शकीना खातून (काल्पनिक नाम) और बाकि दो औरतें आदिवासी हैं। दूसरी रंजना टोप्पो (काल्पनिक नाम) और तीसरी मीनाक्षी लाकड़ा (काल्पनिक नाम)। इटकी के आस-पास के लोगों से बातचीत करते हुए यह अनुमान लगाना आसान था कि परवेज का मामला अकेला नहीं है, इटकी प्रखंड में। इस तरह के कई दर्जन मामले हैं, जिसमें एक से अधिक शादी हुई है और गैर आदिवासी सम...
वृन्दावन की विधवाएं

वृन्दावन की विधवाएं

addtop, TOP STORIES, सामाजिक
हर शहर की अपनी एक कहानी होती है, जिसमें वह जीता है, जिसके कारण वह पूरे जगत में विख्यात या कुख्यात होता है। ये बहुत मामूली नहीं होती, यह पर्यटकों और नागरिकों के दृष्टिपटल पर छा जाने वाली एक कहानी होती है। कभी कभी यह गुलाबी होती है तो कभी यह इस गुलाबीपन में अंधेरे को बसाए हुए। और कभी कभी इस अंधेरे से किसी आशा की किरण का फूटना। ऐसी ही कहानी है वृन्दावन की। जो पिछले दिनों या कहें पिछले कई वर्षों से कुछ अलग कारणों से चर्चा में है। होली के आते ही कई पत्रकारों और टीवी के समाचार चैनलों का रुख वृन्दावन की तरफ होने लगता है। विदेशी पत्रकार अपनी स्टोरी करने के लिए वृन्दावन पहुंचने लगते हैं। ऐसा लगता है कुछ अनोखा और अनूठा घट रहा है। दरअसल वे सब जाते हैं, सुलभ इंटरनेश्नल द्वारा आयोजित विधवाओं के लिए होली कार्यक्रम देखने। इसके दो कारण हो सकते हैं कि एक तो वे विधवाओं की जि़न्दगी को दिखाना चाहते हैं या फिर...
सरकारी स्कूल, शिक्षा और गुणवत्ता

सरकारी स्कूल, शिक्षा और गुणवत्ता

addtop, Today News, TOP STORIES, राष्ट्रीय
ऐसा प्रतीत होता है कि आजादी के सात दशक बीतने के बाद भी सरकारें यह नहीं समझ सकी हैं कि देश के नौनिहालों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए बच्चों को केवल स्कूल तक पहुंचा देने भर से ही काम नहीं बनेगा। तमाम सरकारी एवं गैरसरकारी आंकड़ें यह सिद्ध करने के लिए काफी हैं कि शिक्षा का अधिकार कानून, मिड डे मिल योजना, निशुल्क पुस्तकें, यूनिफॉर्म आदि योजनाओं के परिणामस्वरूप स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या तो बढ़ी हैं लेकिन छात्रों के सीखने का स्तर बेहद ही खराब रहा है। देश में भारी तादात में छात्र गणित, अंग्रेजी जैसे विषय ही नहीं, बल्कि सामान्य पाठ पढऩे में भी समर्थ नहीं हैं। यहां तक कि 5वीं कक्षा के छात्र पहली कक्षा की किताब भी नहीं पढ़ पाते। यूं तो यह ट्रेंड पूरे देश का है लेकिन लैपटॉप और स्मार्ट फोन बांटने वाला उत्तर प्रदेश शिक्षा की गुणवत्ता की गिरावट के मामले में नए प्रतिमान स्थापि...
योगी बदलेंगे यूपी का चेहरा

योगी बदलेंगे यूपी का चेहरा

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
जैसे ही योगी आदित्यनाथ जी के नाम की घोषणा हुई, टीवी चैनलों पर बैठे कुछ टिप्प्णीकारों ने इस समाचार पर असंतोष जताया। उनका कहना था कि योगी समाज में विघटन की राजनीति करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी के विकास के एजेंडे को दरकिनार कर देंगे। यह सोच सरासर गलत है। विकास का एजेंडा हो या कुशल प्रशासन, उसकी पहली शर्त है कि राजनेता चरित्रवान होना चाहिए। आजकल राजनीति में सबसे बड़ा संकट चरित्र का हो गया है। चरित्रवान राजनेता ढूंढे से नहीं मिलते। 21 वर्ष की अल्पायु में समाज और धर्म के लिए घर त्यागने वाला कोई युवा कुछ मजबूत इरादे लेकर ही निकलता है। योगी आदित्यनाथ ने अपने शुद्ध सात्विक आचरण और नैष्टिक ब्रह्मचर्य से अपने चरित्रवान होने का समुचित प्रमाण दे दिया है। पांच बार लोकसभा जीतकर उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता को भी स्थापित कर दिया है। गोरखनाथ पंथ की इस गद्दी का इतिहास रहा है कि इस पर बैठने वाले संत चरित्रवान...
राहुल गांधी होने का सौभाग्य!

राहुल गांधी होने का सौभाग्य!

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
कभी-कभी मुझे लगता है कि टाटा नैनो के लिए जो प्यार रतन टाटा का है वही प्यार राहुल गांधी के लिए कांग्रेस का है। टाटा नैनो चलती नहीं, फिर भी रतन टाटा उसे बार-बार रीलांच करते रहते हैं उसी तरह कांग्रेस पार्टी भी राहुल गांधी को लेकर हिम्मत नहीं हार रही। उलटे हर हार के बाद राहुल गांधी को कांग्रेस में प्रमोशन मिल जाता है। इस बार भी जिस तरह कांग्रेस हारी है उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी को जल्द ही उपाध्यक्ष से कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिए जाएगा। और उन्होंने अगर एक-आधा चुनाव और हरवा दिया तो पार्टी उन्हें संयुक्त राष्ट्र का महासचिव भी बनवा सकती है! कांग्रेस पार्टी का राहुल गांधी से जो रिश्ता है वो शादी में पति को दिलाई जाने वाली कसमों की याद दिलाता है। जिसमें पंडित जी पति से कहते हैं कि तुम जो-जो पुण्य करोगे उसमें आधा हिस्सा तुम्हारी बीवी के खाते में जाएगा और वो जो-जो पाप करेगी उसका आधा तुम्हारे...
कृष्ण होने के मायने

कृष्ण होने के मायने

addtop, EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
श्रीकृष्ण को समझने की बुद्धि प्रशांत भूषण में नही हो सकती क्योंकि उसको क्या पता  कि क्यों कोर्ट में अदालत में शपथ लेते वक्त गीता पर हाथ रखवाते हैं? रामायण पर क्यों नहीं रखवा लेते? उपनिषद पर क्यों नहीं रखवा लेते? बड़ा कारण है। पता नहीं अदालत को पता है या नहीं, लेकिन कारण है; कारण बड़ा है। राम, कितने ही बड़े हों, लेकिन इस मुल्क के चित्त में वे पूर्ण अवतार की तरह नहीं हैं; अंश है उनका अवतार। उपनिषद के ऋषि कितने ही बड़े ज्ञानी हों, लेकिन अवतार नहीं हैं। कृष्ण पूर्ण अवतार हैं। परमात्मा अगर पूरा पृथ्वी पर उतरे, तो करीब-करीब कृष्ण जैसा होगा। इसलिए कृष्ण इस मुल्क के अधिकतम मन को छू पाए हैं; बहुत कारणों से। एक तो पूर्ण अवतार का अर्थ होता है, मल्टी डायमेंशनल, बहुआयामी; जो मनुष्य के समस्त व्यक्तित्व को स्पर्श करता हो। राम वन डायमेंशनल हैं। हर्बर्ट मारक्यूस ने एक किताब लिखी है, वन डायमेंशनल मैन, एक...
लोहिया एवं राजव्यवस्था

लोहिया एवं राजव्यवस्था

addtop, TOP STORIES, सामाजिक
23 मार्च को डॉ. राम मनोहर लोहिया का जन्म दिवस है। कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। तस्वीरों पर फूल मालाएं चढ़ायी जाएगी परन्तु उनके दर्शन, सिद्धान्त और नीतियों को भुला दिया जाएगा। समलक्ष-समबोध, समदृष्टि, समता समाज और समूल परिवर्तन की राह पर चलकर उनका अनुसरण नहीं किया जाएगा। जाति प्रथा के समूल नाश के लिए वे जीवन भर सामाजिक चेतना जागृत करने में लगे रहे। जब तक जाति प्रथा रहेगी तब तक जातिवाद और जातीयता चलती रहेगी। जब तक जातिवाद रहेगा तब तक परिवार वाद और सामाजिक सामन्तवाद चलता रहेगा। इसको तोडऩे के लिए कोई पार्टी और सरकार कुछ नहीं कर रही है। इस पर चिन्तन करना चाहिए। एक कारण लगता है कि चुनाव लडऩे वाली सभी पार्टियां जातियों का धु्रवीकरण कर सत्ता प्राप्त करना चाहती है। वाणी से जातीयता का विरोध और कर्म से समर्थन करते हैं। डॉ. लोहिया जीवन भर जाति तोड़ो सम्मेलन करवाते रहे। उन्होंने कार्यक्रम दिया था...
बदलाव की ओर पंजाब, बिखराव की ओर ‘आप’

बदलाव की ओर पंजाब, बिखराव की ओर ‘आप’

addtop, BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य
पंजाब भोले और खुशमिजाज़ लोगों की धरती है। यहां के लोग हर त्योहार को आनंद से मनाते हैं। चुनाव के दौरान भी पंजाब में उत्सव का माहौल दिखा। पंजाब वर्तमान में युवाओं में बढ़ती नशे की लत से जूझ रहा है। पाकिस्तान के सीमावर्ती होने के कारण पंजाब में एक जिम्मेदार सरकार का होना आवश्यक था। अप्रवासी भारतीयों में पंजाबियों का एक बड़ा वर्ग है जो देश से प्यार करता है। इस बार वह पंजाब में बदलाव की नीयत से कई माह से चुनाव प्रचार में जुटा था। एक बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीयों द्वारा चुनाव प्रचार एवं प्रोफेशनल्स के चुनाव लडऩे के कारण रोचक बने पंजाब चुनाव के परिणामों का विश्लेषण विशेष संवाददाता अमित त्यागी कर रहे हैं । जाब में अकाली-भाजपा सरकार का विरोध था। उनकी हार तय तो सभी मान रहे थे किन्तु इन सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यह था कि क्या पंजाब में आप का शासन आ जायेगा? क्या सिर्फ मोदी विरोध के द्वारा खुद को रा...