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फ्रांस में निर्दोषों का गला काटने वालों का भारत में साथ देनेवाले कौन

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अब यह तो सरासर ज्यादती ही कही जाएगी I कि भारत से हजारों मील दूर फ्रांस में सरकार और कठमुल्लों के बीच चल रही तनातनी के खिलाफ भारत के मुसलमानों का एक वर्ग भी आग बबूला हो उठे । यहाँ के कठमुल्ले भी मुंबई, भोपाल, सहारनपुर वगैरह शहरों में भी फ़्रांस के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कि ये प्रदर्शनकारी गला काटने वाले आतंकियों के समर्थन में सड़कों पर उतर आए हैं। सच में यह ग़ज़ब के लोग है। फ्रांस में मासूमों को मारा जा रहा है और भारत में ये विक्षिप्त लोग आंदोलन कर रहे है, वह भी कातिलों के हक में।  इस मसले पर कोई बहस तो नहीं हो सकती कि पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाना सही नहीं है। पर क्या इसका जवाब मासूम लोगों की गर्दन काट कर ही दिया जाए ? गौर करें कि भोपाल में कांग्रेस विधायक के नेतृत्व में फ्रांस के खिलाफ एक रैली निकाली गई, वहीं मुंबई की गलियों को फ्रांसिसी राष्ट्रपति के ...

रात हलाला नेक है, उठते नहीं सवाल !

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(लव जिहाद और राणा जैसे बयान दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करते है। यह किसी एक राज्य, देश या समुदायों तक सीमित नही बल्कि विश्व्यापी समस्या बनता जा रहा है और इस कुचक्र का शिकार मासूम लड़कियां ही नहीं अब हम सब होते जा रहें है। धर्म के ठेकेदार हमेशा ऐसे मौकों को अपना हथियार बनाते है। गंगा जमुनी तहजीब का हवाला देकर ऐसी घटनाएं करवाना इनके नापाक कारनामों का आधार होती है.) --- डॉo सत्यवान सौरभ, रिसर्च स्कॉलर,कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट, वर्तमान दौर में ये बात अक्षरश: सही साबित हो रही है कि कुछ दक्षिणा लेकर भी बदनाम हो गए, कुछ पूरी रात हलाला कर भी नेक निकले. बहुत से कवियों ने, शायरों, साहित्यकारों ने इस देश से पैसे और पहचान कमाई. मगर कुछ लोग साम्प्रदायिकता का जहर घोलकर अपने कद को बड़ा करने की कोशिश में लगे रहते है और जात-पात एवं धर्म के झगड़ों को बढ़ावा देकर कवि धर्...

निकिता मर्डर केस, आरोपी तौसीफ ने कबूला अपना जुर्म, गृहमंत्री विज ने कांग्रेस पर फोड़ा बम

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बल्लभगढ़ के निकिता तौमर हत्याकांड के मुख्य आरोपी तौसीफ ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। इस प्रकरण की एसआईटी जांच शुरू हो चुकी है, वहीं तौसीफ के कबूलनामे के बाद जिस हथियार से निकिता की हत्या की गई थी, पुलिस ने वह भी बरामद कर लिया है। इसके साथ साथ तौसीफ को हथियार देने वाला आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने एक टवीट के जरिए यह जानकारी लोगों को दी है। अनिल विज ने यह भी बताया है कि निकिता मर्डर केस की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया जा रहा है, ताकि इस केस की जल्द से जल्द सुनवाई हो। इस तरह से हुई निकिता की हत्या- बता दें कि हरियाणा के बल्लभगढ़ में रहने वाली निकिता तौमर की हाल ही में मेवात के रहने वाले तौसीफ नामक युवक ने दिन दहाड़े इसलिए गोली मारकर हत्या कर दी थी कि वह मुस्लमान नहीं बनना चाहती थी। कॉलेज से बाहर निकलकर जब वह अपने घर जा रही थी, तभी तौ...

भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका

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प्राचीन काल से ही हमारा भारत देश संस्कृति, रीति-रिवाजों, परम्पराओं और मूल्यों को महत्व देता रहा है। इसीलिये भारतीय संस्कृति अन्य देशों से पूर्णतया भिन्न है। इसी संस्कृति का अनुपालन करने में एक यह भी तथ्य स्पष्ट है कि देश, राज्य, समुदाय, परिवार, पड़ौस की कड़ी में से विपत्ती के समय सर्वाधिक निकट उपस्थित पड़ौस ही आपकी सर्वप्रथम मदद करता है। अन्य कोई संबंध सहायता हेतु त्वरित उपस्थित नहीं हो सकता है। यही स्थिति देशों की भी होती है। आपदा के समय जितनी त्वरित सहायता पड़ौसी देश कर सकता है, उतनी सहायता सुदूर स्थित मित्र देश भी नहीं कर सकता है। पाकिस्तान से इतर बांग्लादेश व श्रीलंका भारत के निकटस्थ देश हैं। इनमें परस्पर शान्ति, सौहार्द का वातावरण बना रहे अग्रज भ्राता होने के कारण भारत देश की यही कामना व लक्ष्य होना चाहिये, परन्तु, संबंधों में परस्पर सामंजस्य होना अति आवश्यक है। सफलता अथवा उन्नति से अपने ...

उदारता की बजाय पड़ोस में सजगता की जरूरत है।

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पड़ोस में शांति हो, तो इन्सान चैन की नींद सोता है, लेकिन यह शांति तभी बनी रह सकती है, जब पड़ोसी के साथ-साथ हम भी शांति के पक्षधर हों और ये समझ आ जाये कि क्या पडोसी शांति के लायक है?  वर्चस्व की जंग हमेशा शांति को मारने का काम करती है। फिजूल के झगड़ों को दरकिनार कर  ‘गुट निरपेक्ष’ रहना शांति का पहला कदम है।  मगर जब पानी नाक से गुजर जाए तो हम तटस्थ भी नहीं रह सकते। सही समय पर सिखाया गया सबक लम्बे समय तक शांति का नया रास्ता भी खोल सकता है। आजादी से लेकर आज तक भारत की विदेश नीति में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। आइये जानने का प्रयास करें कि वास्तव में भारत कैसा पड़ोसी है ? खासकर चीन और नेपाल के साथ "क्षेत्रीय विवाद" के चलते अपने पड़ोस के साथ भारत की विदेश नीति  अब बहस का एक सक्रिय विषय है। दक्षिण एशियाई क्षेत्र, जो आठ देशों का घर है, और हिंद महासागर क्षेत्र (समुद्री हिंद महासागर क्षेत...

सम्हल कर चलें, छत्तीसगढ़ व्यस्क हो रहा

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छत्तीसगढ़ राज्य अब वयस्क होने की दहलीज पर है, अपनी स्थापना के बीस वर्ष पूरा कर आज इक्कीसवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, संस्कृति, आर्थिक संरचना और भाषा के कारण प्रकृति ने ही इस क्षेत्र को छत्तीसगढ़ का नाम तो पहले ही दे चुकी थी, किन्तु पृथक राजनैतिक पहचान की आठ दशक की मांग के पश्चात आखिरकार 1 नवंबर 2000 के दिन मिली। पिछले 20 वर्षों में नवोदित राज्य ने विकास के अनेक सोपान तय किए हैं, इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। किसी जातक के जन्म की तरह राज्य के निर्माण के आरंभिक काल उसके शरीर को स्वस्थ रखने का होता है। इसके लिए नियमित दिनचर्या और देखभाल के अनुशासन की आवश्यकता होती है। प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने तीन वर्ष के कार्यकाल में ने राज्य के लिए प्रशासनिक अधोसंरचना का निर्माण किया और प्रदेश के विकास के लिए नीतियां तैयार ...

Massive and continuous irregularities at IFFCO require it to be taken over by Central Government with probe initiated and strict-most action taken against guilty once at IFFCO

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Cooperative-giant Indian Farmers Fertiliser Cooperative Limited (IFFCO) is once again in news with its transactions worth about million dollars with three companies based in Dubai, Switzerland and Singapore, red-flagged by Deutsche Bank Trust Company Americas (DBTCA) to the US financial watchdog, Financial Crimes Enforcement Network. These transactions involved IFFCO, its Dubai subsidiary Kisan International Trading FZE and commodities trading companies in Switzerland and Singapore. IFFCO through which annual fertiliser-subsidy of rupees thousands of crores is routed gifted prime-properties worth rupees hundreds of crores in New Delhi to its office-bearers with even Comptroller and Auditor General report pointing out massive irregularities in functioning of IFFCO. IFFCO controlled by a ...

National Consumer Helpline acting like post-office is waste of public-money

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I lodged a complaint-number 2263884 on 22.09.2020 on portal of National Consumer Helpline about a company registered with the portal for its not sending a duly filled 3-year maintenance-contract for my refrigerator after my giving the required cheque in name of the company on 05.08.2020 which was cleared from my bank on 25.08.2020. I sent an email to the Company on 16.09.2020 on its email ID apart from lodging request on portal Facebook-page of the Company. A company-representative on 17.09.2020 fulfilled formality of emailing a 3-year maintenance contract but without mentioning any detail of the refrigerator leaving the columns in the improperly filled maintenance-contract blank. On my taking up the matter, the calling company-representative requested me to send photos of sticker on re...

Nobel prizes in Science 2020 announced

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New Delhi, October 08 (India Science Wire): Every year in early October, the world is all ears as the committees in Sweden and Norway name the Nobel laureates in a variety of prizes in the sciences, literature, economics, as well as peace work. The Nobel prizes are widely regarded as the most prestigious awards given for intellectual achievement in the world. Since 1901, prizes in Physiology or Medicine, Physics, Chemistry, literature and peace have been awarded. In 1968, prize in Economic Sciences also got added to the list. The 2020 Nobel Prize in Physiology or Medicine has been awarded jointly to Harvey Alter of the US National Institutes of Health, Michael Houghton of the University of Alberta, Canada, and Charles Rice of the Rockefeller University, USA, “for the discovery of...

अक्तूबर-दिसंबर 2020 के चक्रवाती मौसम को लेकर तैयार है भारतीय मौसम- विज्ञान विभाग

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नई दिल्ली ,08 अक्तूबर (इंडिया साइंस वायर): भारत की तटीय सीमा लगभग सात हजार पांच सौ सोलह किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैली है। इसमें से लगभग चौवन सौ किलोमीटर की सीमा मुख्य भूमि से लगी है। सम्पूर्ण तटीय क्षेत्र पर चक्रवात की चपेट में आने का खतरा मंडराता रहता है। चक्रवात अपने संग भयानक गति वाली हवाएं और अत्यधिक वर्षा लेकर आते हैं, जिनसे कई बार जन-धन की बड़े पैमाने पर हानि होती है। ऐसे में, भारत के लिए मौसम का पूर्वानुमान सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। उत्तर हिन्द महासागर में उत्पन्न होने वाले चक्रवातों की सक्रियता अप्रैल से जून और पुनः अक्टूबर से दिसंबर तक की अवधि में अपने चरम पर होती है। यही कारण है कि अपनी दैनिक गतिविधियों के अतिरिक्त भारतीय मौसम- विज्ञान विभाग (आई एम डी ) प्रत्येक वर्ष अप्रैल से जून और अक्टूबर से दिसंबर के महीनों में मौसम पूर्वानुमान, और उसके आकलन-...