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किसान मुद्दा क्या केवल विपक्ष जिम्मेदार है?

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ऐसा पहली बार नहीं है कि सरकार द्वारा लाए गए किसी कानून का विरोध कांग्रेस देश की सड़कों पर कर रही है। विपक्ष का ताजा विरोध वर्तमान सरकार द्वारा किसानों से संबंधित दशकों पुराने कानूनों में संशोधन करके बनाए गए तीन नए कानूनों को लेकर है। देखा जाए तो ब्रिटिश शासन काल से लेकर आज़ादी के बाद आज तक हमारे देश की आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर होने के बावजूद हमारे देश में किसानों की हालत दयनीय है। कर्ज़ में डूबे किसानों की आत्महत्या के आंकड़े खुद इस तथ्य की सच्चाई बयाँ करते हैं। किसानों की इस दयनीय हालात से देश पर सबसे अधिक समय तक सत्ता में रहने का गौरव प्राप्त करने वाली कांग्रेस अनजान हो ऐसा भी नहीं है। यही कारण है कि वो कांग्रेस जब 70 सालों बाद देश से अपने लिए वोट मांगती है तो सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर किसानों की कर्जमाफी का वादा करती है। यह अलग खोज का विषय है ...

कैंसर को समझने के लिए नैनोमोटर्स का उपयोग कर रहे हैं वैज्ञानिक

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नई दिल्ली, 30 सितंबर (इंडिया साइंस वायर): इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लेकर, कृषि, इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नैनो तकनीक अपनी छाप छोड़ रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), बेंगलूरू के शोधकर्ताओं ने एक अनोखे प्रयास में कोशिकाओं के सूक्ष्म वातावरण के अध्ययन के लिए थ्रीडी ट्यूमर मॉडल और चुंबकीय रूप से संचालित नैनोमोटर्स का उपयोग किया है। नैनोमोटर्स उन आणविक मशीनों को कहते हैं, जो रासायनिक ऊर्जा का उपयोग करके अणुओं में भौतिक गति उत्पन्न करती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अध्ययन कैंसर की प्रगति को समझने में महत्वपूर्ण हो सकता है। कोशकीय वातावरण की समझ विकसित करने, उसकी मैपिंग और उसमें होने वाले बदलावों के निर्धारण के लिए शोधकर्ताओं ने ट्यूमर मॉडल और बाह्य चुंबकीय क्षेत्र के माध्यम से कुंडलित नैनोमोटर्स को दूरस्थ रूप से संचालित किया है। यह मॉडल ...

CSIR technologies for rural development launched

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New Delhi, Sep. 30 (India Science Wire): In a joint initiative of Council of Scientific & Industrial Research (CSIR), Unnat Bharat Abhiyan (UBA), Indian Institute of Technology Delhi (IITD) and Vijnana Bharti (VIBHA), a set of CSIR technologies has been launched for rural development. These technologies developed by CSIR, has been launched during an online event organised on the occasion of CSIR-NISTADS 40 th Foundation Day. The programme was inaugurated by Dr. Harsh Vardhan (Hon’ble Minister of Science and Technology) and witnessed by other renowned dignitaries. Dr. Harsh Vardhan talked about the crucial and catalytic role of Science & Technology interventions in bringing equity and equality in the process of development. He said that professional know-how evolving...

Study reveals airborne spread of COVID-19 indoors

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New Delhi, Sept 30 (India Science Wire): The mode of transmission of novel coronavirus is very wide but does it transmit in enclosed spaces? A recently published study by the University of Georgia has found sound evidence for airborne transmission of COVID-19 in enclosed spaces too. "The possibility of airborne transmission has long been suspected, but with limited empirical evidence. Our study provided epidemiologic evidence of transmission over long distances, which was likely airborne," said Ye Shen, Associate Professor, Epidemiology and Biostatistics at the University of Georgia's College of Public Health and lead author of the study. "It was largely believed that close contact through droplets is a major route of transmission for COVID-19. Ho...

समाज सिनेमा और कानून पर मंथन जरूरी

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आठ साल पहले दिल्ली में हुआ निर्भया कांड हो या पांच दिन पहले हाथरस की घटना हो, इन दोनों बातों में कुछ नहीं बदला, अगर कुछ बदला है तो वो सिर्फ  दोषियों के नाम भर है। हम इक्कीसवीं सदी में रहने के बावजूद वो आजादी आज भी महिलाओं और बेटियों को नहीं दे पाए जिसकी वो हकदार हैं, उन्हें भी हक है रात को सड़को पर चलने का, उन्हें भी हक है अकेले कहीं भी घूमने का, लेकिन क्या वो हक हम उन्हें दे पाए हैं, क्यों हम और हमारी सरकार ऐसे कानून बनाने में पीछे है जो खाड़ी देशों में लागू है, जिसमें किसी भी प्रकार की हैवानियत करने से पूर्व अपराधी अपराध की सजा सोचकर अपनी मानसिकता बदल  देता है। आज जो कुछ घटित हो रहा है समाज में, उस हिसाब से अब जरूरत है एक ठोस कानून की। उपरोक्त दोनों घटनाओं के आरोपी लगभग बीस से तीस साल के नौजवान हैं, उम्मीद तो ये भी है कि ये यकीनन समाज से अलग-थलग होंगे, इस कारण भी भयमुक्त होंगे। सोशल थ...

औवेसी जी, अब तो बंद करो कोर्ट का अनादर करना

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कथित बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद फिर से उम्मीद के मुताबिक ही कुछ सेक्युलरवादी और कठमुल्ले विरोध जता रहे हैं। अब कह रहे हैं कि कोर्ट का यह फैसला सहीं नहीं है। मतलब इन्हें अपने मन का फैसला सुनने से कम कुछ भी स्वीकार ही नहीं है। सीबीआई की विशेष अदालत ने इस केस में अपना फ़ैसला सुनाते हुए सभी 32 अभियुक्तों को समस्त आरोपों से बरी कर दिया है। माननीय जज ने कहा कि इस मामले में कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। यह पूर्व विध्वंस सुनियोजित नहीं था। कुछ अराजक तत्वों ने ढ़ांचे को तोड़ा। इसके साथ ही बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के प्रमुख नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत कुल 32 लोग अब चैन से सो सकेंगे। इन्हें  इस  मामले में कांग्रेस सरकार द्वारा अभियुक्त बनाया गया था। क्या कोई पूछेगा कि इन सबन...

परागण कीटों पर भी दुष्प्रभाव डालता है वायु प्रदूषण

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नई दिल्ली, 01 अक्तूबर (इंडिया साइंस वायर): विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनिया के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से नौ शहर भारत में ही हैं। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि हवा पूरे पारिस्थितिक तंत्र को हर समय घेरे रहती है। फिर भी, मनुष्य को छोड़कर पेड़-पौधों और पशुओं से जुड़ी प्रणालियों पर वायु प्रदूषण के प्रभाव के बारे में जानकारी बहुत कम ही है। भारतीय शोधकर्ताओं के एक नवीनतम अध्ययन में वायु प्रदूषण के कारण पौधों और जीव-जंतुओं पर पड़ने वाले भौतिक एवं आणविक प्रभावों की ओर ध्यान दिया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि मधुमक्खी जैसे परागण करने वाले कीट, जिन पर हम अपने अस्तित्व के लिए सबसे अधिक भरोसा करते हैं, पर वायु प्रदूषण के कारण विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है। बेंगलूरू स्थित नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) में नेचरलिस्ट इन्स्पायर्ड केमिकल इकोलॉजी (एनआईसीई) प्रयोग...

परागण कीटों पर भी दुष्प्रभाव डालता है वायु प्रदूषण

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नई दिल्ली, 01 अक्तूबर (इंडिया साइंस वायर): विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनिया के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से नौ शहर भारत में ही हैं। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि हवा पूरे पारिस्थितिक तंत्र को हर समय घेरे रहती है। फिर भी, मनुष्य को छोड़कर पेड़-पौधों और पशुओं से जुड़ी प्रणालियों पर वायु प्रदूषण के प्रभाव के बारे में जानकारी बहुत कम ही है। भारतीय शोधकर्ताओं के एक नवीनतम अध्ययन में वायु प्रदूषण के कारण पौधों और जीव-जंतुओं पर पड़ने वाले भौतिक एवं आणविक प्रभावों की ओर ध्यान दिया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि मधुमक्खी जैसे परागण करने वाले कीट, जिन पर हम अपने अस्तित्व के लिए सबसे अधिक भरोसा करते हैं, पर वायु प्रदूषण के कारण विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है। बेंगलूरू स्थित नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) में नेचरलिस्ट इन्स्पायर्ड केमिकल इकोलॉजी (एनआईसीई) प्रयोग...

Children and young adults key to transmitting coronavirus – Study

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New Delhi, Oct 01 (India Science Wire): Number of novel coronavirus cases is surging in the country and researchers are trying to understand the potential spreaders and the possible routes of the spread of the virus to arrive at a viable and evidence based policy. A study based on contact-tracing says that more than five lakh people in India who were exposed to the novel corona virus SARS-CoV- 2, suggests that the virus' continued spread is determined by only a small percentage of those who become infected. According to the study, children and young adults were found to be potentially much more key sources of transmission of the virus especially indoors. The researchers found that 71% of infected individuals did not infect any of their contacts, while a mere 8% of infected ...

स्वास्थ्य और चिकित्सा के स्तर पर जमीन से जुड़कर ही हम इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर सकते हैं: वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार

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l स्वास्थ्य पत्रकारिता को और व्यापक बनाने की है जरूरतः प्रो. के.जी.सुरेश, कुलपति माखनल लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय l सबका विकास सबका स्वास्थ्य है आत्मनिर्भर भारत की पहचानः डॉ. उमा कुमार, विभागाध्यक्ष, रूमोटोलॉजी विभाग, एम्स, नई दिल्ली l स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता विषय पर स्वस्थ भारत मीडिया, दिल्ली पत्रकार संघ एवं स्वस्थ भारत (न्यास) के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार आयोजित नई दिल्ली। अपनी समृद्ध परंपरा और चिकित्सा व आहार को अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं और कोरोना जैसी महामारी का मुकाबला करने में सफल हो सकते हैं। हमें स्वास्थ्य और चिकित्सा के स्तर पर जमीन से जुड़ना होगा तभी आत्मनिर्भरता भी हासिल कर सकते हैं। ये बातें 2 अक्टूबर को ' भारत की स्वास्थ्य नीति: आत्मनिर्भरता की आवश्यकता' पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य ...