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विज्ञान प्रतिभाओं की खोज के लिए अनूठी प्रतियोगिता

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नई दिल्ली, 13 अगस्त (इंडिया साइंस वायर): कोविड-19 महामारी के कारण सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अध्ययन और अध्यापन से जुड़ी गतिविधियां ऑनलाइन संचालित हो रही हैं। ऐसे में, विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत संस्था विज्ञान भारती, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) मिलकर छठी से ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए एक अनूठा वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) नामक यह एक राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य विज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान एवं उन्हें प्रोत्साहित करना है। वीवीएम वास्तव में ऐप आधारित, एक ऑनलाइन विज्ञान प्रतिभा खोज प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगिता में छात्र व्यक्तिगत या फिर अपने स्कूल के ज...

टीवी डिबेट

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आजकल की टीवी डिबेट में कोई किसी को कुछ भी कह सकता है। चीखना-चिल्लाना और आरोप-प्रत्यारोप सामान्य बात है, अक्सर अलग-अलग स्तर की गाली-गलौज भी देखी-सुनी जा सकती है। यदा-कदा थपड़ियाव और मारपिटाई भी देखने को मिलती है। बहुत कुछ फ्री-स्टाइल फाइट की तरह! और यह हाल केवल टीवी-डिबेट में ही नहीं है, पूरे राजनैतिक परिदृश्य का यही हाल है। फर्क बस इतना है कि टीवी डिबेट में प्रतिद्वंदी आमने-सामने होते हैं, नुक्ता-दर-नुक्ता एक-दूसरे की बखिया उधेड़ने को और ताबड़तोड़ हमला करने को बेकरार! कल से कुछ बहुत मासूम लगने वाले लोग आजतक के कार्यक्रम दंगल के एंकर रोहित सरदाना और भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा को कॉंग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी का हत्यारा बता रहे हैं, जिनकी कल आकस्मिक हृदयाघात से मृत्यु हो गई थी। ट्विटर पे हैशटैग #Arrest_Sambit_Patra भी चलाया कुछ महान आत्माओं ने। मजे की बात ये रही कि इन महान आत्माओं मे...

फलित ज्योतिष : विज्ञान या अन्धविश्वास

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आसमान के विभिन्‍न भागों में विभिन्‍न ग्रहों की स्थिति के कारण पृथ्‍वी पर या पृथ्‍वी के जड चेतन पर पडनेवाले प्रभाव का अध्‍ययन फलित ज्‍योतिष कहलाता है। यह विज्ञान है या अंधविश्वास, इस प्रश्न का उत्तर दे पाना समाज के किसी भी वर्ग के लिए आसान नहीं है। परंपरावादी और अंधविश्वासी विचारधारा के लोग,जो कई स्थानों पर ज्योतिष पर विश्वास करने के कारण धोखा खा चुकें हैं , भी इस शास्त्र पर संदेह नहीं करते। वे ज्‍योतिष को मानते हुए सारा दोषारोपण ज्योतिषी पर कर देते है। दूसरी ओर वैज्ञानिकता से संयुक्त विचारधारा से ओत-प्रोत ज्‍योतिष को जीवनभर न मानने वाले व्यक्ति भी किसी मुसीबत में फंसते ही समाज से छुपकर ज्योतिषियों की शरण में जाते देखे जाते हैं। Govt. & Astrology फलित ज्योतिष की इस विवादास्पद स्थिति के लिए मै सरकार ,शैक्षणिक संस्थानों एवं पत्रकारिता विभाग को दोषी मानती हूं। इन्होने आजतक ज्योतिष को...

Tough action now necessary after Bengaluru violence

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Violence in Bengaluru on 11.08.2020 by all accounts seemed to be pre-planned where just a facebook-post by an individual resulted in huge loss to private and public property with dozens of policemen injured in mob-violence. It is noteworthy that any thing against majority Hindus either through social media or poisonous speeches of religious fundamentalists of minority community have never resulted in any violence. No violence occurred anywhere in India even after highly objectionable portraying of Hindu gods and goddesses in paintings of Maqbool Fida Hussain. No pseudo-secular political party or self-termed human-rights-activists even voice against such aspects badly hurting religious sentiments of majority Hindus. At least all the three variants of Padma awards including Padma Vibhushan i...

सैयां हमारे घर नहीं ,हमें किसी का डर नहीं

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*प्रदेश में कोरोना, कांग्रेस और भाजपा तीनों विस्फोटक स्थिति में हैं। कोरोना  को रोकने के लिए फिर से लॉक डाउन लगाए जाना ही समझदार लोगों को विकल्प लग रहा है। कांग्रेस में सचिन पायलट की वापसी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निश्चिंत हो जाना चाहिए था मगर उन्होंने अपने सभी विधायकों को बाड़े मुक्त नहीं किया है। ज़ाहिर है वे अभी भी शंकित हैं।भाजपा के हाल ये हैं कि दूसरों के घरों में ताक झांक करने वाले नेता अब अपने ही घर की झाड़ पौंछ  कर रहे हैं। कुल मिलाकर कोरोना , कांग्रेस और भाजपा तीनों ही ज्वलनशील कचरे का ढेर बन चुके हैं और उन्होंने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है।*‍♂ *जोधपुर , कोटा , पाली, बीकानेर, धौलपुर, अलवर ही नहीं अब तो हर जिले के आंकड़े संभाले नहीं संभल रहे ।रोज़ पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। कई शहरों में आंतरिक लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं।* *अजमेर का जिक्र किया ज...

SACHIN PILOT LOSES, CONGRESS PARTY LOSES MORE AND SONIA FAMILY WINS IN INDIAN POLITICS

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All those  who understand the need   for healthy and progressive democracy in India , want a strong opposition party at national level, that can question THE Modi  government , if and when necessary, with dignity ,  facts and figures  and logic. Today, apart from BJP, Congress is the only national party in India , with  all the other parties essentially being regional outfits. CPI and CPI (M) are fast losing  theIR   foothold and do  not look like regaining  the earlier stance as an effective voice at national level. Under such circumstances, the only party that can play it’s role as a credible opposition  party at the national level is the Congress party.  Unfortunately, given it’s present structure and functioning style, Congress party has become a family...

हिन्दू परिषद के छप्पन वर्ष

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स्वतंत्रता के पश्चात सेक्युलर वाद के नाम पर हिन्दू समाज के साथ बढ़ते अन्याय तथा  ईसाईयों व मुसलमानों के तुष्टिकरण के बीच 1957 में आई नियोगी कमीशन की आँखें खोल देने वाली रिपोर्ट ने हिन्दू समाज के कर्णधारों की नींद उड़ा दी. रिपोर्ट में ईसाई मिशनरियों द्वारा छल, कपट, लोभ, लालच व धोखे से पूरे देश में हिंदुओं के धर्मांतरण की सच्चाई सामने आने के बावजूद केंद्र सरकार ने इसे रोकने के लिए प्रभावी केंद्रीय कानून बनाने से स्पष्ट मना कर दिया। इसके अलावा हिन्दू समाज में भी अनेक आंतरिक संघर्ष चल रहे थे जिनके कारण भी देश का संत समाज चिंतित था। विदेशों में रहने वाला हिन्दू समाज भी अपनी विविध समस्याओं के समाधान हेतु भारत की ओर ताक तो रहा था किन्तु केंद्र सरकार के हिन्दुओं के प्रति उदासीन रवैए के कारण वह भी निराश था. ऐसे में हिन्दू समाज के जागरण और संगठन की आवश्यकता महसूस होने लगी...

Rajasthan political game over without any change as factionalism exists in all parties

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Bitter in-fight amongst rival groups in Congress legislative party of Rajasthan is over but not because unity is established in the dynastic party. But it was because evil of factionalism exists in almost all big parties including opposition BJP in the state, which could not unitedly take advantage of highest level of dissidence in ruling Congress. But whole political drama continued for several weeks, did harm people of state and also the public-exchequer where Congress MLAs of rival groups including those seated on ministerial posts continued to draw salaries while relaxing in costly resorts without attending to their duty and service for people especially in corona-period. Now leadership of both the rival groups of ruling Congress will have to indirectly harm public-exchequer by gene...

Why right of equality only for Hindu daughters – Uniform Civil Code is need of hour

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It refers to welcome Supreme Court verdict dated 12.08.2020 providing rights for daughters in property of Hindu Undivided Family to daughters also with retrospective effect. But big question is why daughters of other religions are deprived of right to equality. Instead of inducing reforms in codes for various religions in parts like on Triple Talaque in Islam, Central government should now go ahead for a Uniform Civil Code as also favoured by constitution-maker Dr Bhimrao Ambedkar. As rightly pointed out by the then Prime Minister Atal Bihari Vajpayee, Uniform Civil Code will be drafted by taking welcome aspects of all religions like from Islam where it is necessary to seek consent of bride-to-be before marriage. Stringiest provisions for punishment of crimes as stipulated in Islam i...

Department of Posts should issue sponsored postal-stamps for drastic increase in revenue

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Indian Post should extend system of sponsorship for issuing sponsored postal-stamps on commercial lines like is presently done in case of post-cards and Inland-Letter-Cards. Sponsored postal-stamps with some minimum stipulated number can carry advertisements or other messages desired by sponsors to be endorsed by a committee of the Department with sponsorship-charge fixed per printed stamp. System will give dual-edged enormous extra revenue-earning firstly from sponsorship and secondly by making sponsoring companies shifting from private courier-companies to premier postal-services provided by India Post. To induce newness in system and for earning extra revenue through philately, India Post should traditionally issue an altogether new definitive series of postal-stamps and postal-stati...