पूर्वजों की खोज है चूड़ियाँ
अधिकतर महिलायें चूड़ियाँ या कंगन अवश्य पहनती हैं। चूड़ियाँ और कंगन शादी शुदा महिला के लिए ख़ासा महत्व रखती हैं। कई प्रान्तों में तो इतना महत्व है की सोना नहीं तो कांच की चूड़ियाँ पहनना जरुरी होता है। बंगाल में शंका-पोला तो पंजाब में चूङे... अलग अलग प्रान्तों में अलग अलग चलन है। कहा जाता है की नई नवेली दुल्हन की कलाई चूड़ियों से भरी होती है।
आमतौर पर इस सम्बन्ध में यही मान्यता है की चूड़ियाँ सुहाग की निशानी होती है और इसी कारण से पहनी जाती है। चूड़ियों की पहनने के पीछे सुहाग की निशानी के आलावा कई अन्य महत्वपूर्ण कारण भी हैं।
1- चिकत्सा के आधार पर चूड़ियों का महत्व
2- वैज्ञानिकता के आधार पर चूड़ियों का महत्व
3-मान्यता के आधार पर चूड़ियों का महत्व
1- चिकत्सा के आधार पर चूड़ियों का महत्व-
चूड़ियों के हिलने और बजने से जो मधुर ध्वनि निकलती है, उस संगीत से मनुष्य को शारीरिक और मानसिक तोर पर बहु...