कब होगा माओवादियों का समूल नाश
छत्तीसगढ़ में माओवादियों के दानवी कृत्य के कारण सारे देश का गुस्सा वाजिब ही है। माओवादियों के साथ मुठभेड़ में देश के सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हुए हैं। मृत जवानों के मुठभेड़ स्थल पर पड़े शवों को देखकर हरेक हिन्दुस्तानी का कलेजा फटा जा रहा था । पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में यह माओवादियों का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। माओवादियों ने जिस तरह की क्रूरता दिखाई है, वह दिल दहला देने वाली राक्षसी और पाश्विक कृत्य है। माओवादियों की यह दुस्साहसपूर्ण लोकतंत्र विरोधी कार्रवाई पूरे देश के लिए एक गंभीर चुनौती है। इस देश ने पूर्व के दशकों में पंजाब, असम,पूर्वोत्तर भारत में भी हिंसक पृथकतावादी आंदोलनों को देखा और सफलतापूर्वक कुचला भी। पर, इन आतंकवादियों और गैंगस्टर अपराधियों से भी खतरनाक माओवादियों को क्यों नष्ट नहीं कर पा रहा है? क्या देश शासन के संकल्प में किसी स्तर पर कोई कमी है? यह बात पहले ...