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निजी संस्थानों में आरक्षण एक नई समस्या को जन्म

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पूरे देश आज रोजगार में आरक्षण के वर्तमान सिद्धांतो के कारण कुछ अडचनें  महसूस हो रही हैं | ऐसे में हरियाणा सरकार के एक फैसले से हंगामा खड़ा हो गया है। फैसला है रोजगार में आरक्षण का। रोजगार भी सरकारी नहीं, प्राइवेट और आरक्षण भी किसी जाति, धर्म या आर्थिक आधार पर नहीं, बल्कि राज्य में रहने वालों को। राज्य सरकार ने यह फैसला अपने लोगों की भलाई या उन्हें खुश करने के लिए लिया है। लोग खुश हुए या नहीं, इसका पता तो चुनाव में लगेगा और उनकी कितनी भलाई हुई, इसका पता लगने में भी काफी वक्त लग सकता है, लेकिन फिलहाल इस फैसले से हंगामा खड़ा हो गया है। ऐसे ही फैसले कुछ और सरकारों ने भी लिए थे जिन्हें बाद में ठंडे बसते में डालना पडा उहाहरण यहीं से लें,हरियाणा में जिन कंपनियों की फैक्टरियां या दफ्तर हैं, उनमें गंभीर चिंता फैल गई है। हरियाणा में प्राइवेट कारोबार में भी 50 हजार रुपये महीने से कम तनख्वाह वाली नौक...

सृजन एवं समभाव के स्वामी हैं शिव

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सत्य ही शिव हैं और शिव ही सुंदर है। भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने का ही महापर्व है महाशिवरात्रि। इस दिन भक्त जप, तप और व्रत रखते हैं और भगवान के शिवलिंग रूप के दर्शन करते हैं। शिवलिंग शिव एवं सृष्टि का प्रतीक है। शिव का अर्थ है कल्याणकारी और लिंग का अर्थ है सृजन। सर्जनहार के रूप में लिंग की पूजा होती है। मान्यताओं के अनुसार, लिंग एक विशाल लौकिक अंडाशय है, जिसका अर्थ है ब्रह्माण्ड। इसे ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। महाशिवरात्रि पर देश के हर हिस्सों में शिवालयों में बेलपत्र, धतूरा, दूध, दही, शर्करा आदि से शिवजी का अभिषेक किया जाता है। देश एवं दुनिया में यह पर्व एक महोत्सव के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवों के देव महादेव का विवाह पावर्ती से हुआ था। भगवान शिव को देवादि देव, महादेव, शंकर, विश्वनाथ, नीलकंठ, भोलेनाथ, शिव-शम्भू, महेश, महाकाल, आदिदेव...

Largely unoccupied August Kranti Bhawan (New Delhi) – A HUDCO property

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Public-sector undertaking Housing and Urban Development Corporation Limited (HUDCO) had constructed a large commercial complex August Kranti Bhawan at Bhikaji Cama Place (New Delhi). But almost its entire ground-floor except a few shops are lying locked without any occupancy ever since the building was constructed many years ago. Moreover many of rooms at other floors including mainly on second floor are likewise never occupied. It is a gross wastage of public-resources when their sky-high rental-rates in nearby buildings. HUDCO should take steps for proper utilisation of this complex built at huge cost of public-money. Now since Central Information Commission (CIC) having vacated a major portion of the building after CIC got its own building CIC Bhawan, occupancy at the building has furth...

New Delhi Municipal Committee tops list of best civic bodies while three civic bodies of rest of Delhi perform poorly

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It refers to data released by Union Ministry of Housing and Urban Development about functioning of 60 civic bodies in various cities of India where New Delhi Municipal Committee controlled by non-politicians tops the list, while three other civic bodies controlled by elected politicians namely East Delhi Municipal Corporation, North Delhi Municipal Corporation, South Delhi Municipal Corporation rank poorly at 46, 43 and 31 respectively in 47 cities having population of more than 10 lakhs, meaning thereby that bureaucratic control on civic bodies is far better than control by politicians. Since Delhi is a Union Territory, Union Ministry of Housing and Urban Development should take effective measures to make three civic bodies of Delhi controlled by elected political representatives may p...

Modified delimitation needed in Delhi before any next elections

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Delimitation in Delhi should be streamlined by having two exclusive Lok Sabha constituencies for trans-Yamuna areas with simplified names as ‘East Delhi’ and Yamuna Vihaar’ with river Yamuna as boundary to separate rest of the five seats on other side of the river which could have easy names as ‘New Delhi’, ‘Old Delhi’, ‘South Delhi’, ‘North Delhi’ and ‘West Delhi’ eliminating confused nomenclature like North-East Delhi or North-West Delhi. All the seven Lok Sabha constituencies may comprise of ten assembly-seats even though twenty trans-Yamuna assembly-seats may have slightly less representation of voters. Major roads or rail-lines should be dividing boundaries between different constituencies. Such slight modifications can be done before 2024-polls to Lok Sabha. There is a peculiar si...

मत बांटो थोक के भाव पीएचडी की डिग्रियां

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आर.के. सिन्हा दिल्ली विश्वविद्यालय के हालिया संपन्न 97वें दीक्षांत समारोह में 670 डॉक्टरेट की डिग्रियां दी गईं। मतलब यह कि ये सभी पी.एच.डी. धारी अब अपने नाम के आगे “डा.” लिख सकेंगे। क्या इन सभी का शोध पहले से स्थापित तथ्यों से कुछ हटकर था? बेशक, उच्च शिक्षा में शोध का स्तर अहम होता है। इसी से यह भी तय किया जाता है कि पीएचडी देने वाले विश्वविद्यालय का स्तर किस तरह का है। अगर अमेरिका के मैसाचुसेट्स  इंस्टीच्यूट आफ टेक्नालॉजी (एमआईटी), कोलोरोडा विश्वविद्लाय, ब्रिटेन के कैम्ब्रिज और आक्सफोर्ड विश्वविद्लायों का लोहा सारी दुनिया मानती है तो कोई तो बात होगी ही न ? यह सिर्फ अखबारों  में विज्ञापन देकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्लाय नहीं बने हैं। इनका नाम उनके विद्यार्थियों द्वारा किये गये मौलिक शोध के कारण ही हैं I  बड़ा सवाल यह है कि क्या हमारे यहां हर साल जो थोक के भाव से पीएचडी की डिग्रिया...

जी-23 की बगावत से कमजोर होती कांग्रेस

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कांग्रेस की राजनीति की सोच एवं संस्कृति सिद्धान्तों, आदर्शों और निस्वार्थ को ताक पर रखकर सिर्फ सत्ता, पु़त्र-मोह, राजनीतिक स्वार्थ, परिवारवाद एवं सम्पदा के पीछे दौड़ी, इसलिये आज वह हर प्रतिस्पर्धा में पिछड़ती जा रही है। कांग्रेस आज उस मोड़ पर खड़ी है जहां एक समस्या समाप्त नहीं होती, उससे पहले अनेक समस्याएं एक साथ फन उठा लेती है। कांग्रेस के भीतर की अन्दरूनी कलह एवं विरोधाभास नये-नये चेेहरों में सामने आ रही है, जी-23 की बगावत जगजाहिर है। कांग्रेस की इस दुर्दशा एवं लगातार रसातल की ओर बढ़ने का सबसे बड़ा कारण राहुल गांधी है। वह पार्टी एवं राजनीतिक नेतृत्व क्या देश की गरीब जनता की चिन्ता एवं राष्ट्रीय समस्याओं को मिटायेंगी जिसे पु़त्र के राजनीतिक अस्तित्व को बनाये रखने की चिन्ताओं से उबरने की भी फुरसत नहीं है।जी-23 के नेता कांग्रेस के कद्दावर नेता है, पार्टी के आधार है, बुनियाद है, उनके भीतर पनप रहा ...

मां सीता के बिना अधूरे हैं प्रभु श्रीराम

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पौराणिक काल में ऐसी कई महिलाएं हुई हैं जिन्हें हम आदर्श और उत्तम चरित्र की महिलाएं मानते हैं, जो भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। लेकिन उनमें से सर्वोत्तम हैं माता सीता। जैसे श्रीराम को पुरुषों में उत्तम पुरुषोत्तम कहा गया है, उसी तरह माता सीता भी महिलाओं में सबसे उत्तम एवं आदर्श नारी चरित्र हैं। धर्मशास्त्रों में ऐसी ही अनेक गृहस्थ और पतिव्रता स्त्रियों के बारे में लिखा गया है, जो आज भी हर नारी के लिए आदर्श और प्रेरणा हैं। अनेक लोग माता सीता के जीवन को संघर्ष से भरा भी मानते हैं, लेकिन असल में उनके इसी संघर्षमय जीवन में आधुनिक हर कामकाजी या गृहस्थ स्त्री के लिए बेहतर, उत्तम और संतुलित जीवन के अनमोल सूत्र समाये हैं। उनकी सत्य निष्ठा, चरित्र निष्ठा, सिद्धांत निष्ठा और अध्यात्म निष्ठा अद्भुत एवं प्रेरक है। वे त्याग, तपस्या, तितिक्षा, तेजस्विता, बौद्धिकता, चैतन्यता, पारिवारिकता एवं पतिव्र...

श्रीराम की सेना के महाबली अंगदजी

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अंगद किष्किन्धा के राजा बालि के पुत्र थे। उनकी माता का नाम तारा था। अंगद का विवाह मैद नामक वानर की ज्येष्ठ पुत्री के साथ हुआ था। अंगद के पुत्र का नाम ध्रुव था। ध्रुव भी पिता के समान महाबली था। अंगद बड़े ही वाक्पटु थे। इनके इस संक्षिप्त परिचय के उपरान्त श्रीरामकथा में इनके अद्भुत वीरता-प्रतिभा-वाकपटुता के बारे में जानना आवश्यक है। श्रीरामचरितमानस में अंगद का आगमन श्रीराम के द्वारा बालि के हृदय में बाण मारने के बाद होता है। श्रीराम द्वारा बालि को बाण मारा तब बालि ने कहा- धर्म हेतु अवतेरहु गोसाईं। मारेहु मोहि व्याध की नाई।। मैं बैरी सुग्रीव पिआरा। अवगुन कवन नाथ मोहि मारा।। अनुज बधू भगिनी सुत नारी। सुन सठ कन्या सम ए चारी।। इन्हहि कूदृष्टि बिलोकइ जोई। ताहि बधें कछू पाप न होई।। श्रीरामचरितमानस किष्किन्धाकाण्ड ९-३-४ हे गोसाईं! आपने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया है और मुझे व्याध (शिकारी) की...

भक्त प्रह्लाद और उनका चुनौतीपूर्ण जीवन

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भक्त प्रह्लाद विष्णु के सच्चे भक्त थे। वे निष्काम भक्त कहे जाते हैं क्योंकि उन्होंने हमेशा अपने स्वयं के सुख के लिए कभी नहीं सोचा तथा सर्वदा दूसरों के सुख के लिए ही विष्णु भगवान का स्मरण करते रहे। इनके पिता का नाम हिरण्यकश्येपु था। वह एक दुर्जेय राक्षस था। इसके पिता कश्यप तथा माता अदिति नाम से प्रसिद्ध थे। हिरण्यकश्यपु का एक भाई था जिसका नाम हिरण्याक्ष था। हिरण्यकश्यपु को प्रह्लाद के पूर्व भी सन्ताने उत्पन्न हुई थीं जिनमें तीन पुत्र तथा एक पुत्री थी। इनके नाम थे- संल्हाद, अनुल्हाद, ल्हाद तथा चौथा पुत्र प्रह्लाद था। एक पुत्री थी जिसका नाम सिंहिका था। प्रह्लाद की माता (हिरण्यकश्यपु की पत्नी) का नाम कयाधु था। एक बार भगवान विष्णु से अपने भाई हिरण्याक्ष के वध का बदला लेने के लिए कठोर तपस्या कर रहा था। यह देख कर देवर्षि नारद को अत्यधिक चिन्ता हुई। इन्द्र कयाधु को हरण करके ले जा रहा था। मार्ग में...