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RTI fees and other government-fees requiring to paid through postal-orders should be revised to rupees fifty uniformly to prevent heavy loss in handling postal-orders

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It was only after revelation through RTI application that Department of Posts discontinued postal-orders in outdated denominations like rupees 1, 2, 5 and 7 because of extremely low sale-figure and high handling cost. According to an RTI response, handling cost of a postal-order was rupees 37.45 to Department of Posts alone in the year 2011-12. Handling cost for clearing-operation of banks is even extra. It is highly illogical that public-exchequer may bear such extra-ordinary loss in handling postal-orders in denominations like rupees 10 and 20. Rather it is time that higher denominations like of rupees 100, 200 and 500 may be added to avoid purchase of demand-drafts in submitting various types of fees. Government-fees below rupees 50 may either be increased or totally abolished. Or De...

Sublethal exposure study of lead (Pb) on black clams to provide early warning information on marine pollution

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New Delhi, Mar 01 (India Science Wire): Black clam is one of the most important clam species contributing to more than 70% of clam fisheries in India. A research team in India has concluded that black clams (Villorita cyprinoides) can provide potential early warning information on marine pollution that can help environmental scientists to monitor and manage the overall fitness of the marine environment. In this integrated study involving observation of critical bio-lethal parameters coupled with a bioassay of the black clams, sensitive information could be obtained by the scientists. Results of the study revealed that information on sublethal exposure of metal lead (Pb) and its toxic effects on the black clam is an important precursor to assess pollution in a marine environment. ...

Synthesis of agonist molecule by CSIR-IICT for COVAXIN

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New Delhi, Mar 01 (India Science Wire): Council of Scientific & Industrial Research (CSIR)’s constituent laboratories have been working relentlessly in partnership with industry to launch repurposed drugs through process development and conducting clinical trials. CSIR labs have also extensively contributed towards the launching of diagnostic kits including Feluda and Dry Swab Direct RT-PCR method for the screening of SARS-CoV-2. The indigenous vaccine for COVID-19, COVAXIN, developed by Hyderabad based Bharat Biotech, is a highly purified, whole virion, inactivated SARS-CoV2. The vaccine is formulated with Algel-IMDG, which contains chemisorbed TLR7/8 agonist onto aluminium hydroxide gel to generate the requisite type of immune responses. Owing to the significant role play...

AustralaSian COVID-19 Trial opens in India

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New Delhi, Mar 01 (India Science Wire): AustralaSian COVID-19 Trial (ASCOT) has been expanded into India, with the first patients recruited last week to the first two sites, Christian Medical College and Hospital Ludhiana in Punjab and Sterling Multispecialty Hospital in Pune, Maharashtra. Australasia is a region that comprises Australia, New Zealand, and some neighboring islands. ASCOT has partnered with the George Institute for Global Health to oversee the trial in India given its substantial experience operating clinical trials in the country with a presence in 21 states. George Institute for Global Health is an independent medical research institute headquartered in Australia with offices in China, India and the United Kingdom. ASCOT aims to discover which existing treatments ...

महिला विमर्श : ऐसे न्याय को न्याय नहीं कहा जा सकता

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देश में बड़े जोर –शोरसे ८ मार्च को महिला दिवस बनाया जा रहा है, इससे पूर्व आया एक न्यायालयीन निर्णय एक बार सोचने पर विवश और विचलित कर रहा है | यह बात विचलित करती है कि यदि किसी नाबालिग लड़की के साथ ज्यादती करने वाले व्यक्ति को पीड़िता के साथ विवाह करने का अवसर न्यायिक व्यवस्था द्वारा दिया जाये। इसे कैसे न्याय की संज्ञा दी जाये ? वास्तव में यह प्रस्ताव शीर्ष अदालत के स्तर पर लैंगिक संवेदनशीलता को नहीं दर्शाता। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरोपी को पीड़िता के साथ शादी के लिये मजबूर नहीं किया जा रहा है| फिर भी  यह विचार फिर भी अमान्य व असंवेदनशील  की कहा जा रहा है। सही मायनो में अदालत की यह टिप्पणी न केवल अपराधियों का हौसला बढ़ाती है बल्कि महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा को कमतर दर्शाती है। अनेक अर्थों में इस तरह का प्रस्ताव देना मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के वर्ष 2020 में दिये गये उस ...

आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी आंदोलन

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डॉ कामिनी वर्मा एसोसिएट प्रोफेसर इतिहास काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर भदोही उत्तर प्रदेश कहते हैं आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है और यही आवश्यकता आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करती है l वर्ष भर पूर्व समस्त विश्व को संक्रमित करने वाले कोविड-19 वायरस के भय से विश्व भर की गतिशीलता स्थिर हो गई l वायरस का संक्रमण इतना बढ़ा कि बीमारों के लिए अस्पताल कम पड़ गए ऐसे समय में रेल पथ पर खड़ी रेल अस्पताल बन गई l जिस वैक्सीन की खोज में 5-6 साल लग जाते उसे सीरम इंडिया एवं बायोटेक द्वारा कोविड-19 से दो-दो हाथ करने के लिए मात्र 10 महीने में न सिर्फ खोज लिया अपितु इस स्वदेशी वैक्सीन का वृहद स्तर पर उत्पादन करके विदेशों को भी निर्यात किया गया l आत्मनिर्भर भारत आज न सिर्फ चर्चा का विषय बना हुआ है बल्कि इस दिशा में सरकारी और निजी स्तर पर व्यापक प्रयास भी किए जा रहे हैं l इसी क्रम में...

चुनोतीपूर्ण समय और ये किंतु परंतु

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जैसा कि मैंने पूर्व में अनुमान व्यक्त किया था उसी अनुरूप अमेरिका में जो बाइडन द्वारा राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने के साथ ही अमेरिका की दक्षिण एशिया नीति में आए बदलावों व भारत की कूटनीतिक सक्रियता के कारण एक ओर जहाँ चीन और फिर पाकिस्तान ने भारत से संबंध सुधारने व सीमा पर तनाव कम करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी वहीं भारत में लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन व उसको मिल रहे खालिस्तानी समर्थक प्रवासी भारतीयों व कनाडा आदि की सरकारों के समर्थन में ख़ासी कमी आने लगी। यह ज़रूरी नहीं क़ि सब कुछ पूर्णत: शांत हो जाए व स्थितियाँ पहले जैसी हो जाए, मगर  कुल मिलाकर नियंत्रण से नहीं निकलेंगी। सरकार व भाजपा के संकटमोचक भी पर्दे के पीछे सक्रिय हैं और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गयी समिति भी पूर्णरूप से सक्रिय है जिस कारण फ़िलहाल तो आंदोलन की धार कुंद हो ही गयी। आंदोलन की समाप्ति हेतु सरकार समाधान की इच्छुक ह...

लाला पन्ना लाल सिंघल स्मृति व्यख्याना माला 5.0

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" ऋषियों-मुनियों द्वारा ही सुनियोजित था राम का वन-गमन " - डॉ. नरेंद्र कोहली, प्रख्यात कथाकार देश की सुप्रसिद्ध सामाजिक संस्था 'चेतना' द्वारा पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी 'लाला पन्नालाल सिंघल स्मृति व्याख्यानमाला' का आयोजन रविवार दिनांक 28 फरवरी 2021 को रोहिणी के होटल क्राउन प्लाजा के भव्य सभागार में किया। यह इस कड़ी की पाँचवी व्याख्यानमाला थी। इन व्याख्यानमालाओं के अंतर्गत संस्कृति और समाज से जुड़े विभिन्न विषयों पर देश की गणमान्य हस्तियों में से किसी एक को किसी एक विशेष विषय पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस बार मुख्य वक्ता के रूप में देश के प्रख्यात कथाकार, विचारक, चिंतक डॉ. नरेंद्र कोहली को आमंत्रित किया गया था। विषय था - 'समसामयिक परिस्थितियाँ और राम कथा' ; इसका विशेष संदर्भ था 'श्री रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण'। श्री राम जन्मभूमि मंदिर का मुद्दा देश में पिछले कई दशकों...

नये भारत के लिये नया इंसान कौन बनायेगा?

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”अणुव्रत-मिशन“ की 72 वर्षों की एक ‘युग यात्रा’ नैतिक प्रतिष्ठा का एक अभियान है। परिवर्तन जीवन का शाश्वत नियम है, प्रगति एवं विकास का यह सशक्त माध्यम है। जीवन का यही आनन्द है, यह जीवन की प्रक्रिया है, नहीं तो जीवन, जीवन नहीं है। टूटना और बनना परिवर्तन की चैखट पर शुरू हो जाता है। नये विचार उगते हैं। नई व्यवस्थाएं जन्म लेती हैं एवं नई शैलियां, नई अपेक्षाएं पैदा हो जाती हैं। अब जब भारत नया बनने के लिए, स्वर्णिम बनने के लिए और अनूठा बनने के लिए तत्पर है,  तब एक बड़ा सवाल भी खड़ा है कि हमें  नया भारत कैसा बनाना है? ऐसा करते हुए हमें यह भी देखना है कि हम इंसान कितने बने हैं? हममें इंसानियत कितनी आई है? हमारी जीवनशैली में मूल्यों की क्या अहमियत है? यह एक बड़ा सवाल है। बेशक हम नये शहर बनाने, नई सड़कें बनाने, नये कल-कारखानें खोलने, नई तकनीक लाने, नई शासन-व्यवस्था बनाने के लिए तत्पर हैं लेकिन मूल प्रश्न ...

False ITC claims under GST system is cause of worry

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It refers to GST officers arresting a lawyer in East delhi having opened fake firms for claiming false Input-Tax-Credit (ITC) to tune of rupees 50.3 crores under Goods and Service Tax (GST) making total such arrests to 27 in Delhi Zone with total false ITC claim of rupees 4019.95 crores detected in Delhi zone alone. Actual false ITC claims must be multiple times the detected amount because only a little fraction of actual tax-evasion is brought to notice of authorities. Nation-wide such false ITC claims detected or undetected must be of very high amount. There have been 950 amendments so far in GST system with traders all over the country having protested against some recent amendments on 26.02.2021. System should be so simplified and user-friendly in a manner that false ITC claims may ...