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साभार…ज्योतिरादित्य_सिंधिया

साभार…#ज्योतिरादित्य_सिंधिया_ने_राहुल_गन्दगी_की_सजा_के_बाद_उसे_काग्रेस_में_मिल_रही_विशेष_तवज्जो_पर हमला करते हुए कहा “पार्टी न्याय पालिका पर दबाव डालने और प्रासंगिक बने रहने की हर संभव कोशिश कर रही है सिंधिया ने काग्रेस पर हमला करते हुए कहा पार्टी एक पिछड़े वर्ग के पूरे समुदाय को चोर कहती है सैनिक की वीरता के प्रमाण मांगती है ये तक बयान दिया काग्रेस ने कि हमारे जवानों की चीन द्वारा पिटाई की गई है ऐसी पार्टी की एक विचार धारा बची है और वो है देशद्रोह व देश के विरुद्ध कार्य करने की विचारधारा कुछ लोग काग्रेस में “प्रथम श्रेणी के नागरिक” हैं जिस लिए काँगी नेता अलग कानून की मांग कर रहे हैं”…?
पवन खेड़ा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के स्वर्गीय पिता के लिए अपमानजनक शब्द बोलने में आगे रहता है,मोदी को कह रहा है कि हम मोदी को दोस्ताना सलाह देंगे कि जिस व्यक्ति को राहुल गन्दगी और काग्रेस ने इतना आगे बढ़ाया वह जब काग्रेस का ना हुआ तो आप का क्या होगा ऐसे व्यक्ति से आप सावधान रहें सिंधिया पर हमलावर हो खेड़ा ने कहा काग्रेस जो लड़ाई लड़ रही है वह पूरी तरह लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है”…?
काग्रेस जब राहुल गन्दगी की सजा और लोकसभा सदस्यता की अयोग्यता के लिए मोदी को जिम्मेदार कहती है तो फिर उस मोदी की चिंता भी काग्रेस को नहीं करनी चाहिए मोदी अपने आप देखेंगे किससे सावधान रहना है किसे अपने करीब बिठाना है परंतु काग्रेस को सिंधिया को पार्टी के लिए बेवफा कहने से पहले अपने गिरेबान में भी झांकना चाहिए आज बहुत सारे नेता राहुल गन्दगी के “कुत्ते” के झूठे बिस्कुट खाने के लिए अब तैयार नहीं हैं ऐसे नेताओं की भरमार है काग्रेस में जो राहुल गन्दगी जैसी “पनौती” को अब ढोना नहीं चाहते…?
काग्रेस,पार्टी के प्रति वफ़ादारी की बात करते हुए ये याद रखे इंदिरा गन्दगी भी पार्टी के प्रति कभी वफादार नहीं रही,उसने भी अपने स्वार्थ के लिए पार्टी तोड़ दी थी,जो पार्टी के प्रति वफादार रहे उनकी पार्टी ने उनके जीवित रहते व उनके मरने के बाद क्या दुर्गति की थी वह सब भी जनता को मुंह जुबानी याद है कि देश के गृहमंत्री रहे सरदार पटेल,सडविधान के रचयिता डॉ लंबेडकर प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी आज़ादी की लड़ाई में सबसे बड़ा योगदान देने वाले सुभाषचंद्र बोस को क्या सम्मान दिया था काग्रेस ने इसका आज अवलोकन करना जरूरी है सीताराम केसरी को किस तरह धक्के मारकर एंटिनों मायनो उर्फ सोनिया गन्दगी ने पार्टी को हथियाया था वो भी याद होगा,देश के प्रधान मंत्री रहे नरसिम्हाराव के शव का केसे अनादर किया गया था वो क्यू भूल रही है काग्रेस…?
क्या गुलाम नबी आज़ाद, अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, हिमंता विस्वा शर्मा की पार्टी के लिए वफादारी में कोई कमी थी दूर क्यू जाते हो अभी कल ही कांगियो के सबसे वरिष्ठ नेता AK अंटोनी का पुत्र अनिल अंटोनी बीजेपी में शामिल हो गया उसकी तारीफ में भी तो कुछ बोलिए,काग्रेस अपनी वफ़ादारी के लिए छाती पीट पीट बिल बिला रही है काग्रेस तो खुद देश के प्रति कभी वफादार नहीं रही,पाकिस्तान चीन यूरोप अमेरिका,बीबीसी और George Soros से मदद की भीख मांगती है लोकतंत्र के नाम पर अपने को बचाने के लिए,काग्रेस तो हिंदुओं की परम शत्रु पार्टी रही है देश को काग्रेस से सावधान रहना ही होगा आज देश की आँखें खुल गई हैं आज देश और हिंदू समाज काग्रेस को पूरी तरह दफ़न करने के लिए तैयारी कर चुका है…?
अन्तत:जाते जाते कभी तोड़न कभी जोड़न यात्रा कभी विदेश में बकवास बाजी कभी कुछ कभी कुछ अब एक नई ताजी नौटंकी शुरू हो चुकी है विचार कीजिएगा देश मे जितनी भी समस्याए है उनमे से कोई एक ऐसी समस्या नहीं है जो कि पिछले आठ वर्षो में पैदा हुई हो..गरीबी पहले से है कभी उसको दूर करने के लिए कोई महा ठगबंधन बना हो,बेरोजगारी पहले से है कभी रोजगार के लिए कोई महाठगबंधन बना हो,किसान समस्या पहले भी थी कभी उसके लिए महा ठगबंधन बना हो,भ्र्ष्टाचार देश को पिछले सत्तर वर्षो से दीमक की तरह चट किए जा रहा था कभी उस के खिलाफ कोई महाठगबंधन बना हो,दंगे फसाद खूब होते थे और रोजाना कहीं ना कहीं कर्फ्यू लगता था कभी उसे रोकने के लिए कोई महाठगबंधन बना हो,जातपात छुआछूत दशको से है कभी उसे मिटाने के लिए कोई महाठगबंधन बना हो सुबह से शाम हो जाएगी लिखते लिखते देश की समस्याओं पर,देश के लोगो की किसी भी एक समस्या के निवारण के लिए यह सब चोर उचक्के कभी इक्कट्ठे नही हुए…?
अब सोचने का विषय यह है कि ये चोर डाकू ऐसा क्यों कहते है कि देश के लोगो को बचाना है इसलिए हम इक्कट्ठे हुए है अगर देश के लोगो को उन की समस्याओं से बचाना था तो आज तक कोई महाठगबंधन क्यों नही किया,कभी गरीबी हटाओ भृष्टाचार मिटाना है बेरोजगारी हटाओ आतंक वाद हटाओ कभी किसानों की समस्याओं को हटाने के नाम पर इन चोरों ने गठबंधन किया बिलकुल भी नहीं,अब जब सबके अपने अस्तित्व खत्म होने लगे
इनकी खुद की दुकाने बन्द होने लगी अब यह सब इकट्ठे हो गये ये सभी चादरmod समस्याओं को हटाने के लिए नही मोदी को हटाने के नाम पर इक्ट्ठे हुए हैं देश की समस्याओं से इनका कोई लेना देना नही इनकी असली समस्या है इन सभी चोर लुटेरों की पारिवारिक दुकानें बंद हो रही हैं इसलिए सभी सुर में सुर मिला बोल रहे है मोदी को हटाओ…फैसला आपको करना है कि इन लुटेरे डकैतो की दुकाने चलानी है या बंद करनी है…???

जहां भी कोई आपिया सांपिया वामिया कांगिया नजर आए जूते नामक यंत्र का जितना भी उपयोग करोगे उतना ही देश और धर्महित में आपके नाम फलीभूत होगा बस पैर से निकालो और तड़,तड़ाक फड़ फड़ाक फडाक फड़ाक़… 

 अवधेश प्रताप सिंह कानपुर उत्तर प्रदेश,

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