डॉ. अजय कुमार मिश्रा
किसी भी राज्य के विकास में कई महत्वपूर्ण पहलुओं के आलावा ऊर्जा का विशेष स्थान होता है | यही एक इकाई है जिस पर औद्योगिक और निवेश करने वालो की अपेक्षाओं पर पूर्ति होना जरुरी है | उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए निवेशकों की बैठक में ऊर्जा क्षेत्र को सर्वाधिक प्रस्ताव प्राप्त हुए है | यानि की ऊर्जा एक महत्वपूर्ण इकाई के रूप में विकास के लिए अति आवश्यक भी है | परन्तु विगत के कुछ दिनों से ऊर्जा विभाग को लेकर के जिस तरह की छवि बन रही थी वह किसी से छिपी नहीं है | ऊर्जा विभाग के कई संगठनों ने 72 घंटो की स्ट्राइक का आव्हान किया था | जिससे उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ऊर्जा सप्लाई को लेकर बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी थी | मीडिया की सुर्खियाँ यह विभाग लगातार बना रहा | कई दौर की बात-चीत के बाद समय से पहले संगठनों ने स्ट्राइक समाप्त करने की घोषणा किया, तब जाकर लोगों को राहत मिली है और अब ऊर्जा की आपूर्ति सामान्य रूप में की जा रही है | परन्तु इस पूरी प्रक्रिया में विभाग के मंत्री द्वारा अपनाई गयी “कैरट एंड स्टिक” पॉलिसी न केवल अत्यंत प्रभावी रही बल्कि उसकी सराहना सभी जगह हो रही है |
ऊर्जा विभाग के कई संगठनों ने मिलकर 16 मार्च 2023 से रात्रि 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल शुरू किया था और 19 मार्च को संगठनों ने स्ट्राइक समाप्त करने की घोषणा कर दी | यह स्ट्राइक 65 घंटे चली | इस अवधी में अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए श्री ए.के. शर्मा जी ने कड़े निर्णय लेते हुए कई जिम्मेदार लोगों के खिलाफ न केवल केस दर्ज कराने का निर्देश दिया बल्कि कईयों को नौकरी से बाहर करने का भी कार्य किया | उनका यह वाक्य की “हड़ताल में शामिल और जिम्मेदार लोगों को पाताल से भी खोज लेगे” काफी प्रभावशाली रहा है | एक नेता और मंत्री का नैतिक दायित्व होता है की वह जनता की जरूरतों को समझे और उसके अनुरूप कार्य करें | ऊर्जा विभाग के मंत्री का दूसरा वाक्य “सुबह से ही उम्मीद थी कि नागरिकों को परेशानी से बचाने के लिए आज हड़ताल खत्म हो जाय | किसी प्रकार से इस स्थिति तक पहुंचे और हड़ताल में शामिल कर्मियों एवं संगठनों को जनता के दुःख-दर्द का एहसास हुआ और उन्होंने आखिरकार सरकार की बात मानी | उन्होंने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एवं अन्य संगठनों के सदस्यों से कहा कि अभी से ही सभी हड़ताली कर्मचारी तत्काल अपने कार्यस्थल पर लौटें और अपने कार्य दायित्वों का पूरी तरह से निर्वहन करें | उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से बहाल है | फिर भी प्रदेश में कहीं पर भी यदि विद्युत व्यवधान किसी कारण से अभी बना हो तो उसे शीघ्र दूर करने का प्रयास किया जाय, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही एवं कार्य में शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी | उपभोक्ताओं की समस्याओं का शीघ्र ही निदान किया जाय | उनकी शिकायतों के निस्तारण में हीला-हवाली ठीक नहीं होगी | उन्होंने कहा कि सभी विद्युत कर्मी विभाग के हित में अपने दायित्वों का पूरी निष्ठा, ईमानदारी व सत्यनिष्ठा से निर्वहन करेंगे, जिससे कि प्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से अग्रसर हो सके |” अपने आप में यह दर्शाता है की अपने दायित्वों और जिम्मेदारियों के प्रति कितने सजग है |
ऊर्जा मंत्री श्री ए. के. शर्मा ने संघर्ष समिति को आश्वस्त भी किया कि कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल के दौरान विद्युत कर्मियों द्वारा आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के उल्लंघन, विद्युत आपूर्ति बाधित एवं क्षतिग्रस्त करने पर उनके खिलाफ दर्ज ऐसे सभी मुकदमों को वापस लिया जायेगा | इस दौरान बर्खास्त किये गये सभी कर्मचारियों को पुनः बहाल किया जायेगा | इसके लिए उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देश दिये कि हड़ताल के दौरान कर्मियों पर की गयी सम्पूर्ण कार्यवाही को स्थगित करने की प्रक्रिया पूरी की जाय | वार्ता के दौरान उन्होंने विद्युत कर्मियों को यह भी आश्वासन दिया कि 03 दिसम्बर, 2022 को उनके साथ किये गये समझौते की मांगों को वार्ता के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया जायेगा | यह भी कहा कि उस समझौते में से कुछ मांगों को पूरा कर लिया गया है तथा कुछ पर विचार-विमर्श किया जा रहा है | इन वाक्यों और कार्यो के जरिये हड़ताल के लिए जिमेदार लोगों में न केवल डर और जिम्मेदारियों का एहसास कराया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया की सहयोग करने पर सरकार आपके साथ खड़ी है | जनता की समस्याओं के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर 1912 को 24X7 करने का भी निर्देश दिया है|
पर उक्त बातों के अतिरिक्त कई ऐसे पहलू है जिस पर ऊर्जा मंत्री को विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि इनके कार्यकाल में यह दूसरी बार हड़ताल हुई है और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए अति आवश्यक है मूलभूत परिवर्तन करके एक नयी और सशक्त व्यवस्था का निर्माण करें | प्राथमिक रूप से इनमें शामिल हो सकता है – कर्मचारियों की जायज मांगों को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया जाए और उन्हें यह अवगत कराया जाए की जायज मांगों के अलावा अन्य किसी भी मांग पर सरकार विचार नहीं करेगी | आई.टी.आई. किये हुए युवाओं को ऊर्जा क्षेत्र में उनके स्थानीय निवास पर रोजगार प्रदान किया जाए, ऐसे युवा कम वेतन में कार्य करने के लिए तैयार हो जायेगे | स्थानीय स्तर का होने की वजह से, नैतिक रूप से और सामाजिक रूप से उन पर दबाव भी रहेगा जिससे भविष्य में वो हड़ताल में शामिल नहीं हो सकेगे | नयी सभी तरह की नियुक्तियों में यह लिखित रूप से सभी कर्मचारियों से लिया जाए कि किसी भी तरह की हड़ताल और मांग में ऊर्जा विभाग के कार्यों में लापरवाही नहीं होगी और जनता का हित प्रभावित नहीं होगा | मौजूदा व्यवस्था में जिम्मेदार लोगो की पहचान करके उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरित करके आवश्यक प्रशासनिक कार्यवाही भी किया जाए जिससे भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो सके | समाप्त हड़ताल से क्षणिक राहत की साँस तो ली जा सकती है, पर यह नहीं कहा जा सकता की यह पुनः नहीं होगा | एक मजबूत निर्णय ही सही और सहज स्थिति बना सकता है | श्री ए. के.शर्मा के द्वारा कैरट और स्टिक पॉलिसी की वजह से हड़ताल समाप्त हुई है इसमें कोई दो राय नहीं है और वास्तव में यह स्वागत योग्य भी है परन्तु सफल नेतृत्वकर्ता वह होता है जो भविष्य की समस्याओं का समाधान वर्तमान में करना प्रारम्भ कर देता है | ऊर्जा विभाग एक ऐसा विभाग है जिसका सभी से सरोकार है सेवा में तनिक भी खामी बड़े प्रभाव डाल सकती है और यह बात मंत्री जी जरुर समझतें है तभी तो भविष्य की रूप रेखा और की जा सकने वाली कार्यवाही का उदहारण इस हड़ताल में प्रदर्शित कर दिया है |
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