फ़्रांस राष्ट्रपति चुनाव :
मरिन जीती तो बदल जाएँगे वेश्विक समीकरण आ जाएगा बढ़ा भूचाल – अनुज अग्रवाल
फ़्रांस में राष्ट्रपति चुनावों के बीच जनमत पूरी तरह बंट गया है। इस बार अमेरिका समर्थक राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और रुस समर्थक दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरिन ले पेन के बीच कड़ा मुकाबला है। पहले चरण में मैक्रों 27.85% वोट के साथ सबसे आगे रहे। पेन 23.15% वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। जानकार बता रहे है कि मरिन की लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ रही है और वो मुक़ाबला जीत सकती हैं। इमैनुएल मैक्रों आरोप लगा चुके हैं कि मरिन चुनावों में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मदद ले रही हैं।
मरिन ने वादा किया है कि अगर वे राष्ट्रपति बनती हैं तो फ़्रांस को नाटो व यूरोपियन यूनियन से अलग कर देंगी व रुस पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा देंगी।अगर ऐसा हुआ तो इससे पूरी दुनिया में उथल पुथल मच जाएगी। रुस व चीन की स्थिति बहुत ज़्यादा मज़बूत हो जाएगी व अमेरिका व ब्रिटेन को बढ़ा झटका लगेगा।
भारत समर्थक ले पेन ने वादा किया है कि अगर वो सरकार में आईं, तो हिजाब पहनने पर बैन लगाएंगी। वहीं, ला रिपब्लिक एन मार्च (रिपब्लिक ऑन द मूव) पार्टी के नेता इमैनुएल मैक्रों का चुनाव में एजेंडा अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित है। मैक्रों फ्रांस को सबसे बड़ी एटमी ताकत बनाने की बात भी कह चुके हैं।
मरिन इन आरोपो को ख़ारिज कर रही हैं किंतु उनका एजेंडा पूरी तरह रुस समर्थक ही है। उनकी घोषणाओं व वादों ने फ़्रांस व दुनिया में भूचाल ला दिया है। फ़्रांस में जनता उसी तरह दो भागों में बंट गयी है जैसा कि ब्रैंजिट के समय ब्रिटेन बंट गया था। अगर मरिन जीतीं तो यूरोप में व्यापक बदलावों व गुटबाज़ी का नया दौर प्रारंभ हो जाएगा।
वे हारती भी हैं तो भी फ़्रांस व यूरोप में रुस बनाम अमेरिका की बहस व्यापक होती जाएगी और अमेरिका को यूरोप को क़ाबू में रखना मुश्किल हो जाएगा। बदलते वैश्विक समीकरणो को गति मिलेगी और दुनिया एक झटके में दो गुटों में स्पष्ट रूप से बंट जाएगी।हर देश अपने फ़ायदे व नुक़सान के अनुरूप गुट चुनेगा। दो यूएनओ , दो विश्व बैंक और दो आईएमएफ़ तो डॉलर और पौंड के समानांतर रूबल और यूआन खड़े हो जाएँगे। इससे दोनो गुटों के मध्य तनाव व टकराव बढ़ता जाएगा और दुनिया विश्व युद्ध के मुहाने पर आ खड़ी होगी।
अनुज अग्रवाल
संपादक, डायलॉग इंडिया
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