कंगना बनाम कांग्रेस
उत्तराखंड की तरह हिमाचल प्रदेश भी छोटा सा खूबसूरत राज्य है । संयोग है कि दोनों राज्यों में इतने बड़े बड़े धर्मस्थल हैं कि दोनों राज्यों को देवभूमि कहा जाता है । प्रकृति ने इन हिमालयी आभा वाले राज्यों को अपार सौंदर्य से नवाजा है । ये राज्य अध्यात्म , चिंतन , संस्कृति एवम सभ्यता के महान केंद्र हैं । सच कहें तो भारत को ऑक्सीजन देने का बड़ा जिम्मा इन्हीं हिमालयी राज्यों का है । वेद उपनिषद पुराण आदि धर्मग्रंथों के जनक ये दो राज्य कश्मीर , असम और पूर्वोत्तर से मिलकर ज्ञान , तप और साधना के केंद्र हैं । साथ साथ तीर्थाटन एवं पर्यटन के मुख्य आधार रहे हैं ।
ऐसे में यदि हिमाचल में मंदिरों के गढ़ खूबसूरत मंडी नगर को भाव पूछकर अपमानित किया जाए तो घाव गहरा हो जाता है । इसी क्षेत्र से देश की जानी मानी अभिनेत्री कंगना को उम्मीदवार बनाते ही यदि कोई उनका चित्र डालकर ” मंडी में क्या भाव चल रहा है ” पूछेगा तो साफ समझ आ जाएगा कि इसी इलाके की बेटी पर सवाल उठाया गया है । तो क्या कांग्रेस पार्टी महिला अभिनेत्रियों को बदचलन मानती है ? बीस वर्ष के अभिनय जीवन में कंगना के चरित्र पर क्या कभी एक भी सवाल उठा ? कंगना देश की शिखरस्थ अभिनेत्रियों में शुमार हैं । उन्होंने परदे पर एक से बढ़कर एक किरदार निभाए हैं । मतलब आपकी नफ़रत बीजेपी से है , सब जानते हैं , मोदी से है सबको पता है । पर क्या उन 543 प्रत्याशियों से भी उतनी ही नफरत है जितनी कंगना से ?
मंडी में भाव पूछते हुए आपने कंगना का जो चित्र लगाया था , वह उनकी एक फिल्म का है । वैसे एक स्त्री के जिन अंगों को उभारते हुए आपने ” मंडी ” में भाव पूछा है वे अंग दुनिया की हर औरत के पास हैं । आपके पास भी हैं सुप्रिया श्रीनेत ? हर पुरुष की पत्नी के पास हैं , मां बहन बेटी के पास हैं । ये अंग उन्हें भगवान ने दिए हैं , इंसान ने नहीं । सुप्रिया , आप कहती हैं कि आपके एक्स X हैंडल को बीस लोग संभालते हैं । ओफ्फो ! आप इतनी बड़ी नेता हैं ? तीन दिनों में आप अभी तक पता नहीं लगा पाई कि यह ट्वीट किसने किया ? जब तक आप नहीं बताएंगी , सभी यही मानेंगे कि यह सब एक औरत के प्रति आपकी घृणा और जलन का करा धरा है ।
X पर पोस्ट डिलीट करने से से कुछ नहीं होगा , तीर कमान से निकल चुका है । अभी चुनाव शुरू हुआ है , गहरा घाव भरने में भी काफी समय लगेगा । आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक भी सुप्रिया से इस मानसिकता की बाबत नहीं पूछा ? सुनों नेताओं ! भारत की औरतें बड़ी मुश्किलों के बाद बाहर निकली हैं । उनकी स्पीड के सामने अवरोध मत खड़े करो । इस देश की स्त्री चिर स्वाधीन थी।लेकिन हिन्दुस्तान की नारियों ने 1000 साल तक गुलामी का काल बड़ी मुश्किलों के बीच भोगा।स्त्री को अब न रोको सुप्रिया श्रीनेत?वैसे औरतों की उड़ान रोकने की हिम्मत तुम में या किसी पार्टी में है भी नहीं।कंगना से नहीं,औरत के किरदार से माफ़ी मांगो ।वरना याद रखना,जल जाओगे ?
अवधेश प्रताप सिंह