आर.के. सिन्हा
लोकसभा चुनाव के 4 जून को आने वाले नतीजों से पहले एग्जिट पोल के अनुमान तो आ गए हैं। वे कमोबेश वैसे ही हैं जैसा कि मैंने अपने कई पूर्व के लेखों में लिखा है। उन्होंने बहुत साफ संकेत दे दिया है कि देश में तीसरी बार नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की ही सरकार बनने जा रही है। एग्जिट पोल के अनुमानों से साफ है कि नरेन्द्र मोदी आज देश के एकछत्र नेता बन चुके हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता का इतना अभूतपूर्व विश्वास कैसे मिलने लगा है? अगर आप इस सवाल का उत्तर तलाशेंगे तो आपको पता चलेगा कि एक वे अपने वादों को सही ढंग से समय सीमा के अन्दर ही पूरा करते हैं। “मोदी की गारंटी” विभिन्न क्षेत्रों, नागरिकों और योजनाओं में किए गए वादों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करती है। “मोदी की गारंटी” का अर्थ ही है लोगों के कल्याण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता। “मोदी की गारंटी” का अर्थ है विकसित भारत, एक श्रेष्ठ भारत। यह युवाओं के विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण, किसानों के कल्याण और दशकों से उपेक्षित सभी हाशिए पर रहने वालों और कमजोर वर्गों के लिए एक गारंटी है।
कल्याण की गारंटी
सबसे बुनियादी जरूरतों से शुरुआत करते हुए, मोदी सरकार द्वारा आज सबसे गरीब लोगों को प्रमुख सरकारी कल्याणकारी कार्यक्रमों से लैस किया गया है। मोदी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज प्रदान करते हुए, 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है। इस गारंटी से यह सुनिश्चित होता है कि भारत वर्ष में कोई भी भूखा न सोए। प्रत्येक व्यक्ति को एक छत प्रदान करने के उद्देश्य से, मोदी सरकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से “सभी के लिए आवास” की गारंटी देती है। आज, इस योजना के तहत चार करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है। गाँवों का 100% विद्युतीकरण भी इस वादे का हिस्सा है। आज जल जीवन मिशन के तहत 14 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों तक पानी पहुँच रहा है, जो भारत के सभी ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और पीने योग्य नल के पानी के कनेक्शन की गारंटी देता है।
सब हों स्वस्थ
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) है, जो सरकार द्वारा वित्त पोषित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो लगभग 12 करोड़ कमजोर परिवारों से संबंधित लगभग 55 करोड़ व्यक्तियों को कवर करती है। योजना एक सुरक्षा जाल के रूप में काम करती है और यह सुनिश्चित करती है कि चिकित्सा आपात स्थिति गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए कर्ज के चक्र में न बदल जाए। प्रधानमंत्री मोदी खुद इस योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखते हैं। इसलिए गरीबों को लाभ हो रहा है, वे उनसे जुड़ रहे हैं।
अन्नदाताओं को सशक्त बनाना
प्रधानमंत्री मोदी की किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता कृषि बजट में उल्लेखनीय वृद्धि से स्पष्ट है, जो 2024-25 में 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है, जो 2014-15 के बाद से उल्लेखनीय 300% की वृद्धि है। पीएम-किसान योजना से 11 करोड़ से अधिक किसानों को सीधा लाभ हुआ है, जिन्हें सहायता के रूप में 2.6 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। सरकार किसानों को उद्यमी बनने में भी सक्रिय रूप से समर्थन कर रही है क्योंकि 7,000 जीवंत कृषि और संबद्ध स्टार्टअप भी शुरू हो चुके हैं।
नारी शक्ति के बढ़ते कदम
अभी तक मिलने वाली खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों को देश की महिलाओं ने भरपूर वोट दिए। मोदी सरकार औरतों को पूरे लगन और संकल्प पूर्वक स्वावलंबी बना रही है। सरकार की जन धन योजना जैसी पहल से 28 करोड़ महिलाओं को पहली बार बैंक खाते तक पहुंच प्राप्त हुई है, जबकि लगभग 31 करोड़ मुद्रा ऋण महिलाओं को दिए गए हैं। तीन तलाक के उन्मूलन ने मुस्लिम महिलाओं के लिए एक नए युग की शुरुआत की है। इसके अलावा, पीएम उज्ज्वला योजना जैसी पहलों की सफलता, दस करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान करके, महिलाओं को सशक्त बनाया है, जो सरकार की महिलाओं के अधिकारों और कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ग्रामीण स्वच्छता, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन, 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी पहलों पर ध्यान केंद्रित करके एक अधिक समावेशी और लिंग संवेदनशील समाज बनाने में योगदान किया है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिलाओं के सशक्तिकरण में एक बड़ी छलांग है।
भारत के युवाओं की क्षमता को पहचानते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनके सशक्तिकरण की गारंटी दी है। जैसे ही भारत विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में उभर रहा है, 1 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ, पीएम मुद्रा योजना ने 8 करोड़ पहली बार युवा उद्यमियों को ऋण प्रदान की है।
प्रेरित करती भारतीय अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक यात्रा उल्लेखनीय रही है। भारत अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो 2014 से 2023 तक एफडीआई में रिकॉर्ड 596 बिलियन डॉलर आकर्षित कर रहा है। प्रति माह औसतन 1.72 लाख करोड़ रुपये के वस्तु एवं सेवा कर राजस्व, और एमएसएमई क्षेत्र का विकास, जिसमें 15 करोड़ से अधिक लोग कार्यरत हैं, भारत के आर्थिक पुनरुत्थान को उजागर करता है।
अनुच्छेद 370 का अंत
मोदी सरकार ने संविधान की धारा 370 को हटाकर सारे देश का सम्मान पाया है। यह एक इस तरह का कानून था जिसने कश्मीर के 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया था। 1994 और 2004 के बीच, 40 हजार से अधिक आतंकवादी घटनाएं हुईं, लेकिन मोदी सरकार के नौ वर्षों में, इन घटनाओं में भारी गिरावट आई, केवल 2,197 घटनाएं हुईं। इसी तरह, नागरिकों की मौतों की संख्या में 72% की कमी आई, और सुरक्षाबलों की मौतों की संख्या में 59% की कमी आई।
कोविड काल को कौन भूल सकता है? उस कठिन दौर में प्रधानमंत्री मोदी दिन-रात देश की जनता के साथ खड़े थे। यदि उस समय मोदी सरकार बेबस जनता के साथ हर तरह से सहयोग न कर रही होती तो हालात और खराब हो जाते।
न जाने कितने लाख भारतीय नागरिकों की मौतें होतीं।
कोरोना को शिकस्त तो मिलनी ही थी और अंत में कोरोना हारा। भारत गर्व कर सकता है कि उसने नरेन्द्र मोदी की सरपरस्ती में सबसे आगे बढ़कर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ी। भारत ने कोरोना के प्रभाव को कम करने के लिए दो तरह के टीके भी ईजाद कर लिये थे। निश्चित रूप से कोरोना पर विजय पाने की दिशा में भारत ने दुनिया को संजीवनी बूटी दी। भारत के वैज्ञानिक विश्व भर के लिए एक मिसाल बने। हमारे देश में बनी वैक्सीन दुनिया के कई देशों गई। इसके चलते दुनिया के तमाम बड़े देश भारत के प्रयास की सराहना करते रहे। कोरोना की सफल वैक्सीन ईजाद करके भारत ने सिद्ध कर दिया है कि मानव जाति की सेवा के लिए भारत सदैव प्रतिबद्ध है। कहना न होगा कि इन तमाम कारणों के चलते नरेन्द्र मोदी को लेकर देश में विश्वास का भाव बढ़ता ही जा रहा है जो “चार सौ पार” के नारे को वास्तविकता में बदलने जा रहा है।
(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं)