राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी शरद पवार ने एक सच्ची बात कहकर विपक्ष के होश उड़ा दिए हैं !
हालांकि सकते में पड़ी कांग्रेस के प्रवक्ता यह कहते हुए झेंप मिटा रहे हैं कि शरद के बयान से विपक्षी एकजुटता पर कोई असर नहीं पड़ता !
परंतु कांग्रेस जानती है कि पहले ममता , फिर केजरीवाल , फिर केसीआर और फिर अखिलेश के कांग्रेस से कन्नी काट लेने के बाद अब शरद पवार जैसे आधुनिक चाणक्य की इस झन्नाटेदार चपत का मतलब क्या है ?
शरद बाबू ने न केवल अडानी अंबानी को देश की तरक्की में सहयोगी बताया , अपितु इस बात पर भी अफसोस जताया कि अपनी युवावस्था में वे भी टाटा बिड़ला जैसे उद्यमियों पर तौहामत लगाते थे !
बाद में उनकी समझ आया कि उद्योगपतियों का देश की तरक्की में कितना बड़ा योगदान है , और वे कितने गलत थे !
उन्होंने कहा कि अडानी ने अनेक प्रोजेक्ट्स और पावर सैक्टर के माध्यम से देश की प्रगति यात्रा को बहुत आगे बढ़ाया है !
शरद पवार की साफगोई प्रेस वार्ता में नहीं , बल्कि एनडीटीवी पर दिए गए इंटरव्यू में सामने आई । बाद में अनेक न्यूज चैनलों ने उनसे बातचीत की । उन्होंने अनेक विषयों पर अपने विचार रक्खे । साथ ही यह कहते हुए बाकी विपक्षी दलों की भभूत झाड़ दी कि जेपीसी की मांग एक बकवास है । जब जेपीसी में सत्तारूढ़ दल का बहुमत है तो जेपीसी का गठन क्या खाक कर पाएगा ? पवार ने सुप्रीमकोर्ट द्वारा गठित जांच कमेटी के बाद जेपीसी की मांग को सभी तरह से अपरिपक्व बताया और अनावश्यक भी ।
यहां यह भी जान लीजिए कि पवार के भतीजे अजित पवार दस दिनों में प्रधानमंत्री मोदी की तीन बार प्रशंसा कर चुके हैं । याद होगा कि एक बार देवेंद्र फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री की शपथ भी ले चुके हैं और अपने विधायकों को लेकर गुरुग्राम भी जा चुके हैं । तो क्या चचा भतीजे दोनों मिलकर कोई
गुल खिला रहे हैं ? कांग्रेस तो सन्न रह ही गई है उद्धव भी कम बेचैन नहीं हैं । संजय राऊत अचानक मीडिया के सामने आए और जिस अंदाज में बातें की उससे लगा कि उद्धव की बेचैनी कितनी बड़ी है । अब समझ लीजिए , खड़गे और जयराम रमेश की बेचैनी भी कितनी बड़ी होगी ? बेशक वे जताएंगे नहीं ।
खैर ! पवार साहब ने एक रास्ता खोला है , सच्ची बात कहने में कोई हिचक महसूस नहीं की । उन्होंने अपना कद बढ़ाया है , सोनिया गांधी यह जानती है । रात दो चैनलों पर गुलामनबी आजाद ने कांग्रेस दरबार के बड़े बड़े कारनामों की पोल बड़ी शालीनता से खोल दी । कभी कांग्रेस पार्टी में सच्ची बात कहने वालों की कमी नहीं थी । सोनिया दरबार को पहले अहमद पटेल जैसे लोग चलाते थे अब प्रमोद तिवारी आ घुसे हैं । कपिल सिब्बल , गुलामनबी , आनंद शर्मा , मनीष तिवारी जैसे लोगों को पार्टी से निकाल दिया गया । शरद पंवार इन हालातों से वाकिफ हैं । पवार साहब का इस तरह सामने आना अचानक नहीं हुआ , इसके पीछे गहरे अर्थ खड़े हैं जो राहुल जैसे बचकाना और बिगड़े नेता पर काफी भारी पड़ने वाले हैं ।
– अवधेश प्रताप सिंह