UN संस्था के लोगों पर
इज़रायल पर हमले में शामिल होने का आरोप,
9 बड़े देशों ने संस्था को Funding रोकी-
UN महासचिव कार्रवाई करेंगे –
संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था UNRWA (The United Nations Relief and Works Agency for Palestine Refugee) पर Deir Al – Balah के warehouse में दवाओं और स्वास्थ्य संबंधी सामान की packing करने और अस्पतालों में भेजने की जिम्मेदारी थी – लेकिन उस संस्था के कई अधिकारियों पर 7 अक्टूबर, 2023 के हमास द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले में शामिल होने के आरोप लगे – ऐसे अधिकारियों की संख्या 12 बताई गई है अमेरिका के विदेश मंत्रालय द्वारा और इसके सबूत इज़रायल ने सामने पेश किए –
UNRWA के अधिकारियों पर इज़रायल पर किए गए हमले में शामिल होने के आरोप इतने गंभीर थे कि अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, इटली, कनाडा, फ़िनलैंड और नीदरलैंड ने इस संस्था को दी जाने वाली आर्थिक सहायता (contribution) रोक दी – इसके अलावा जापान ने भी घोषणा की कि वह भी इस संस्था को अतिरिक्त सहायता बंद कर देगा जबकि फ्रांस ने कहा कि वह 2024 की पहली छमाही में संस्था को कोई नया योगदान नहीं करेगा –
UNRWA ने कहा है कि उसने 12 में 9 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है, एक की मौत हो चुकी है और 2 की जानकारी जुटा कर प्रमाणित की जा रही है – UN महासचिव António Guterres ने कहा है कि जो भी UN के अधिकारी आतंकवाद में शामिल मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और Criminal Prosecution भी होगा – महासचिव Guterres ने सभी 9 देशों से आर्थिक मदद जारी रखने की अपील की है –
दूसरी तरफ UNRWA के अध्यक्ष Philippe Lazaarini (जो इटैलियन हैं) ने कुछ लोगों की हरकतों की वजह से पूरी संस्था पर दोष नहीं लगाया जा सकता जबकि संस्था लोगों की (फिलिस्तीनी शरणार्थियों) मदद कर रही है –
यह सच में बहुत गंभीर मामला है – इसका मतलब तो यह हुआ कि बड़े देशों के पैसे से चल रही UN की संस्थाएं आतंकी गतिविधियों में शामिल होती हैं और इज़रायल पर 2023 का सबसे भयानक हमला कर निर्दोषों को मारने में कामयाब हुई –
इज़रायल पर हमले के बाद António Guterres ने इज़रायल को गाज़ा पर हमले रोकने और निर्दोषों को निशाना न बनाने के लिए कहा था – उनके बयान की इज़रायल ने निंदा करते हुए उनका त्यागपत्र मांगा था और कहा था कि उन्होंने हमास के हमले को सही ठहरा दिया है – इस पर António Guterres सफाई देते फिर थे कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है – अब UNRWA अधिकारियों की आतंक में संलिप्तता से उन्हें कुछ तो समझ आया होगा –
मध्य एशिया की स्थिति अभी सुधरने वाली नहीं लगती क्योंकि ऐसा भी लग रहा है कि हाउती विद्रोहियों के अमेरिका और अन्य देशों के समुद्री जहाजों पर हमलों के सहारे ईरान कोई Proxy War लड़ रहा है और मुझे लगता है कि जैसे इज़रायल हमास के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध लड़ रह है, जल्दी ही हाउती और हिज़्बुल्ला के खिलाफ भी वैसे ही निर्णायक युद्ध लड़ने होंगे –
एक बात बड़ी स्पष्ट है अनेक देश फिलिस्तीन का समर्थन तो करते दिखाई देते हैं, उसके लिए मदद की भी गुहार लगाते हैं लेकिन ऐसे करते हुए ये देश हमास को ही समर्थन दे देते हैं क्योंकि उसकी एक आतंकी संगठन के रूप में निंदा नहीं करते – एक सत्य यह है फिलिस्तीन और हमास दो अलग न होने वाली इकाइयां हैं (both are inseparable entities) और हमास के समर्थन में UNRWA के अधिकारी शामिल मिले हैं जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता –
(सुभाष चन्द्र)