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सपा व राजद की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे: विहिप

VHP to meet CEC for de-recognising SP & RJD

Shri Alok Kumar, Central Working President of the Vishva Hindu Parishad has sought an appointment with the Chief Election Commissioner of India to request that the registration of the Samajwadi Party (SP) and Rashtriya Janta Dal (RJD) be cancelled.

The VHP wishes to draw the attention of the CEC to Section 29A of the Representation of the People Act 1951 which requires that the memorandum of each registered political party to have a specific provision that the party shall bear true faith and allegiance including to the principles of secularism and democracy.

The recent statements of Shri Swami Prasad Maurya of SP disparaging the Ramcharitmanas and the burning of its pages are deliberate and malicious acts of outraging the religious feelings of a vast sections of the citizens of India. The fact that Shri Maurya has immediately after making the statements has been promoted to the office of General Secretary of the Party proves that his statement had the support of the whole Party, he said.

Similarly, the statements made by Dr. Chadrashekhar of the Rashtriya Janta Dal demanding a ban on Ramcharitmanas and his deliberate and malicious criticism of Manas and other holy books is calculated to cause outrage and an attempt to create mistrust and division between different sections of Hindu society. The Rashtriya Janta Dal has taken no action against the said person as proving thereby that the statement has the Party’s support, he added.

The VHP working president also said that the Samajwadi Party and Rashtriya Janta Dal have violated the basic conditions upon which the parties were registered and have become liable for the withdrawal of their registration.

Issued by:
Vinod Bansal
National Spokesperson
Vishva Hindu Parishad
@VHPDigital @Vinod_bansal

सपा व राजद की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे: विहिप

विश्व हिंदू परिषद का उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल शीघ्र ही मुख्य चुनाव आयुक्त से मिल कर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल की मान्यता रद्द करने की मांग करेगा। विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में समय लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजा है।
उन्होंने कहा है कि प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से विहिप रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 की धारा 29ए का हवाला देते हुए चुनाव आयोग को बताएगी कि हर राजनैतिक दल को अपनी पार्टी के मेमोरेंडम के प्रावधानों में विश्वास रखते हुए पंथ निरपेक्षता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का निष्ठा के साथ पालन करना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य के श्री रामचरित मानस पर दिए गए बयानों, उसे प्रतिबंधित करने की मांग और उनके सहयोगियों के मानस के पवित्र पन्नों को जलाने से भारत के नागरिकों के बड़े वर्ग की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर घृणित तरीके भड़काया गया। इसके तुरंत बाद मौर्य को पदोन्नत कर समाजवादी पार्टी का महामंत्री बनाया जाना स्पष्ट करता है कि पूरी पार्टी उनके इस कुकृत्य के समर्थन में हैं।
इसी प्रकार राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के शिक्षामंत्री डॉ चंद्रशेखर ने भी रामचरित मानस पर घृणित टिप्पणी और प्रतिबंध लगाने की मांग की। ये सब भी जानबूझकर वातावरण दूषित कर हिंदू समाज में अविश्वास, भेदभाव व वैमनस्य के निर्माण की मानसिकता से किया गया। राष्ट्रीय जनता दल ने भी उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की। यह इस बात का द्योतक है कि उनकी पार्टी भी उनके इन हिंदू द्रोही बयानों से सहमत है।
अतः विहिप का प्रतिनिधि मंडल मांग करेगा कि इन दोनो पार्टियों ने अपने उन संवैधानिक प्रावधानों और मूल तत्वों का उल्लंघन किया है, जिनके तहत इनका चुनाव आयोग के यहां पंजीयन हुआ। इसलिए इनका पंजीयन रद्द किया जाना चाहिए।
जारी कर्ता:
विनोद बंसल
राष्ट्रीय प्रवक्ता
विश्व हिंदू परिषद्
@VHPDigital @vinod_bansal

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