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अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में शह और मात की खेल में आतंकवादी संगठन ISIS किस का मोहरा बन गया है !?

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, अब कैसी-कैसी “कूटनीतिक” खेल चल रही है, जब उसे यदि आप ‘गहराईयों’ से सोचेंगे तो, यहां आप लोगों को लगेगा कि किसी भी देश का कोई दुश्मन नहीं है, पर सभी देशों का कोई न कोई दुश्मन होता है !? यूक्रेन पर रसिया ने आक्रमण किया तो अमेरिकी गठबंधन ने अपनी दम दिखाने के लिए यूक्रेन की आंख मूंदकर सहायता करने लगी. अब रुस
की गठबंधन ने अपनी कूटनीतिक चाल चलकर, अमेरिका की गठबंधन को अरब देशों में फंसा दिया है !? अब चालाक चतुर
लो-मड़ी अमेरिका इस “उलझन” से निकलने के लिए आपनी धुर दुश्मन आतंकवादी संगठन ISIS और अलकायदा के साथ हाथ मिलाकर, ईरान पर “आत्मघाती हमला” करना शुरू कर दिया है. जो ईरान अरब मुल्कों को इकट्ठा कर कर शिया-सुन्नी भेदभाव को भुलाने के लिए ‘मुहिम’ चला रहा था, और इकट्ठा होकर अमेरिकी गठबंधन “इजरायल” से “बदला” लेने के लिए समूह बना रहा था !? और इस्लामिक देशों, और उनके प्राइवेट आर्मी (आतंकवादी संगठन) भी इसमें धीरे-धीरे ‘सामिल’ होते जा रहे थे. इसमें 2 समूह, अमेरिका+ब्रिटेन गठबंधन का समूह और, रूस+चाइना गठबंधन का समूह, एकदम आमने-सामने खड़े हो गए थे !! अब पश्चिमी गोरों ने अपनी पुरानी कूटनीतिक चाल “फुट डालो+राज करो” की चाल चलते हुए, शिया-सुन्नी व डॉलर्स की झनक का “अमोघ हथियार” चलाले हुए, अपनी पुरानी मित्र+दुश्मन सुन्नी आतंकवादी संगठन ISIS को, ईरान के “खिलाफ” खड़ा कर दिया है. आतंकवादी संगठन ISIS ने ईरान पर जो भयंकर आतंकवादी हमला हुआ है, जिसमें 200 से भी ज्यादा “ईरान के लोग” मारे गए हैं, उसका हाथ होने का दावा किया है !? यहां पर आप लोगों को यह “देखना” चाहिए कि, 5 साल पहले इराक-सीरिया से सुन्नी आतंकवादी संगठन ISIS को उखाड़ फेंकने के लिए, अमेरिकी संगठन, रूस और ईरान के सैनिक ओर उनकी प्राइवेट आर्मी : वेगेनर, हिजबुल्ला
व हैती जैसे आतंकवादी संगठन लगे हुए थे !? जब इराक और सीरिया से ISIS को उखाड़ फेंका, तब गोरे अपनी वही पुरानी तरकीब “फुट डालो और राज करो” की खेल, खेलना शुरू कर दिया…. इराक+सीरिया में और भी बहुत कूटनीतिक खेल गया था और ‘अभी भी’ खेला जा रहा है !! लेकिन इस घणी में तिल की तरह किसे पीसा जा रहा है,

😊

“शायद” आप लोग समझ गए होंगे…. इसलिए भारतीय कूटनीति, इन लोगों की गठबंधन से कोसो दूरी बनाते हुए “हर एक” देश से अपनी अलग-अलग कूटनीति बनाया हुआ है !! चाहे वह अरब देशों की समूह हो या अमेरिकी+संगठन व रूस+संगठन हो….
Jiban Anand aMishra ji

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