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उत्तर प्रदेश में क्यों हो रहा तगड़ा निवेश

उत्तर प्रदेश में क्यों हो रहा तगड़ा निवेश
अथवा
उत्तर प्रदेश क्यों पसंद आ रहा निवेशकों को

आर.के. सिन्हा

कोरोना काल के बाद जब निवेशक समाज बहुत सोच-समझकर और फूंक-फूंककर निवेश कर रहा हैतब उत्तर प्रदेश में 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश का वादा हो चुका है। यह वादा किया है देश के प्रमुख उद्योग समूहों ने। इसके कई छुपे संदेश हैं। स्पष्ट है कि निवेशकों को आज के दिन उत्तर प्रदेश में निवेश करना लाभ का सौदा नजर आ रहा है। वर्ना कोई निवेशक घाटा खाने के लिए तो कभी भी निवेश करेगा नहीं। उन्हें लगता है कि उत्तर प्रदेश में निवेश करने से उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा। पिछले कुछ हफ्ते पहले लखनऊ में हुए एक निवेशक सम्मेलन में हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाएं धरातल पर उतरीं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का खुद उपस्थित होना ही अहम था। निवेशक सम्मेलन में देश के नामी उद्योगपति गौतम अडानीकुमार मंगलम बिड़लानिरंजन हीरानंदानी सज्जन जिंदल आदि मौजूद थे।

देखिए उत्तर प्रदेश अपनी छवि तेजी से बदलता जा रहा है। पहले से “उल्टा प्रदेश” कहते थे आज इसे “उत्तम प्रदेश” कहा जा रहा है I अब आप राज्य के किसी भी भाग में हो आइये। आपको बेहतर सड़केंसाफ सुथरे चमकते बाजारइंफ्रास्ट्रक्चरस्कूल वगैरह देखने को मिलेगा। कानून की व्यवस्था पूरी तरह  सही है। उपद्रवी तत्वों को कसा जा रहा है। उनकी कमर तोड़ी जा रही है। यह  देश ने कानपुर से लेकर प्रयाग तक में देख लिया। पत्थरबाजों की अक्ल ढंग से ठिकाने लगाई जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले हर एक निवेशक के हितों को सुरक्षित रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। योगी जी ने निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को हर संभव सहायता दी जाएगी। प्रदेश में न केवल निवेशकों का हित सुरक्षित होगाबल्कि उन्हें हर प्रकार का संरक्षण और सहयोग भी प्राप्त होगा।

ध्यान रहे कि साल 2018 में हुए उत्तर प्रदेश निवेशक सम्मेलन में मात्र चार लाख 68 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए थे। इस बार निवेश के हिसाब से देखेंतो सर्वाधिक डेटा सेंटर के 19,928 करोड़ के सातकृषि और उससे संबंधित उद्योग के 11,297 करोड़ के 275, आईटी और इलेक्ट्रानिक के 7,876 करोड़ के 26, इंफ्रास्ट्रक्चर के 6,632 करोड़ के 13 प्रोजेक्टमैन्यूफैक्चरिंग के 6,227 करोड़ के 27, हैंडलूम और टेक्सटाइल के 5,642 करोड़ के 46, अक्षय ऊर्जा के 4,782 करोड़ के 23, एमएसएमई के 4,459 करोड़ के 805, हाउसिंग और व्यवसायिक के 4,344 करोड़ के 19, हेल्थ केयर के 2,205 करोड़ के आठडिफेंस के 1,774 करोड़ के 23, वेयर हाउसिंग और लाजिस्टिक के 1,295 करोड़ के 26, एजूकेशन के 1183 करोड़ के छहफार्मा और मेडिकल सप्लाई के 1088 करोड़ के 65, टूरिज्म और हास्पिटलिटी के 680 करोड़ के 23, डेयरी के 489 करोड़ के सातपशुपालन के 224 करोड़ के छह और सौ करोड़ की लागत से फिल्म का एक प्रोजेक्ट आया है। बहुत साफ है कि उत्तर प्रदेश देश-दुनिया के निवेशकों को यह बताना चाहता है वे नोएडाग्रेटर नोएडा या कुछ अन्य शहरों से बाहर जाकर भी निवेश कर सकते हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा  आईटीइलेक्ट्रानिक सामान और आटोमोबाइल सेक्टर के हब बन चुके हैं। ग्रेटर नोएडा में दक्षिण कोरिया की एलजी इलेक्ट्रानिक्समोजर बेयरयमाहान्यू हालैंड ट्रेक्ट्रर्सवीडियोकॉन इंटरनेशनलश्रीराम होंडा पॉवर इक्विमेंट तथा होंडा सिएल कारों का उत्पादन हो रहा है। ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों की चोटी की कंपनियां हैं। ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रानिक सामान का उत्पादन करने वाली इकाइयां काफी संख्या में की हैं। क्यों देखते-देखते नोएडा और ग्रेटर नोएडा बन गये प्रमुख मैन्यूफैक्चरिंग हब बेशकइसकी वजहें बहुत साफ है। दरअसल बेहतर सड़क लिंकचौबीस घंटे पानी की सप्लाई तथा यहां से देश के उत्तरपूर्व तथा पश्चिम राज्यों के बाजारों में पहुंचने की सुविधा के चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा स्थापित हो गए। इस अलावा इन दोनों शहरों में श्रेष्ठ स्कूलकॉलेज और अस्पताल भी बन चुके हैं। भारत के सबसे धनी उद्योगपति बन चुके अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने भी उत्तर प्रदेश में भारी-भरकम निवेश करने का वादा किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश का भरोसा दिया। इससे करीब 30 हजार लोंगों को रोजगार मिलेगा। इसमें से 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश मल्टीमोडल लॉजिस्टिक, 24 हजार करोड़ का निवेश रोड एवं इंफ्रास्ट्रक्चर और कानपुर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा ऐम्यूनिशन कंपलेक्स शामिल है।

 यह समझना जरूरी है कि देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश  का विकास किए बगैर भारत का विकास अधूरा ही रहेगा है। भारत की सफलता उत्तर प्रदेश की सफलता पर ही निर्भर करती है। उत्तर प्रदेश का संबंध रामकृष्णमहावीर , बुद्ध, तुलसी और रविदास से भी है। इसलिए इस महान प्रदेश के महत्व से कौन इंकार करेगा। राम की जन्मभूमि अयोध्या और कृष्ण की जन्म भूमि मथुरा। इसी उत्तर प्रदेश के सारनाथ में बुद्ध ने धामेक स्तूप में अपना पहला उपदेश मगध शासन के अधीन दिया था। इसी उत्तर प्रदेश में तुलसीदासकबीर और रविदास जैसे संत भी पैदा हुए हैं। उत्तर प्रदेश में ही  तो बौद्ध मत की हृदयस्थली व जैन मत की उद्गम स्थली भी है। उत्तर प्रदेश के समावेशी चेहरे को देखने के लिए कभी काशी हो आइये। यहां के सेंट थॉमस चर्च के बारे में मान्यता है कि प्रभु ईसा के 12 शिष्यों में से एक सेंट थॉमस यहां आए थे। माना जाता है कि वह अरब सागर पार करके केरल में आए थेजहां उन्होंने ईसाई धर्म का प्रसार किया था। वहां से वे काशी आए थे। उत्तर प्रदेश तो भारत की प्राण और आत्मा है।  अगर बात हालिया दौर की करें तो देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक देश के 15 में से 9 प्रधानामंत्री उत्तर प्रदेश से लोकसभा के लिए ही निर्वाचित हुए हैं। इनमें लालबहादुर शास्त्रीइंदिरा गांधी,चौधरी चरण सिंहराजीव गांधीविश्वनाथ प्रताप सिंहचंद्रशेखरअटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल हैं। अब जो सूबा देश को इतने प्रधानामंत्री देगा उसे आर्थिक मोर्चे पर भी सशक्त तो होना होगा। इसलिए ही गुजरे कुछ सालों से उत्तर प्रदेश अपने को इनवेस्टर फ्रेंडली राज्य बनाने की तरफ बढ़ रहा है ताकि प्रदेश आर्थिक मोर्चे पर बुलंदियों को छू ले।

 (लेखक  वरिष्ठ संपादकस्तभकार और पूर्व सांसद हैं)

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