आज़ादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष और इसके लोगों के, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने और याद करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। इस महोत्सव के भाग के रूप में, भारत 26 नवंबर को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में संविधान दिवस बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मना रहा है।
इस अवसर की पूर्व-भूमिका के रूप में माननीय संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने माननीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरन और माननीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (डॉ. एल. मुरुगन) के साथ नेशनल मीडिया सेंटर में आज आजादी के अमृत महोत्सव के भाग के रूप में संविधान दिवस (26 नवंबर, 2021) की तैयारियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी।
माननीय संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि:
1. भारत के माननीय राष्ट्रपति 26 नवंबर, 2021 को पूर्वाह्न 11:00 बजे से संसद के केंद्रीय कक्ष से संविधान दिवस समारोह का लाइव नेतृत्व करेंगे।
2. इस अवसर पर माननीय उप-राष्ट्रपति, माननीय प्रधान मंत्री, माननीय लोक सभा अध्यक्ष, मंत्रीगण, सांसद और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे। इस समारोह का संसद टीवी/दूरदर्शन/अन्य टीवी चैनलों और ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जाएगा।
3. माननीय राष्ट्रपति के भाषण के बाद, पूरा देश संविधान की प्रस्तावना को उनके साथ लाइव पढ़ सकता है।
4. भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों, स्कूलों/कॉलेजों/विश्वविद्यालयों/संस्थाओं/निकायों, बार काउंसिलों इत्यादि सहित बड़े पैमाने पर जनता से अनुरोध किया गया है कि वे 26.11.2021 को संविधान की प्रस्तावना पढ़ने में माननीय राष्ट्रपति के साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने-अपने स्थानों से शामिल हों।
5. रेडियो/टीवी/सोशल मीडिया आदि पर विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों के माध्यम से बड़े पैमाने पर जनता से आह्वान किया गया है कि माननीय राष्ट्रपति के साथ प्रस्तावना को पढ़ें।
6. इसे एक जन-अभियान बनाने और जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, इस मंत्रालय ने दो पोर्टल विकसित किए हैं, पहला 23 भाषाओं (22 राजभाषाओं और अंग्रेजी) में “संविधान की प्रस्तावना का ऑनलाइन वाचन” और दूसरा “संवैधानिक लोकतंत्र पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी” (mpa.nic.in/constitution-day) जिसमें कोई भी कहीं से भी भाग ले सकता है और प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकता है।
7. मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि 23 भाषाओं (22 राजभाषाओं और अंग्रेजी) में “संविधान की प्रस्तावना के ऑनलाइन वाचन के लिए पोर्टल” (mpa.nic.in/constitution-day) विकसित किया गया है जो 26 नवंबर, 2021 से उपयोग के लिए चालू हो जाएगा। इस पोर्टल पर कोई भी पंजीकरण करा सकता है और 23 भाषाओं में से किसी में भी संविधान की प्रस्तावना को पढ़ सकता है और प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकता है।
8. पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित, श्री जय प्रकाश लखीवाल ने इस पोर्टल में प्रस्तावना का फ्रेम इस तरह से डिजाइन किया है कि इसमें भारत के सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की कला के तत्व शामिल हैं। यह डिजाइन प्रमाणपत्रों पर भी दिखाई देगा।
9. “संवैधानिक लोकतंत्र पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी” (mpa.nic.in/constitution-day) पोर्टल का शुभारंभ 26 नवंबर, 2021 को संसद के केंद्रीय कक्ष में माननीय राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा। यह “जनभागीदारी” के उद्देश्य के साथ एक सरल डिजिटल प्रश्नोत्तरी है, जिसमें भारतीय संविधान, उसमें निहित मौलिक कर्तव्यों के विशेष संदर्भ में, और लोकतंत्र पर बहुत ही सरल और बुनियादी प्रश्न शामिल हैं। कोई भी इस प्रश्नोत्तरी में भाग ले सकता है और अपना नाम, टेलीफोन नंबर, आयु समूह देते हुए सामान्य रजिस्ट्रेशन के साथ प्रतिभागिता प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकता है। एक ही मोबाइल नंबर पर कई रजिस्ट्रेशन हो सकते हैं। इसमें लगभग 1000 प्रश्नों का एक प्रश्न बैंक होगा और हर बार 5 प्रश्न बेतरतीब ढंग से सामने आएंगे जिन्हें प्रश्नोत्तरी में किसी भी प्रतिभागी द्वारा हल करने का प्रयास किया जाएगा। प्रतिभागी अपने उत्तरों की शुद्धता की जांच कर सकते हैं। लेकिन मात्र प्रतिभागिता पर सभी को प्रमाणपत्र प्राप्त होगा क्योंकि प्रश्नोत्तरी का उद्देश्य भारतीय संविधान और संसदीय लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों को लोकप्रिय बनाना है न कि किसी के ज्ञान की परीक्षा लेना। यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगी ताकि दुनिया भर से वरिष्ठ नागरिकों सहित अधिक से अधिक लोग इसमें भाग ले सकें।
10. मीडिया के माध्यम से मंत्री ने जनता से यह भी अनुरोध किया कि उस दिन अधिक से अधिक लोग संसद के केंद्रीय कक्ष में होने वाले समारोह में माननीय राष्ट्रपति और माननीय प्रधान मंत्री के साथ अपने-अपने स्थानों से जुड़ें और प्रस्तावना पढ़ते हुए और अपने प्रमाणपत्र की तस्वीरें फेसबुक @MOPAIndia, ट्विटर @mpa_india और इंस्टाग्राम @min_mopa पर #SamvidhanDiwas टैग करते हुए साझा करें।
11. मंत्री ने संविधान दिवस के इतिहास में जाते हुए कहा कि 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, माननीय प्रधान मंत्री ने गुजरात में “संविधान गौरव यात्रा” की थी और 2015 से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित करने के पीछे प्रेरणा स्रोत वही थे।