प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस बार इस शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय नवाचार युक्त भविष्य के लिए आर्थिक विकास बहुत ही प्रासंगिक है क्योंकि नवाचार अब हमारे विकास का आधार बन चुका है। उन्होंने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच सहयोग मजबूत करने पर भी जोर दिया।
श्री मोदी ने कहा ‘अब हमें ब्रिक्स की दिशा पर विचार करना है, और अगले दस वर्षों में आपसी सहयोग और अधिक प्रभावी होना चाहिए।’ उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कई क्षेत्रों में सफलता के बावजूद कुछ क्षेत्रों में और प्रयास करने की काफी गुंजाइश है। प्रधानमंत्री ने आपसी व्यापार और निवेश पर विशेष ध्यान देने का आह्वान करते हुए कहा कि यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ब्रिक्स देशों के बीच आपासी व्यापार दुनिया के कुल व्यापार का महज 15 प्रतिशत है जबकि ब्रिक्स देशों में दुनिया की कुल आबादी का 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा बसता है।
श्री मोदी ने हाल ही में भारत में शुरु किए गए फिट इंडिया मूवमेंट का जिक्र करते हुए कहा कि वह फिटनेस और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच संपर्क और साझेदारी बढ़ाने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि टिकाऊ जल प्रबंधन और साफ सफाई आज भी शहरी क्षेत्रों में एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने इसके साथ ही ब्रिक्स देशों के जल मंत्रियों की पहली बैठक भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से निपटने के लिए ब्रिक्स की रणनीति पर पहली बार संगोष्ठि के आयोजन पर खुशी जाहिर करते हुए उम्मीद जताई कि पांच कार्य समूह के प्रयास और गतिविधियां आतंकवाद और अन्य संगठित अपराधों के खिलाफ ब्रिक्स देशों के सुरक्षा सहयोग को और मजबूत बनाएंगी। श्री मोदी ने कहा कि वीजा, सामाजिक सुरक्षा समझौतों और योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता पांच सदस्य देशों के बीच व्यापार और पर्यटन के लिए अनुकूल माहौल बनाएगी।