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भारतीय सेना ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

09 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू), गांधीनगर में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह के दौरान भारतीय सेना ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के साथ नवाचार, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी ऊष्मायन, संयुक्त परियोजनाओं, प्रकाशन और पेटेंट, सेना में प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा के तालमेल के लिए एक समझौता ज्ञापन किया।

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत स्थापित राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान है। आरआरयू सुरक्षा, सैन्य और नागरिक समाज से नवाचार, शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण संवर्ग के निरंतर वृद्धि और विकास के माध्यम से राष्ट्रीय, रणनीतिक और सुरक्षा संस्कृति के राज्य शिल्प की पहचान करने, तैयार करने और बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सभा को संबोधित किया जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भारतीय सेना की शैक्षिक जगत के साथ बातचीत को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सेना प्रमुख ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भविष्य के युद्ध की मांगों में भारतीय सेना के अधिकारियों और सैनिकों को युद्ध के विशिष्ट क्षेत्रों में शिक्षित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, साइबर युद्ध, रोबोटिक्स और एयरोस्पेस शामिल हैं, जिनके गहरे सैन्य निहितार्थ हैं और आधुनिक समय के युद्ध में यह अहम प्रभाव डालते हैं।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सेना प्रशिक्षण कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने की। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह शिक्षा जगत और भारतीय सेना के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने ‘नागरिक-सैन्य संबंधों’ पर विशेष जोर दिया और आपसी सहयोग से संबंधित बहुआयामी पहलुओं की व्याख्या की।

आरआरयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) बिमल एन पटेल ने रेखांकित किया कि आरआरयू भारत की एक आदर्श सुरक्षा है एवं एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, विघटनकारी सैन्य प्रौद्योगिकियों, साइबर और सूचना युद्ध, एयरोस्पेस क्षमताओं के क्षेत्र में उभरती और समकालीन प्रौद्योगिकियों में भारतीय सेना की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगा और इस संस्थान में किए गए संस्थागत प्रशिक्षण के लिए प्रमाणन प्रदान करेगा। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा पर आरआरयू का द्विवार्षिक प्रकाशन ‘चाणक्य’ भी लॉन्च किया गया।

यह ऐतिहासिक सम

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