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समुद्र में पकड़ी गई ड्रग्स की कीमत 25 हजार करोड़

समुद्र के रास्ते नशीले पदार्थों के भारत आने का सिलसिला जारी है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एनसीबी और भारतीय नौसेना ने शनिवार को समुद्र में एक विशेष अभियान के तहत भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त की। इसकी कीमत 25 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। एनसीबी के अधिकारियों के मुताबिक, एनसीबी और भारतीय नौसेना द्वारा जब्त की गई हाई क्वालिटी वाली मेथामफेटामाइन के वजन और कीमत की गणना की गई है। एनसीबी से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, कुल जब्ती 2,525 किलो होने की है और इसकी कीमत 25 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है। एक बार ढाई टन से ज्यादा नशीले पदार्थ का पकड़ा जाना बड़ी बात है। पिछले कुछ समय से अरब सागर से लेकर हिंद महासागर तक में इस तरह की कई खेप पकड़ी गई है। अधिकारियों ने बताया है कि इसके आकलन में 23 घंटे से ज्यादा समय लगा। इसकी कीमत इसलिए अधिक आंकी गई है क्योंकि यह उच्च ग्रेड मेथामफेटामाइन है।

अधिकारियों ने बताया कि जब्त की गई ड्रग्स 134 बोरियों में थीं। मेथामफेटामाइन को एक किलो के पैकेट में रखा गया था। इस संबंध में एक संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। एनसीबी अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार संदिग्धों को सोमवार की शाम कोर्ट में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि शनिवार को, एनसीबी ने एक विशेष अभियान में भारतीय जल क्षेत्र में यह जब्ती की थी।

एनसीबी के उप महानिदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि यह मौद्रिक मूल्य के मामले में सबसे बड़ी खेप है। उन्होंने कहा- एनसीबी और नौसेना ने हिंद महासागर में एक सफल ऑपरेशन किया। यह अपने मौद्रिक मूल्य के मामले में सबसे बड़ी खेप है। इसकी उत्पत्ति ईरान के चाबहार बंदरगाह से हुई थी, जिसका स्रोत पाकिस्तान है। उन्होंने आगे कहा कि यह खेप श्रीलंका, मालदीव और भारत के लिए थी ।

अगर पकड़ी न गई होती तो हम भारतीय डकार जाते यह ड्रग्स अगले एक दो महीनों में। सोच कर देखिए कितनी बुरी तरह जकड़ लिया है नशे ने हमको! सालाना आधार पर हम भारतीय विभिन्न नशों पर ही 25 से 30 लाख करोड़ रुपए खर्च कर देते हैं। नशे के कारोबार के एक बड़े भाग पर जिहादी नेटवर्क का कब्जा है। इसके साथ ही मोटा लाभ इसको भारत में फैलाने वाले पाकिस्तान को मिलता है। इस रक़म का बढ़ा हिस्सा आतंकियों, उग्रवादियों, नक्सलियों, कट्टरपंथी अल्पसंख्यक गुटों, धर्म परिवर्तन, दंगों, पाक परस्त राजनीतिक दलों के लिए वोट ख़रीदने आदि में खर्च किया जाता है। इसीलिए आर्थिक रूप से दिवालिया होने के बाद भी पाकिस्तान हमसे हुई नशे की कमाई के दम पर मजे से रोटी खा रहा है

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