और मोदी ने बदल दिया बिहार! अब नीतीश पीछे और भाजपा आगे। यानि देर सबेर भाजपा का ही मुख्यमंत्री बनना तय। मगर इन परिणामों के इससे कहीं ज्यादा दूरगामी परिणाम हैं-
१) विहार चुनाव परिणामों ने कोरोना संकट के कारण हिल रहे ब्रांड मोदी को फिर से स्थापित कर दिया। यह मोदी के कार्यों व करोना से निबटने की उनकी रणनीति पर जनता का जनमत है और वे अब निर्विवाद रूप से विजयी हैं। इसका असर देश की राजनीति, सहयोगियों, सरकार , नोकरशाही, न्यायपालिका, पार्टी व मीडिया पर मोदी की पकड़ फिर से मक़बूत होने की दिशा में पड़ेगा।
२) एनडीए से ज़्यादा भाजपा की यह जीत अब पूरे देश में भाजपा के ग्राफ़ को बड़ाएगी और बिहार के साथ साथ बंगाल, तमिलनाडु व केरल तक में इसका असर दिखेगा। बंगाल में तो ममता दीदी की नींद उड़नी तय है। अन्य राज्यों के उपचुनावों विशेषकर मध्यप्रदेश व गुजरात में भी भाजपा के आगे रहने से देश में राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी।
३) बिहार की जीत का असर सबसे पहले महाराष्ट्र की राजनीति में दिखेगा जहाँ बेकफ़ुट पर खड़ी भाजपा अपने पक्ष में रुख़ मोड़ने के लिए पलटवार करेगी। भाजपा की जीत उसके राजनीतिक समीकरणों, जाति व धर्म की राजनीति पर उसकी पकड़ व प्रखर राष्ट्रवाद के साथ ही विकास की जीत है।
४) इस जीत के राष्ट्रीय व अंतर्रष्ट्रिय दोनो ही दिशा में गुणात्मक प्रभाव पड़ेंगे। मज़बूत मोदी की स्वीकार्यता अब विश्व स्तर पर और बढ़ेगी व अमेरिका में ट्रम्प की हार से मोदी उनके व्यापारिक साझेदार शरद पवार के दबाव से बाहर आ जाएँगे। इससे भी महाराष्ट्र में एक बड़ा उलटफेर होना निश्चित है।
५) एनडीए के सिकुड़ने व भाजपा के बढ़ने का सबसे बड़ा परिणाम होगा कि भाजपा अपने मूल अजेंडे पर खुलकर काम कर पाएगी। जेपी नद्दा के रूप में पार्टी के नए अध्यक्ष की कार्यक्षमता पर भी इस जीत ने मुहर लगा दी। जिससे संघ परिवार की विश्वसनीयता और बढ़ेगी। देश में इस्लामिक कट्टरवाद पर भी नियंत्रण रखना आसान होगा।
६) बिहार में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद अब भाजपा नेतृत्व की स्थिति में होगी और बिहार में बड़े परिवर्तनो का आग़ाज़ होना निश्चित है।
७) केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार अब निश्चित है और नीतीश , सिंधिया , चिराग़ सहित अनेक भाजपा के क्षत्रपों को इसमें जगह मिलेगी। अब यह फेरबदल मोदी शाह अपनी मर्ज़ी से कर पाएँगे।
८) लालू राज के आतंक से घबराई बिहार की जनता ने आरजेडी के अराजक शासन की तुलना में मोदी के कारपोरेटवाद पर मुहर लगायी है जो मतदाताओं की बदली मानसिकता का प्रतीक है। जनता समझ चुकी है कि विपक्ष की तुलना में मोदी जो कहते हैं वैसा कर भी देते हैं।
९) बिहार की जीत मोदी के लिए चीन व पाकिस्तान की चुनोतियो से निबटने में भी बहुत मदद करेगी और अमेरिका की नई सरकार से संबंध मज़बूत करने में भी।
१०) ब्रांड मोदी की सफलता से उभरी सकारात्मकता अब देश में राजनीतिक स्थिरता व आर्थिक विकास को भी पटरी पर ले आएगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल मिलेगा।
– अनुज अग्रवाल
संपादक, डायलॉग इंडिया
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