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भारत में स्थायी शहरी सेवाओं के लिए भारत और एडीबी ने 35 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए

भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत में शहरी सेवाओं तक पहुंच को बेहतर करने के लिए 17 दिसंबर 2021 को 35 करोड़ डॉलर के नीति आधारित ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे सेवाओं के वितरण में सुधार लाने और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए प्रदर्शन आधारित केंद्रीय वित्तीय हस्तांतरण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

स्‍थायी शहरी विकास एवं सेवा डिलिवरी कार्यक्रम के तहत 35 करोड़ डॉलर के पहले उप कार्यक्रम के लिए इस ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से आर्थिक कार्य विभाग में अतिरिक्‍त सचिव श्री रजत कुमार मिश्रा और एडीबी की ओर से एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्‍टर ताकेओ कोनिशी ने हस्ताक्षर किए। इस पहले उप कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्तर पर शहरी सुधारों के लिए आवश्यक नीति एवं दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे। उसके बाद दूसरे उप कार्यक्रम के तहत राज्‍य एवं यूएलबी स्‍तर पर विशिष्ट सुधार कार्यों एवं कार्यक्रमों का प्रस्‍ताव होगा।

श्री मिश्रा ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि यह कार्यक्रम भारत सरकार के उन प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रमों अनुरूप है जो उच्च गुणवत्ता वाले शहरी बुनियादी ढांचे के निर्माण, निश्चित सेवा प्रावधान और कुशल शासन के जरिये शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते हुए शहरों को आर्थिक विकास के इंजन के रूप में बढ़ावा देता है।

श्री कोनिशी ने कहा,’यह कार्यक्रम शहरी क्षेत्र में भारत के साथ एडीबी के लंबे जुड़ाव पर आधारित है। एडीबी जलापूर्ति, स्‍वच्‍छता एवं सस्‍ते किराये के मकान, खासकर कोविड-19 वैश्विक महामारी से सबसे अधिक प्रभावित गरीबों के लिए, जैसी बुनियादी सुविधाओं तक सार्वभौमिक एवं बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्र एवं राज्‍य सरकारों को सुधार जारी रखने में लगातार मदद कर रहा है।’

भारत सरकार द्वारा हाल में लॉन्‍च प्रमुख राष्ट्रीय मिशन अटल मिशन फॉर रेजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) 2.0 की मदद के जरिये इन परिणामों को हासिल किया जाएगा। इसके तहत पाइप से पानी की आपूर्ति एवं स्वच्छता और प्रधानमंत्री आवास योजना तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने की परिकल्‍पना की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी प्रवासी एवं औद्योगिक श्रमिकों सहित सभी के लिए सस्‍ते मकान पर जोर दिया गया है। यह कार्यक्रम बेहतर शहरी सेवा डिलिवरी को वित्तीय हस्तांतरण से जोड़ते हुए 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों पर शहरी स्थानीय निकायों को उनके प्रदर्शन के आधार पर केंद्रीय वित्तीय हस्तांतरण को भी बढ़ावा देगा। यह शहरी स्थानीय निकायों में स्थानीय वित्तीय संसाधनों के सृजन को बढ़ावा देने में मदद करेगा जिससे शहरी शासन में सुधार होगा।

एडीबी निगरानी एवं मूल्यांकन सहित कार्यक्रम कार्यान्वयन में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को ज्ञान एवं परामर्श सहायता प्रदान करेगा। यह कम आमदनी वाले चुनिंदा राज्‍यों में शहरी स्‍थानीय निकायों में नीतिगत सुधारों को लागू करने, निवेश योजनाएं तैयार करने में मदद करेगा और जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण एवं सामाजिक सुरक्षा उपायों के आकलन और लैंगिक समानता एवं सामाजिक समावेश जैसे ज्‍वलनशील मुद्दों पर सिफारिश प्रदान करेगा।

बढ़ते शहरीकरण के साथ शहरों को भारत के विकास को गति देने के लिए एक मजबूत इंजन बनने की उम्मीद है। शहर देश में आर्थिक गतिविधि एवं आउटपुट सृजन, श्रमिकों के लिए रोजगार सृजन, प्रतिस्पर्धात्मकता, रहने के लिए शहरी क्षमता में सुधार और पर्यावरण की रक्षा आदि में मदद करेगा।

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