जिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिला जिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिलाजिस तरह मीडिया ने गौरक्षकों के खिला सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज बरसी है. नरेंद्र मोदी के उभार के बाद से बीजेपी बेहद मजबूती से उन पर दावा ठोंक रही है इसीलिए सरकार बनते ही अक्टूबर 2014 में सरदार पटेल का एक स्टैच्यू बनाने का ऐलान किया गया. कहा गया कि 182 फुट का ये स्टैच्यू दुनिया में सबसे ऊंचा होगा और इसे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (SOU) कहा जाएगा.
मशहूर ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से इसकी ऊंचाई दोगुनी होगी. इसके लिए बीजेपी ने घर-घर से लोहा जमा किया था, लेकिन इसे बनाने का काम जिस स्पीड से चल रहा है, उससे तेज तो IRCTC की वेबसाइट चलती है.
इस स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के साथ सुस्ती के किस्से और कंट्रोवर्सी जुड़ती जा रही हैं.
पटेल चीन को करते थे नापसंद, वही बना मैन्युफैक्चरर
SOU से जुड़ी ये सबसे बड़ी कंट्रोवर्सी यही है कि ‘मेक इन इंडिया’ का प्रतीक होने के बाद भी इसके लिए चीन से मदद लेनी पड़ी. दरअसल इस स्टैच्यू के लिए सरदार पटेल के कपड़े और उनकी स्किन बनाई जाने वाली थी कांसे यानी ब्रॉन्ज की प्लेट्स से. प्लेट चाहिए थीं पूरे 22 हजार 5 सौ टन. और ये प्लेट बनने वाली थीं चीन के नानचिंग प्रांत में. जहां पर दुनिया का सबसे बड़ा ढलाईघर यानी फाउंड्री है. जिसका नाम है जियांग्सी टोकिंन मेटल हैंडीक्राफ्ट्स. जबकि इंडिया में भी 4600 फाउंड्री हैं, जिनमें 5 लाख से भी ज्यादा लोग काम करते हैं.
Dummy Content…………..