राष्ट्रपति जमैका में; गवर्नर जनरल, प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के साथ द्विपक्षीय वार्ता
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द 15 मई, 2022 की शाम जमैका के किंग्सटन स्थित नॉर्मन मैनले इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पधारे, जहां जमैका के गवर्नर जनरल महामहिम सर पैट्रिक एलन, जमैका के प्रधानमंत्री महामहिम एंड्रयू होल्नेस और अन्य गणमान्यों ने उनकी अगवानी की। आगमन पर राष्ट्रपति को सलामी गारद पेश की गई। भारत के किसी भी राष्ट्रपति की यह पहली जमैका यात्रा है, जो दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्बंधों के स्थापना के 60 वर्षों बाद हो रही है।
कल (16 मई, 2022) राष्ट्रपति ने किंग्सटन के नेशनल हीरोज़ पार्क के दौरे के साथ अपना कार्यक्रम आरंभ किया। वहां उन्होंने मार्कस गारवे को श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके बाद, वे जमैका के गवर्नर जनरल के आधिकारिक निवास किंग्स हाउस पहुंचे और गवर्नर जनरल सर पैट्रिक एलन से मुलाकात की। चर्चा के दौरान राष्ट्रपति ने गर्मजोशी भरे स्वागत-सत्कार के लिये गवर्नर जनरल को धन्यवाद दिया। दोनों शीर्ष नेताओं ने सूचना प्रौद्योगिकी और सम्बंधित सेवाओं, चिकित्सा और फार्मा सेक्टर, खेल, शिक्षा, पर्यटन, आतिथ्य उद्योग जैसे द्विपक्षीय सहयोग तथा साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।
राष्ट्रपति ने इस बात का संज्ञान लिया कि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधानों के बावजूद, भारत और जमैका के बीच द्विपक्षीय व्यापार तथा आर्थिक और वाणिज्यिक आदान-प्रदान में लगातार वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि व्यापार और निवेश की, खासतौर से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और आईटी दक्ष सेवाओं, चिकित्सा, फार्मा सेक्टर, शिक्षा, क्षमता निर्माण, पर्यटन, आतिथ्य उद्योग, कृषि और अवसंरचना परियोजनाओं में, अपार संभावनायें हैं।
दोनों देशों के बीच साझीदारी विकास और शिक्षा के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि इस विकास यात्रा में भारत, जमैका जैसे अपने विकासशील साथी देशों के साथ अपने अनुभव, ज्ञान और कौशल को साझा करने के लिये संकल्पित है। हमारी विकास साझेदारी की गतिविधियों की जड़ें दक्षिण-दक्षिण सहयोग की अवधारणा में गहरे जमी हैं तथा वे हमारे साझीदारों की राष्ट्रीय प्राथमिकता के अनुरूप स्वैच्छिक साझेदारी के सिद्धांतों पर आधारित हैं। भारत तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों के पाठ्यक्रमों के जरिये हमें जमैका में क्षमता निर्माण और कौशल विकास करने में सहयोग देते हुये खुशी हो रही है। भारत को आईटीईसी स्लॉट को 30 से 50 करने में प्रसन्नता होगी।
गवर्नर जनरल के मुलाकात के बाद राष्ट्रपति जमैका हाउस गये, जहां प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस ने उनका स्वागत किया। दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, सेवा, स्वास्थ्य, रेलवे, यातायात सेवायें, खेल सहित क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच सेवा सेक्टर और ज्ञान अर्थव्यवस्था में सहयोग की अपार क्षमता है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि जमैका की रुचि शिक्षा, खासतौर से शैक्षिक संस्थानों के साथ सहयोग करने में है। उन्होंने कहा कि भारत इस बात का स्वागत करता है कि जमैका को अपने किसी विश्वविद्यालय में किसी भी भारतीय शैक्षिक संस्थान की शाखा खोलने में दिलचस्पी है।
बैठक के बाद, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री होल्नेस ने सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान (एसएसएफएसआई) तथा जमैका के विदेश मामले व विदेशी व्यापार मंत्रालय के बीच राजनयिक प्रशिक्षण के लिये समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर तथा उसके आदान-प्रदान का अवलोकन किया। इस समझौता-ज्ञापन से एसएसएफएसआई में जमैका के विदेश सेवा के अधिकारियों के लिये प्रशिक्षण तथा अकादमिक गतिविधियों में शामिल होने की सुविधा मिलेगी।
इसके बाद, राष्ट्रपति डाउनटाउन किंग्सटन गये, जहां उन्होंने अम्बेडकर एवन्यू का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में जमैका के स्थानीय निकाय और ग्रामीण विकास मंत्री माननीय डेसमंड मैकेंजी, किंग्सटन सिटी के महापौर मान्यवर डेलरॉय विलियम्स और भारतीय समुदाय के लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संक्षिप्त वक्तव्य में राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने वंचित वर्ग के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रगतिशील आदर्शों को संविधान में सम्मिलित किया था। उन्होंने असमानता दूर करने के लिये लोगों को शिक्षित और प्रेरित किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ लोगों को इस बात पर आश्चर्य हो सकता है कि जमैका में डॉ. अम्बेडकर की क्या प्रासंगिकता है। हमें हमेशा याद रखना चाहिये कि डॉ. अम्बेडकर और मार्कस गारवे जैसी विभूतियां केवल एक राष्ट्र या समुदाय तक सीमित नहीं रहतीं। समानता का उनका संदेश, भेद-भाव के हर प्रकार को समाप्त करने का उनके आह्वान की अनुगूंज पूरे विश्व में हैं। इसलिये डॉ. अम्बेडकर का संदेश भारत सहित जमैका में भी प्रासंगिक है।
राष्ट्रपति के अगले कार्यक्रम में जमैका के निचले सदन के नेता प्रतिपक्ष माननीय मार्क होल्डिंग ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया और सांस्कृतिक संपर्क व लोगों के बीच मेल-मिलाप को बढ़ावा देने पर बल दिया।
शाम को राष्ट्रपति किंग्सटन में होप बोटैनिकल गार्डन गये और वहां इंडिया-जमैका फ्रेंडशिप गार्डन का उद्घाटन किया। उन्होंने जमैका की प्रथम महिला लेडी एलन की उपस्थिति में चंदन का पौधा लगाया। लेडी एलन उपवन की संरक्षिका हैं। इस अवसर पर कृषि मंत्री माननीय पियरनेल चार्ल्स जूनियर और नेशनल प्रीजर्वेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री एल्फ्रेड थॉमस भी उपस्थित थे।
उस दिन के अपने अंतिम कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति भोज में सम्मिलित हुये तथा भारतीय समुदाय और भारत-मित्रों से मुलाकात की। भोज जमैका में भारत के उच्चायुक्त श्री मासाकुई रुंगसुंग ने दिया था।
उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुये राष्ट्रपति ने कहा कि भारतवासियों और जमैकावासियों के प्रगाढ़ सम्बंधों की जड़ हमारे सांस्कृतिक संपर्क में निहित है, जो हमारे बहुपक्षीय साझेदारी को समृद्ध करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिये यह गर्व का विषय है कि जमैका में अपने योगदान के लिये भारतीय समुदाय के लोगों को सर्वोच्च स्तर पर मान-सम्मान मिलता है। हमें जमैका में भारतीय समुदाय की उपलब्धियों पर गर्व है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के जरिये भारत अपनी स्वतंत्रता और अपने देशवासियों के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और उपलब्धियों के 75 होने का उत्सव मना रहा है। उन्होंने भारतीय समुदाय से आग्रह किया कि वे आगे बढ़कर इस उत्सव में भाग लें।
राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था, नई प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन सम्बंधी कार्रवाई और ज्ञान समाज की रूपरेखा तैयार करने के लिये हम नेतृत्वकारी भूमिका निभाने का प्रयास कर रहे हैं। इस नये भारत में उसकी प्रगति और समृद्धि में हिस्सा लेने के लिये भारतीय समुदाय के सामने अपार अवसर मौजदू हैं। उन्होंने कहा कि हम इस नये भारत के लिये भारतीय समुदाय का समर्थन चाहते हैं, जिससे लाखों घरों में प्रगति और समृद्धि का उजाला पहुंच सके; एक ऐसा भारत बन सके, जहां सबकी देखभाल होती है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने जमैका क्रिकेट एसोसियेशन को क्रिकेट किट प्रदान की, जिसे संघ के अध्यक्ष श्री बिली हेवन ने प्राप्त किया।