अपने भ्रष्टाचार पर नहीं मोदी पर गरजती हैं भ्रष्ट नेताओं की फ़ौज
भ्रष्टाचारी नेता पकड़े जाने पर ही वह तीन राग अलापने लगता है | पहला
यह वे झुकेंगे नहीं , दूसरा यह कि भाजपा उनकी सरकार गिराना चाहती है और
तीसरा यह कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है | राहुल गांधी ,सोनिया गांधी ,
बंगाल के भ्रष्टाचारी नेता , महाराष्ट्र के नवाब मलिक , संजय राउत , शरद पवार ,
दिल्ली में आप सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ,संजय सिंह , मनीष सिसोदिया और
खुद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल , बिहार के लालू यादव का कुनबा और अब
हेमंत सोरन सब के सब भ्रष्टाचार के मामलों में आर्थिक जांच और सुरक्षा एजेंसियों
के रडार पर आते ही यही राग अलापने लगे हैं | भाजपा और मोदी को कोसने का
सिलसिला चालू हो जाता है और यह साबित करने की कोशिश होती हैं कि उन पर
कार्यवाही करना संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ जाना है | मोदी के खिलाफ विष
वमन करते समय , जिसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हमला बताया करता है , एक बार
भी अपने भ्रष्टाचार का अवलोकन नहीं करते |
आप के मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले को लेकर सीबीआई का
शिंकजा जैसे ही कसा पूरी की पूरी पार्टी बौखला गयी | अरविन्द केजरीवाल ने
तत्काल उन्हें कट्टर ईमानदार का सर्टीफिकेट दे दिया और एक ऐसा ही सर्टीफिकेट
खुद ही बना कर खुद को दे दिया | साथ ही भाजपा और मोदी पर धावा बोल दिया
कि मोदी उनकी सरकार गिराना चाहते हैं , उनके विधायकों को खरीदने के प्रयास
किये जा रहे हैं , पहले बताया गया कि चार विधायकों के पास ऑफर आया , फिर
यह संख्या चालीस कर दी गयी | पहले आप प्रवक्ता ने बताया कि 5 करोड़ प्रति
विधायक का ऑफर था , फिर यह बढ़ा कर बीस करोड़ प्रति विधायक कर दिया
गया , आगे यह रकम 25 लाख हो गयी और अब केजरीवाल बता रहे हैं कि
भाजपा पांच लाख करोड़ खर्च करके देश भर के 750 विधायकों को तोड़ना चाहते हैं
| गजब का ज्ञान है लेकिन सारे ज्ञान बघारने का एक ही उद्देश्य है कि जनता का
ध्यान उनके उस घोटाले से हट जाए जो उन्होंने नयी शराब नीति बना कर कमाये
थे | सड़क से संसद तक आप पार्टी के नेता और विधायक पिछले कई दिनों से हर
प्रचार माध्यम के जरिये मेरा जूता है जापानी , मेरी पैंट इंग्लिस्तानी बताते घूम
रहे हैं , खोखा -खोखा चिल्ला रहे हैं लेकिन मूल सवाल पर नहीं आते कि आप ने
नई शराब नीति के माध्यम से घोटाला किया या नहीं और यदि आप की शराब
नीति अच्छी थी तो आपने इसे बदला क्यों ?
जो मूल सवाल है उस पर कोई भी आप का नेता , खुद अरविन्द
केजरीवाल बोलते एक बार भी नजर नहीं आये | रोज एक नया गढ़ा हुआ आरोप
लेकर प्रेस के सामने आते हैं और प्रेस की आजादी का दुरुपयोग अफवाहें फैलाने के
लिए करते हैं | उदाहरण के लिए जब केजरीवाल को लगा कि अरे चार विधायकों
की संख्या ना काफी है तो इसे बढ़ाकर उन्होंने चालीस तक पहुंचा दिया | मनीष
सिसोदिया ने बताया कि उनके फोन पर भाजपा नेता का मैसज आया था कि
सरकार गिरा दो , तुम्हे मुख्यमंत्री बना देंगे | जब मैसेज भेजने वाले भाजपा नेता
का नाम पूंछा जाने लगा तो वे दायां -बायां करने लगे | यह सावल भी उठा कि
जब खुद सिसोदिया कहते हैं कि उनका फोन सीबीआई वाले ले गए तो फिर कौन
से फोन में मैसेज आया ? झूठ की इबारतें से बहुत भोड़े वाचन के बाबजूद मनीष
सिसोदिया खुद को बचा पायेंगे , इसमें संदेह है क्योंकि ऐसा ही तमाशा स्वास्थ्य
मंत्री सत्येंद्र जैन के मामले में भी किया था | तब भी सिसोदिया ने छापे के बाद
कहा था कि जैन के घर से ईडी को कुछ नहीं मिला | अब यही बात सीबीआई के
अपने घर पड़े छापे के बाद मनीष सिसोदिया अपने लिए कह रहे हैं की कुछ नहीं
मिला | सत्येंद्र जैन आरोपों के साथ गिरफ्तार है | सिसोदिया जानते है कि वे मूल
सवाल से भाग नहीं सकते फिर भी ऐसी कोशिश तो यही बताती है कि वे लोकतंत्र
को धोखा देना चाहते है |
जानती तो कांग्रेस भी है कि सोनिया गांधी और राहुल गाँधी की भी
गिरफ्तारी हो सकती है | क्योंकि ईडी के पास सबूत भी हैं और किसी को भी
गिरफ्तारी का अधिकार भी गाँधी परिवार को यही बात बुरी लग रही है | क्योंकि
कांग्रेस समझती है कि गाँधी परिवार मुकदमा और उससे पूछताछ गुनाह है |
सोनिया और राहुल को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया तो दोनों ने पूरी कांग्रेस को
सड़कों पर उतार दिया | राहुल समेत सभी कांग्रेसियों को लगने लगा कि लोकतंत्र
खतरे में हैं | ईडी के खिलाफ नारे लगाने के बाबजूद यह लड़ाई महंगाई बतायी गयी
| इस दौरान एक बार भी गांधी परिवार ने नेशनल हेराल्ड घोटाले का जिक्र नहीं
किया जबकि इस मामले में मुकदमा चल रहा है | सोनिया गांधी और राहुल गांधी
जमानत पर हैं | जब यह मुकदमा दायर हुआ था तब केंद्र में यूपीए के सरकार थी
| मुकदमें में एक धारा डकैती की भी है | उस पर कार्यवाही भी कोर्ट की देखरेख में
हो रही है लेकिन राहुल गाँधी और उनकी कांग्रेस हमलावर मोदी पर है | इसे
विपक्ष की आवाज दबाने का षड्यंत्र बताया जा रहा है | ईडी और सीबीआई के
दुरूपयोग की गाथाये गाई जा रही हैं लेकिन नेशनल हेराल्ड की सम्पत्ति रेनबेन
करके अरबों का घोटाला करने पर न राहुल गांधी कुछ कहते हैं | सोनियां गांधी
और न मोदी को कोसने वाले उनके अन्य दरवारी नुमा समर्थक कांग्रेसी |
लालू यादव चारा घोटाले में जब पहली बार गिरफ्तार हुए थे तब बिहार में
खुद व मुख्यमंत्री थे और केंद्र में उनकी पार्टी की समर्थित सरकार थी | लालू के
कुनबे पर जांच एजेंसियों ने जब शिकंजा कसा तब तेजस्वी यादव नीतीश सरकार
में उपमुख्यमंत्री थे लेकिन आरोप मोदी और भाजपा पर बदले की कार्यवाही का
लगाया गया और तेजस्वी यादव ने तो मोदी को देख लेने की धमकी तक दे डाली
थी | आज फिर अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए लालू और उनका कुनबा भाजपा
और मोदी पर ही आरोप लगा रहा है | चारा घोटाले में सजा भुगतने वाले लालू
यादव को तेजस्वी यादव बतौर प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित करते हुए भारत
को बचाने का दावा कर रहे हैं , वह भी बिहार को जंगल राज की राह पर मोड़ कर
|
अब खनन घोटाले में मुख्यमंत्री की कुर्सी गवाने वाले झारखंड के मुख्यमंत्री
हेमंत सोरन ने खनन घोटाले में कुर्सी जाने के बाद भाजपा और मोदी पर ही
आरोप मढ़े जबकि मोदी का इससे कुछ भी लेना देना नहीं है | यह सब कवायद
एक ही काम के लिए है कि भ्रष्टाचार पर कोई कार्यवाही न हो | इसीलिए
भ्रष्टाचारी नेता जनता के सामने यह साबित करने की कोशिश करते हैं कि वे
निर्दोष है और भाजपा तथा मोदी की साजिश का शिकार हैं | यह जनता को मूर्ख
बनाने वाली नीति अब चलने वाली नहीं | इसलिए नहीं चलने वाली कि जनता को
पता है भ्रष्टाचार की जड़ में ये ही लोग हैं | पहले कहा जाता था कि नेता भ्रष्टाचार
कर के बच जाते रहे लेकिन अब मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को भी न केवल कुर्सी
गवानी पड़ रही है बल्कि जेल जाने की नौबत भी आ रही है | एक बार पकड़ में
आते ही न नेता बच रहा है न रसूखदार धनी लोग | जनता के लिए यह सुखद
स्थिति है और इसलिए कोई भी आरोप मोदी के इंद्रजाल को तोड़ नहीं पाता है |
सुशील दीक्षित विचित्र
अध्यक्ष प्रवाह साहित्यिक संस्थान
शाहजहांपुर उप्र ।