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अडानी भारत के चमकते सितारे

*अडानी भारत के चमकते सितारे*

अतीत काल में भारत एक समृद्ध राष्ट्र हुआ करता था, जिस कारण उसे सोने की चिड़िया के नाम से सम्बोधित किया जाता था। समय-समय पर विदेशी आक्रान्ताओं की लूट के कारण भारत को अत्यधिक क्षति उठानी पड़ी और वह गरीब राष्ट्र के रूप में परिवर्तित हो गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत ने तीव्र गति से प्रगति की, इसी कारण वह विश्व में सर्वाधिक प्रगतिशील राष्ट्र बन चुका है।
आज भारत के लिए गर्व का विषय है कि उसका एक सपूत अल्पकाल में विश्व के सर्वाधिक सम्पन्न व्यक्तियों में 153 अरब डॉलर की सम्पत्ति के साथ द्वितीय पायदान पर पहुँच गया है। अडानी की वर्तमान आय 3 अरब डॉलर प्रतिदिन है, इसी प्रगति के आधार पर वो वर्ष 2022 की समाप्ति से पूर्व ही वह विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क, जिनकी की कुल सम्पत्ति 253 अरब डॉलर है, को पछाड़ कर सम्पन्नता के प्रथम पायदान पर पहुँच कर सम्पूर्ण विश्व में भारत का झंडा फहरा चुके होंगे।
अडानी जितना तीव्र गति से सफलता की सीढ़ी चढ़ रहे हैं, वो सम्पूर्ण विश्व को अचम्भित करने वाला है, क्योकि आज तक विश्व का कोई भी उद्योगपति इतनी तीव्र गति से उन्नति नहीं कर पाया। उनकी सफलता का सम्पूर्ण श्रेय उनके गुजराती मस्तिष्क एवं उनकी कार्यक्षमता को जाता है। गुजराती मस्तिष्क को ईश्वर ने एक ऐसा आशीर्वाद दिया है, जिसमें उनमें स्वाभाविक रूप से रूपया अपनी ओर खींचने का जन्मजात गुण होता है। किसी की जेब से पैसा कैसे निकाले यह वरदान ईश्वर उसको गुजरात की धरती पर भेजने से पूर्व ही दे देते हैं।
अडानी जिसकी सम्पत्ति 1 जनवरी, 2020 को मात्र 10 अरब डॉलर थी, उसने मात्र 1 वर्ष की अल्प अवधि में 10 अरब से 154 अरब डॉलर पर पहुँच कर सम्पूर्ण विश्व को अचम्भे में डाल दिया है।
अडानी की कार्यशैली इतनी उच्च है कि वह बैंको से ऋण लेकर उस पर अपने गुजराती मस्तिष्क से ऋण को स्वयं पर कभी हावी नहीं होने देते। अल्पकाल में ही वो बैंक के ऋण को अपने कुशल वित्तीय प्रबंन्धन के माध्यम से उतार देते हैं और कम्पनी को पूर्णतया ऋणमुक्त बनाकर लाभ प्रदान करने वाली बना देते हैं। अडानी की एक विशेषता यह भी है कि वह ऋण के भार से दबी कम्पनियों को अपने समूह में सम्मिलित कर, अत्यधिक कुशलता से कुछ ही समय में ऋण विहीन कर देते हैं।
भारत को अपने सपूत पर अत्यंत गर्व है और इंतजार है उस दिन का, जिस दिन वह विश्व के सबसे सम्पन्न व्यक्ति बनेगें, वो दिन भारत की सम्पूर्ण जनता के लिए दीपावली सदृश दिन होगा।

*योगेश मोहन*

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