वा कभी ना भूले स्वामी विवेकानंद के वंशज है हम – निखिल यादव
कोरोना काल के आगमन से ही युवाओं में अपने भविष्य के प्रति एक असमंजस की स्तिथि बनी हुई थी। दो वर्षो के बाद कॉलेज तो खुले है लेकिन इस बीच के काल में सिर्फ पढ़ाई के स्तर पर ही नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक तौर पर भी युवाओं को जूझना पड़ा है। विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी , दिल्ली शाखा युवाओं के लिए पीछे छ: वर्षो से एक कार्यक्रम चला रही है युवा भारत : खुद को जानो। रविवार को इस कार्यक्रम की द्वितीय कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेकों कॉलेज जैसे मिरांडा हाउस , भगिनी निवेदिता , जानकी देवी मेमोरियल , शहीद राजगुरु , पीजीडीएवी कॉलेज , श्याम लाल , शहीद भगत सिंह , दीनदयाल उपाध्याय और अन्य कॉलेज के 120 युवा उपस्तिथ थे। कार्यशाला में विभिन प्रकार के खेल, स्किट प्रेजेंटेशन , चर्चा और प्रस्तुति हुई।
समापन सत्र में युवाओं का मार्गदर्शन करते हुए विवेकानंद केंद्र , उत्तर प्रान्त के युवा प्रमुख श्री निखिल यादव ने युवाओं को बताया कि ” परिस्तिथि चाहे आपके अनुकूल हो या प्रतिकूल आप अपने परिश्रम और संगर्ष को कम मत होने दो। आप कभी ना भूले स्वामी विवेकानंद के वंशज है हम सभी जिन्होंने पराधीन भारत में भी कभी हार नहीं स्वीकार की और भारत में ही नहीं बल्कि पश्चिम में भी भारतीय संस्कृति का बिगुल बजा दिया था। स्वामी विवेकानंद युवाओं को कहते थे की एक विचार को अपना जीवन बनाओ , अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा उसमे झोक दो और बाकि सभी विचारों को अपने से अलग करलो यही सफलता का मार्ग है। युवा शक्ति स्वार्थ के कार्य में नहीं बल्कि राष्ट्र कार्य में लगे यह भी स्वामीजी की अपेक्षा थी।
युवा भारत : खुद को जानो कार्यक्रम एक नेतृत्व विकास कार्यक्रम है, जिसे दिल्ली-एनसीआर के 16 से 23 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए बनाया गया है। यह कार्यक्रम 4 चरण का में होता है जिसका प्रथम चरण है पंजीकरण, दूसरा ऑनलाइन परीक्षा, तीसरा एक दिवस्य नेतृत्व विकास कार्यशाला, और चौथा 5 दिवस्य आवासीय शिविर।