पिछली सदी में सीमा पार विद्युत व्यापार प्रारंभ होने के बाद से भारत, भूटान से विद्युत आयात करता रहा है और बिहार और उत्तर प्रदेश से 33 केवी और 132 केवी रेडियल मोड में नेपाल को मामूली विद्युत का निर्यात करता रहा है। भूटान औसत रूप में भारत को 500-550 करोड़ यूनिट विद्युत की आपूर्ति करता रहा है।
भारत नेपाल को 11 केवी, 33 केवी और 132 केवी लेवल पर 12000 से अधिक सीमा पार इंटर कनेक्शनों के लिए करीब 190 मेगावाट विद्युत का निर्यात भी करता रहा है। 2016 में 400 केवी लाइन क्षमता (132 केवी क्षमता के साथ संचालित) मुजफ्फरपुर (भारत) – धालखेबर (नेपाल) के चालू हो जाने के बाद नेपाल को विद्युत निर्यात में करीब 145 मेगावाट का इजाफा हुआ।
भारत से बांग्लादेश को किए जाने वाले विद्युत निर्यात में उस समय वृद्धि हुई, जब सितम्बर, 2013 में 400 केवी क्षमता का पहला सीमा पार इंटर-कनेक्शन चालू हुआ। इसी तरह भारत में सुर्जामणिनगर (त्रिपुरा) और बांग्लादेश में दक्षिण कोम्मिल्ला के बीच दूसरा सीमा पार इंटर-कनेक्शन चालू होने के बाद भारत के निर्यात में और बढ़ोतरी हुई।
132 केवी काटिया (बिहार) – कुसाहा (नेपाल) और 132 केवी रक्सौल (बिहार) – पार्वाणीपुर (नेपाल) सीमा पार इंटर-कनेक्शन चालू हो जाने के बाद नेपाल को किए जाने वाले विद्युत निर्यात में करीब 145 मेगावाट की वृद्धि होने का अनुमान है।
पड़ोसी देशों के साथ कुछ और सीमा पार सम्पर्क स्थापित किए जा रहे हैं, जिनसे भारत के विद्युत निर्यात में इजाफा होगा।