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आइए गुरुपूर्णिमा के पर्व पर संकल्प लें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों के प्रतिकार का और सनातन एवं मौलिक राष्ट्र की स्थापना के लिए कटिबद्ध होते हैं

श्री अनुज अग्रवाल, महासचिव, मौलिक भारत

भारत का हजारों वर्षों का गौरवशाली इतिहास प्राप्त है ।हिन्दू राज्यव्यवस्थाओं का आदर्श इतिहास होते हुए भी स्वतंत्रता के पश्चात तत्कालीन कांग्रेसी नेताओं ने ब्रिटिश राज्यव्यवस्था पर आधारित लोकतंत्र व्यवस्था स्वीकारी । परिणामस्वरूप गत 70 वर्षों में भारत की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है । भ्रष्टाचार, अनाचार, बढते अपराध, अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण, अधिकार-आरक्षण ही सर्व ओर दिखाई दे रहा है । प्राचीन हिन्दू राज्यव्यवस्था में ‘पहले शिक्षा तत्पश्चात गुरुदक्षिणाÓ ऐसी प्रथा थी; परंतु पाश्चात्त्य पद्धति के अनुसार आज के लोकतंत्र में पहले ‘डोनेशनÓ तत्पश्ïचात ‘एडमिशनÓ और उसके पश्चात ‘एज्युकेशनÓ यह पद्धति प्रारंभ की । परिणामस्वरूप देश का मार्गक्रमण अधोगति की ओर शीघ्र गति से हो रहा है । यह स्थिति परिवर्तित करने के लिए हमें लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन करने के लिए पुन: आदर्श राज्यव्यवस्था स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्प लेना होगा। गुरुपूर्णिमा के निमित्त से आइए आज हम सभी इसके लिए कटिबद्ध होते हैं, ऐसा प्रतिपादन श्री अनुज अग्रवाल जी .ने किया । सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में वे बोल रहे थे । यह गुरुपूर्णिमा महोत्सव रविवार, 9 जुलाई 2017 को साँय 5 से 7 बजे श्री रघुनाथ मंदिर सेक्टर 28 फऱीदाबाद में भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ ।
इसके हिंदू जनजागृति समिति के श्री कार्तिक सालुंखे ने लोक तंत्र की निरर्थकता व एक आदर्श व्यवस्था अर्थात हिंदूराष्ट्र की आवश्यकता विषय पर मर्गदर्शन किया।
​इसके पश्चात ‘हिन्दुओं को शौर्यजागरण करने की आवश्यकताÓ इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए श्री सुरेश मुंजाल बोले कि, समाज की मु_ीभर दुष्प्रवृत्तियों के कारण आज संपूर्ण समाज असुरक्षित हो गया है । जीवन में अन्याय और अत्याचार का प्रतिकार कब करना पडेगा, यह समय बताकर नहीं आता; इसलिए अपना शरीर एवं मन निरंतर प्रतिकारक्षम होना आवश्यक है । धर्म सुरक्षित रहे बिना राष्ट्र और राष्ट्र सुरक्षित रहे बिना समाज सुरक्षित नहीं रह सकता । समाज, राष्ट्र और धर्म की रक्षा करनी हो, तो अब स्वयंसिद्ध होने के अतिरिक्त विकल्प नहीं है । इसके लिए स्वयं स्वरक्षा प्रशिक्षण लें और अन्यों को भी दें, ऐसा आवाहन भी श्री सुरेश मुंजाल जी ने किया ।
​महोत्सव के प्रारंभ में श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराज का प्रतिमापूजन किया गया । इसके पश्चात श्री अनुज अग्रवाल जी ने गुरुपूर्णिमा स्मारिका का लोकार्पण किया ।इस कार्यक्रम में मान्यवरों सहित सैकड़ों जिज्ञासु उपस्थित थे ।

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