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Author: Dialogue India

पुस्तकालयों, पत्र-पत्रिकाओं के प्रति उदासीनता क्यों ?

पुस्तकालयों, पत्र-पत्रिकाओं के प्रति उदासीनता क्यों ?

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
आज का युग सूचना प्रौद्योगिकी व संचार का युग है। सूचना प्रौद्योगिकी व संचार के युग के साथ ही आज हम सोशल नेटवर्किंग साइट्स, इंटरनेट, फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम में ही अधिक रम-बस गए हैं। हमें कोई भी सूचना, जानकारी प्राप्त करनी होती है तो हम इंटरनेट पर उसे सर्च करने लगते हैं और इंटरनेट के माध्यम से तमाम जानकारियां, सूचनाएं पल झपकते ही प्राप्त कर लेते हैं। पुस्तकों को तो जैसे इस युग में हम नजरअंदाज ही कर चुके हैं। आज विरले ही कोई व्यक्ति किसी पुस्तकालय में पढ़ने जाता होगा, अथवा पुस्तकालय(लाइब्रेरी) का विजिट करता होगा। एक जमाना था, जब आपको बहुत से स्थानों पर सार्वजनिक पुस्तकालय देखने को मिल जाते थे। आज कहीं बड़ी मुश्किल से ही सार्वजनिक पुस्तकालय देखने को मिल सकते हैं। पुस्तकालयों का जीवन में अपना महत्व है और अगर सच में भारत को प्रगति व उन्नति के पथ पर अग्रसर करना है तो द...
फिर न पैदा हो अतीक जैसा कोई माफिया

फिर न पैदा हो अतीक जैसा कोई माफिया

TOP STORIES, राष्ट्रीय
आर.के. सिन्हा बीते कुछ दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद के पुत्र असद और उसके दोस्त का मुठभेड़ में मारा जाना और उसके कुछ ही समय बाद पुलिस पहरे में आ रहे अतीक अहमद की उसके भाई अशरफ के साथ की गई हत्या की घटनाओं से सबका दिल दहल गया है। इन दोनों सनसनीखेज घटनाओं की जांच के न्यायिक आदेश दे दिए गए हैं। बेशक, अतीक अहमद के मारे जाने के साथ ही एक दहशत के युग का अंत हुआ है । किसने सोचा होगा प्रयागराज में तांगा चलाने वाले शख्स का बेटा देखते–देखते अपराध के संसार में खौफ का पर्याय बन जाएगा। वह जिसकी संपत्ति पर चाहेगा कब्जा जमा लेगा। अगर कोई उसे अपनी संपत्ति देने में आनाकानी करेगा तो वह उसका या उसके बहन-बेटियों का अपहरण करवा लेगा। जरूरत पड़ने पर उस शख्स को मौत के घाट भी उतरवा देना उसके लिए तो मामूली बात थी।  पर अफसोस इस बात को लेकर होता है कि अतीक अहमद को मुलायम सिंह...
कश्मीर रहा है सनातन हिंदू संस्कृति का गढ़

कश्मीर रहा है सनातन हिंदू संस्कृति का गढ़

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राज्य, संस्कृति और अध्यात्म
अतिप्राचीन भारत में कैलाश पर्वत के आसपास भगवान शिव के गणों की सत्ता थी। उक्त इलाके में ही दक्ष राजा का भी साम्राज्य था। ऐसा माना जाता है कि कश्यप ऋषि कश्मीर के पहले राजा थे। कश्मीर को उन्होंने अपने सपनों का राज्य बनाया था और कश्यप ऋषि के नाम पर ही कश्यप सागर (कैस्पियन सागर) और कश्मीर का प्राचीन नाम पड़ा था। शोधकर्ताओं के अनुसार कैस्पियन सागर से लेकर कश्मीर तक ऋषि कश्यप के कुल के लोगों का राज फैला हुआ था। कश्यप की एक पत्नी कद्रू के गर्भ से नागों की उत्पत्ति हुई जिनमें प्रमुख 8 नाग थे- अनंत (शेष), वासुकि, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म, शंख और कुलिक। इन्हीं से नागवंश की स्थापना हुई। आज भी कश्मीर में इन नागों के नाम पर ही कई स्थानों के नाम हैं। कश्मीर का अनंतनाग नागवंशियों की राजधानी हुआ करता था। हाल में अखनूर से प्राप्त हड़प्पा कालीन अवशेषों तथा मौर्य, कुषाण और गुप्त काल की कलाकृतियों से जम्...
Why Congress abandoned the Ram temple issue

Why Congress abandoned the Ram temple issue

BREAKING NEWS, TOP STORIES, धर्म, राष्ट्रीय
Vivek ShuklaIt is almost certain that once the G-20 summit would come to an end and head of the states of member countries of powerful forum of the world would leave in the month of coming September, 2023, India would be in a election mode. They are slated in the month of April-May, 2024.Even before the poll dates would be announced, the nation would see huge euphoria when the Ram temple would be unveiled in Ayodhya in January, 2024. Of course, the Ram temple has been the life and soul of BJP's politics since it came into being in 1980. Will the Ram temple would be an issue in the 2024 Lok Sabha polls too?Will the BJP reap the fruits of construction of Ram Temple ? This question is rife in the air.The saffron party wants the temple to open before the Lok Sabha polls. It goes without s...
जब आप ठगा हुआ महसूस करते हैं

जब आप ठगा हुआ महसूस करते हैं

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
देश में अचानक एक घटना हो जाती है और आप ठहर कर उस घटना की प्रतिक्रियाएं पढ़ते-देखते हैं। दो तीन दिनों तक उन प्रतिक्रियाओं को पढ़ने-देखने के बाद आप मूक हो जाते हैं। लगभग जड़। ठगा हुआ महसूस करते हैं। आप अनुभव करते हैं कि पिछले सौ वर्षों में कुछ नहीं बदला। मजहब के नाम पर देश बंट गया। स्थिति जस की तस रह गई।‌ आप लाख भाईचारा, गंगाजमनी तहजीब और सदियों से साथ रहने के तराने गाते सुनाते रहें। वह एक झटके में सिद्ध करते हैं कि तराने वराने सुनने सुनाने की चीज हैं। वास्तविक जीवन और उसकी कसौटियों पर उनका कोई अर्थ नहीं।‌ उनकी प्राथमिकताएं सर्वथा भिन्न हैं। उनके विचार स्पष्ट हैं। जो आपके लिए शैतान का प्रतिरूप है, वह उसका हीरो है। अनिवार्य रूप से है। वह शैतान आपके सामने नग्न विद्रूप खड़ा होता है लेकिन दूसरा पक्ष कहता है कि बड़ा अन्याय हुआ।‌ वह हमारा हीरो था। यह एक अनुभूत सत्य है। जिसकी अनगिनत अनुभूतियां ...
कलंकित लोकतंत्र

कलंकित लोकतंत्र

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
माफियाओं और राजनेताओं के बीच संबंध सत्तर के दशक में शुरू हुए थे , आज तक यथावत कायम हैं । आजादी मिलने के समय यह कल्पना तक असंभव थी कि ऐसा जमाना भी कभी आएगा कि राजनीति अपराधियों की शरण स्थली बन जाएगी । कैसा समय आ गया ; आज किसी भी राजनीतिक दल को अपराधियों से कोई खास परहेज नहीं हैं । कईं ऐसे दल हैं जिनके आका अपराधियों और हत्यारों के कुत्तों तक से शेक हैंड करने में गर्व महसूस करते हैं । राजनैतिक दल ऐसे माफियाओं को संसद और विधानसभाओं में चुनाव लड़वाते हैं , उनके आतंकी प्रभाव का इस्तेमाल वोटरों पर कर अन्य प्रत्याशियों को जितवाते हैं । खासकर यूपी और बिहार तो ऐसे बड़े प्रांत हैं , जहां माफिया डॉन का प्रयोग दशकों से किया जाता है । अब भद्रजनों का बंगाल भी गुंडों के राजनैतिक उपयोग की प्रयोगशाला बन चुका है । अपराधी और राजनीति का चोली दामन वाला साथ आज प्रांत प्रांत गुल खिला रहा है । यूपी बिहार और...
राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (17 अप्रैल, 2023) नई दिल्ली में राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए और राष्ट्रीय पंचायत प्रोत्साहन सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में तेजी से हुए शहरीकरण के बावजूद, अधिकांश आबादी अभी भी गांवों में रहती है। शहरों में रहने वाले लोग भी किसी न किसी रूप में गांवों से जुड़े हुए हैं। गांवों के विकास से देश की समग्र प्रगति हो सकती है। राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीणों को यह तय करने में सक्षम होना चाहिए कि गांव के विकास के लिए कौन-सा मॉडल उपयुक्त है और इसे कैसे लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायतें न केवल सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करने का माध्यम हैं, बल्कि नेतृत्व प्रदान करने वाले नए लोगों, योजनाकारों, नीति-निर्माताओं और नवोन्मेषकों को प्रोत्साहित करने के स्थान भी हैं। एक पंचायत के सर्वोत्तम ...
मौसम : लौटिए, पूर्वजों की संस्तुति की ओर

मौसम : लौटिए, पूर्वजों की संस्तुति की ओर

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
बीते कल भोपाल बेहद गर्म था। तापमान 40 डिग्री को पार कर गया था, महसूस ज़्यादा हो रहा था। अब हमें बिना न-नुकुर इस हकीकत को स्वीकार लेना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन के घातक प्रभावों ने हमारे जीवन को गहरे तक प्रभावित कर दिया है। इस माह के आरंभ में जहां लोग वातावरण में ठंड महसूस कर रहे थे, पहाड़ों में बर्फबारी हो रही थी और मैदानों में ओला व वर्षा जारी थी। वहीं पिछले कुछ दिनों में मौसम अचानक बदला और बात पारे के अनपेक्षित रूप से ऊपर जाने की भी सामने आ गई है। यहां तक कि मौसम विज्ञानी दिल्ली सहित कई राज्यों में लू की चेतावनी देने लगे हैं। निस्संदेह, मौसम में बदलाव कुदरत का नियम है। ठंड के बाद गरमी और गरमी के बाद बरसात कुदरत के शाश्वत नियम हैं। लेकिन यह परिवर्तन निर्धारित समय के साथ धीरे-धीरे होता है। जिसमें मानव शरीर धीरे-धीरे उसके अनुकूल खुद को ढाल लेता है। ऐसा ही फसलों व फलों के वृक्षों का भी है, व...
भ्रष्टाचार से आजादी ही असल आजादी।

भ्रष्टाचार से आजादी ही असल आजादी।

घोटाला
हम बेवकूफ इसलिए बनाए जा रहे है, क्योंकि हम बेवकूफ है। हमारे हक इसलिए छीने जाते है ,क्योंकि हम दूसरो को छीनने की कोशिश करते है। हमारे साथ भ्रष्टाचार इसलिए होता है क्योंकि हम स्वयं बेईमान है। हमे अपने अंदर सुधार की जरूरत है, लोग खुद सुधर जाएंगे। महात्मा गांधी ने कहा था- "खुद में वो बदलाव लाइए, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।” -डॉo सत्यवान 'सौरभ' भाई-भतीजावाद, परिवारवाद (वंशवाद और परिवार पर फोकस) सिर्फ राजनीति तक ही सीमित नहीं है। क्या भ्रष्टाचार से आजादी ही देश के लिए असल आजादी होगी। भ्रष्टाचार प्रतिरोध का मार्ग है। कई मायनों में, भ्रष्टाचार वह तरीका है जिससे समाज में कम कुशल अधिक कुशल की कीमत पर आगे बढ़ते हैं। 2005 में एक ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल अध्ययन ने संकेत दिया कि 62% भारतीयों ने किसी न किसी समय नौकरी पाने के लिए रिश्वत दी थी। भ्रष्ट आय क्या है और ईमानदार आय क्या है, इसका आ...
माफिया की हत्या पर सियासत

माफिया की हत्या पर सियासत

TOP STORIES, राष्ट्रीय
लित गर्ग:- चालीस सालों तक सियासत की दुनिया में जिस अतीक अहमद का सिक्का सबसे खरा था, उसी माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को कैमरे के सामने तीन शूटरों ने मौत के घाट उतार दिया। अशरफ और अतीक के खामोश हो जाने के बाद अब गुड्डू मुस्लिम को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। गुड्डू मुस्लिम ही अतीक अहमद का पूरा नेटवर्क चलाता था। फिलहाल 5 लाख का इनामी गुड्डू फरार है। पुलिस संरक्षण में होने वाली इस तरह की हत्याओं पर लंबे समय तक सवाल उठते रहेंगे। प्रयागराज में बसपा विधायक रहे राजूपाल की हत्या के चश्मदीद गवाह उमेश पाल की फरवरी के अंतिम सप्ताह में हत्या कर दी गई। हत्या के बाद पूरे प्रदेश में सियासी माहौल गर्म हो गया। योगी सरकार पर लोग सवाल उठाने लगे थे प्रदेश को माफिया मुक्त करने का दावा खोखला साबित हो रहा है। अतीक जैसे माफिया जेल में होने के बाद भी खुली सड़क पर निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे ह...