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Author: Dialogue India

10 अप्रैल 1824 बलिदानी वीर राम सिंह पठानिया का जन्म

10 अप्रैल 1824 बलिदानी वीर राम सिंह पठानिया का जन्म

TOP STORIES, साहित्य संवाद
अंग्रेजों की हड़प नीति के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष : चौबीस साल की आयु में बलिदान -- रमेश शर्मा सामान्यतः लोग जानते हैं कि अंग्रेजों की हड़प नीति 1857 के आसपास शुरु हुई । पर इतिहास गवाह है कि अंग्रेजों की यह हड़प व अद्भुत साहस के प्रतीक इस 24 वर्षीय नवयुवक ने अपने मुट्ठी भर साथियों के बल पर अंग्रेजी साम्राज्य की नींव हिला दी थी।किन्तु दुर्भाग्य से देशवासी इस महान राजपूत यौद्धा के बारे में नही जानते।वीर राम सिंह पठानिया का जन्म 10 अप्रैल 1824 को हुआ । वीर सिंह के पिता श्याम सिंह नूरपुर रियासत के राजा वीर सिंह के वजीर थे । 1806 में दिल्ली पर अधिकार करने के बाद अंग्रेजों ने उत्तर और मध्यभारत में अपने वर्चस्व का अभियान चलाया । उनका सबसे प्रमुख लक्ष्य पंजाब था । अंततः अंग्रेज सफल हुये और नौ मार्च 1846 में अंग्रेज-सिक्ख संधि हुई इसके चलते वर्तमान हिमाचल प्रदेश की अधिकांश रियासतें सीधे अंग्रे...
इतिहास बोध और राजनीति – हृदयनारायण दीक्षित

इतिहास बोध और राजनीति – हृदयनारायण दीक्षित

TOP STORIES, राष्ट्रीय
वास्तविक इतिहासबोध राष्ट्र की विशेष शक्ति होता है। सच्चा इतिहास बोध राष्ट्र बोध जगाता है। राष्ट्रबोध जन गण मन की संजीवनी है। बच्चों को वास्तविक इतिहासबोध की शिक्षा देना राष्ट्रराज्य का कर्तव्य है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एन०सी०ई०आर०टी०) ने सम्यक विचार के बाद दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए इतिहास की पुस्तकों का पाठ्यक्रम संशोधित किया है। इस संशोधन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, शिवसेना (उद्धव गुट) सहित कई पार्टियों ने पाठ्यक्रम संशोधन पर कड़ा विरोध व्यक्त किया है। खास तौर पर मुगल साम्राज्य, दिल्ली दरबार, अकबरनामा, बादशाहनामा और कुछ राजनैतिक दलों के उदय वाले अंश विवाद का विषय बने हैं। मुगल शासकों और उनके साम्राज्य, पांडुलिपियों की रचना, रंग चित्रण, राजधानियां, दरबार, उपाधियाँ और उपहार, शाही परिवार, शाही मुगल अभिजात वर्ग वाले अंश ठी...
Indian culture

Indian culture

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भारतीय संस्कृति हिंदी साहित्याकाश का दैदीप्यमान नक्षत्र है भारतीय संस्कृति। साहित्य भारतीय संस्कृति का प्रतीक पुरुष है। भारतीय साहित्य पर बात करते हुए उसे संस्कृतनिष्ठ और प्राचीन परंपराओं का वाहक भी कह सकते हैं। भारतीय साहित्य में राष्ट्रीयता का स्वर मुखर है। सांस्कृतिक मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति अनुग्रह है। जहाँ प्रेमचंद ने भारतेंदु की गाँवों की ओर जाने वाली राह पकड़ी तो जयशंकर प्रसाद ने पुराणों और इतिहास में उतरने वाली सीढियां। भारतीय साहित्य की एक सुदृढ़ सांस्कृतिक पृष्ठभूमि है जिसमें भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों- आध्यात्मिकता, समन्वयशीलता, विश्वबंधुत्व, कर्मण्यता, साहस, नैतिकता, संयम, त्याग, बलिदान, देशभक्ति और राष्ट्रीयता का समावेश है। इसने पश्चिमी जगत और भारत को भौतिकता और आध्यात्म, अनात्मवाद और आत्मवाद के संघर्षों में बांधकर भारत की अतीत ज्ञान-संपदा को विश्व की समस्त समस...
भारत का राष्ट्रीय पशु(जानवर) बाघ है।

भारत का राष्ट्रीय पशु(जानवर) बाघ है।

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
भारत का राष्ट्रीय पशु(जानवर) बाघ है। समय के साथ मानवीय हस्तक्षेप के कारण बाघों पर भी खतरा मंडराया और यह बात हमें आंकड़ों से पता चलती है। एक समय था जब बाघों की तेजी से कम होती संख्या को लेकर चिंता जताई जाने लगी थी, लेकिन अब धीरे-धीरे इसमें प्रोजेक्ट टाइगर व अन्य बाघ संरक्षण कार्यक्रमों से इसमें कुछ सुधार आ रहा है। समय के साथ ही वन्य जीवों के शिकार के संबंध में कानून को भी सख्त बनाया गया है। बहरहाल, एक अनुमान के अनुसार, विश्व भर के बाघों ने अपने प्राकृतिक निवास स्थान का तकरीबन 93 प्रतिशत हिस्सा खो दिया है। यह बहुत ही गंभीर व संवेदनशील है कि इन निवास स्थानों(अधिवासों) को अधिकांशतः मानव गतिविधियों द्वारा नष्ट किया गया है। वनों और घास के मैदानों को कृषि ज़रूरतों के लिये परिवर्तित किया जा रहा है। बाघों से मानव को कथित खतरे को देखते हुए और मौद्रिक लाभ कमाने के उद्देश्य से बाघों का शिकार मानव ...
बहुत याद आएंगे सलीम दुर्रानी

बहुत याद आएंगे सलीम दुर्रानी

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
आर.के. सिन्हा सलीम दुर्रानी के बीते रविवार को निधन से भारत ने अपना 1960 और 1970 के दशकों के एक बेहद लोकप्रिय और लाजवाब क्रिकेटर को खो दिया। सलीम दुर्रानी ने गुजरात के जामनगर में आखिरी सांस ली।   सलीम दुर्रानी जब मैदान में होते थे, तो कोई भी लम्हा नीरस नहीं होता था। सलीम दुर्रानी के लिए मशहूर था कि वे दर्शकों की मांग पर छक्का मारते थे। उन्हें भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल हरफनमौला क्रिकेटर माना जाता था। दर्शकों की छक्के की मांग को वे फौरन पूरा करते थे। वे राजधानी में सालों राजस्थान की तरफ से रणजी ट्रॉफी के मैच खेलने के लिए करनैल सिंह स्टेडियम में आया करते थे। राजस्थान की उस दौर की टीम में हनुमंत सिंह, लक्ष्मण सिंह तथा कैलाश गट्टानी जैसे स्टार प्लेयर होते थे। हनुमंत सिंह तो सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्टुडेंट रहे थे। पर सलीम दुर्रानी की लोकप्रियता के सामने बाकी...
योग के दौरान हस्त मुद्राओं से शरीर को मिले बेहद लाभ

योग के दौरान हस्त मुद्राओं से शरीर को मिले बेहद लाभ

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
अलका सिंहयोग  विशेषज्ञ योग में हस्त मुद्राएं बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभदायक बताई गई हैं। हाथों को विभिन्न प्रकार से मोड़कर बनने वाली ये मुद्राएं योगी के उद्देश्य का प्रतीक होती हैं। ये मुद्राएं ही हैं जो योगी को उसके उद्देश्य के प्रति तत्पर बनाए रखने में मदद करती हैं। ये योगी के शरीर की आंतरिक और सुप्त ऊर्जा को जाग्रत करती हैं। प्राचीन भारतीय ग्रंथों और वेदों में करीब 399 योग मुद्राओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।’ हस्त मुद्रा का योग में बड़ा महत्व व फायदा बताया गया है। हाथों की 10 अंगुलियों से विशेष प्रकार की आकृतियां बनाना ही हस्त मुद्रा कही गई है। हाथों की सारी अंगुलियों में पांचों तत्व मौजूद होते हैं जैसे अंगूठे में अग्नि तत्व, तर्जनी अंगुली में वायु तत्व, मध्यमा अंगुली में आकाश तत्व, अनामिका अंगुली में पृथ्वी तत्व और कनिष्का अंगुली में जल तत्व। पांच तत्वों पर मुद्रा का सारा...
यूपीआई लेनदेन पर शुल्क का ब्रेन गेम

यूपीआई लेनदेन पर शुल्क का ब्रेन गेम

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यह सलाह दी जाती है कि "मदर थेरेसा" न बनें और अपने बैंक के साथ-साथ अपने यूपीआई भुगतान प्रणाली का बुद्धिमानी से उपयोग करें। हमेशा ध्यान रखें कि राजस्व विभाग आपसे अधिक से अधिक धन वसूलने का इच्छुक है, क्योंकि इसके लिए उन्हें भुगतान किया जाता है और आपकी दया या सहानुभूति आपको परेशानी में डाल सकती है। अत्यधिक यूपीआई  का उपयोग करने से नकद छूट/छूट/प्रोत्साहन प्राप्त करने का आपका लालच आपको परेशानी में डाल सकता है, जिसकी कीमत आपको भविष्य में बहुत अधिक चुकानी पड़ेगी। -डॉ सत्यवान सौरभ एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई )एक ऐसी तकनीक है जो विभिन्न बैंक खातों को एक ही मोबाइल ऐप (किसी भी भाग लेने वाले बैंक के) में समेकित करती है - तत्काल रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली प्रदान करती है; उपयोगकर्ताओं को दूसरे पक्ष को अपने बैंक खाते का विवरण प्रकट किए बिना कई बैंक खातों में धन हस्तांतरित करने की अनुमति देती है। यह...
क्या बाइबिल में ईसा मसीह की शिक्षाएँ नहीं हैं?

क्या बाइबिल में ईसा मसीह की शिक्षाएँ नहीं हैं?

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विनीत नारायणये सुन कर दुनिया भर के ईसाई भड़क जाएँगे कि बाइबिल में ईसा मसीह की शिक्षाएँ नहीं हैं। पर गहन शोध केबाद ये दावा किया है इतिहासकार हर्ष महान कैरे ने अपनी पुस्तक, ‘डिस्कवरिंग जीसस’ में। रूपा प्रकाशन सेप्रकाशित 387 पेज की ये अंग्रेज़ी पुस्तक ईसाइयों और ग़ैर ईसाइयों के बीच कौतूहल का विषय बन गई है। लेखकका दावा है कि बाइबिल में जो शिक्षाएँ लिखी गई हैं वो पॉल के विचार हैं जो कभी ईसा मसीह से मिला ही नहींथा। पर उसका दावा है कि ईसा मसीह ने यह ज्ञान उसे अवचेतन अवस्था में दिया। जिसे उसने लिपिबद्ध कर दिया।हालाँकि पॉल ईसा मसीह के बारह प्रथम व मूल शिष्यों में से एक नहीं था फिर भी वो स्वयं को अपोस्टेल (प्रचारक)होने का दावा करता है। जबकि ऐतिहासिक प्रमाण इसके विरुद्ध हैं।यीशु के बारह प्रधान शिष्य थे जिन्हें अपोस्टेल (प्रचारक) कहा जाता है। इनमें से एक का नाम जूड्स इस्कारियट थाजिसने यीशु को धोखा दे...
श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ किया

श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ किया

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य, राष्ट्रीय
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ और 613 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में कौशाम्बी महोत्सव-2023 का शुभारंभ और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इनमें लोक निर्माण विभाग की 405 करोड़ रुपये लागत की 70 योजनाओं और युवा कल्याण,खेल,नगर विकास व व्यावसायिक शिक्षा विभाग समेत 12 विभागों की 51 करोड़ रुपये लागत की 24 परियोजनाओं का लोकार्पण शामिल है।साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-3 की 151 करोड़ रुपये लागत की 19 योजनाओं और स्वास्थ्य एवं नगर विकास विभाग की 6 करोड़ रुपये की 4 योजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री ...
राष्ट्रपति ने गज उत्सव-2023 का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति ने गज उत्सव-2023 का उद्घाटन किया

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (07 अप्रैल, 2023) असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गज उत्सव-2023 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि प्रकृति और मानवता के बीच एक बहुत ही पवित्र रिश्ता है। प्रकृति का सम्मान करने वाली संस्कृति हमारे देश की पहचान हमेशा सेरही है। भारत में प्रकृति और संस्कृति आपस में जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे का पोषण करते हैं। हमारी परंपरा में हाथियों का बहुत सम्मान किया जाता है। भारत में इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह देश का राष्ट्रीय धरोहर पशु है, इसलिए हाथियों की रक्षा करना हमारे लिएअपनी राष्ट्रीय धरोहर को संरक्षित करने वाली हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राष्ट्रपति ने कहा कि जो काम प्रकृति और पशु-पक्षियों के हित में हैं, वही मानवता और धरती माता के हित में भी हैं। हाथी अभ्यारण वाले जंगल और हर...