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Author: Dialogue India

अनादिकाल से सूर्य ‘ॐ’ का जाप कर रहा है*

अनादिकाल से सूर्य ‘ॐ’ का जाप कर रहा है*

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, संस्कृति और अध्यात्म
सूर्य से ॐ की ध्वनि निकल रही हैसूर्य से निकलने वाली ध्वनि इतनी कम आवृत्ति की है कि हम इसे अपने कानों से नही सुन सकते। NASA ने इस ध्वनि को Record किया है। जब इसकी आवृत्ति को बढाकर सुना गया तो यह ॐ की ध्वनि पाई गई। यह आश्चर्य की बात है। हजारों वर्ष पूर्व वेद लिखने वालों ने इसे कैसे सुना, यह प्रश्न अनसुलझा है लेकिन यह वेदों की महत्ता और महानता को सिद्ध करता है।नासा के वैज्ञानिकों ने अनेक अनुसंधानों के बाद डीप स्पेस में यंत्रों द्वारा सूर्य में हर क्षण होने वाली एक ध्वनि को रिकॉर्ड किया। उस ध्वनि को सुना तो वैज्ञानिक चकित रह गए, क्योंकि यह ध्वनि कुछ और नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की वैदिक ध्वनि 'ॐ' थी। सुनने में बिलकुल वैसी, जैसे हम 'ॐ' बोलते हैं। इस मंत्र का गुणगान वेदों में ही नहीं, हमारे अन्य ग्रंथों में भी किया गया है।आश्चर्य इस बात का था कि जो गहन ध्वनि मनुष्य अपने कानों से नहीं सुन स...
राईट टू या फिर वोट टू  – प्रताप सिंह 

राईट टू या फिर वोट टू  – प्रताप सिंह 

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, साहित्य संवाद
संविधान प्रदत्त अधिकारो का अता पता नहीं है और अब वर्तमान नेताओं ने वोटो के लिए नये नये अधिकार आविष्कार करने शुरू कर दिए है और इस देश की भावुक जनता बिना कुछ सोचे समझे इन कथित अधिकारो की लट्टू हो रही है ।साढे चार साल नींद मे सोने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री चुनावो के नजदीक थोक मे जिले बनाते है और आम जनता को राइट टू हेल्थ का झुनझुना पकड़ा देते है ।बहुत सारे लोग इस बिल को क्रांतिकारी बता रहे है लेकिन अभी यह कागजो मे ही है जब धरातल पर लागू होगा तब पता चलेगा इस बिल ने आम आदमी का कितना भला किया है ।राजस्थान मे चिरंजीवी योजना पहले ही चल रही है और केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना हमारे मुख्यमंत्री को पसंद नहीं आयी इसलिए लागू ही नहीं की ।जब आप केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओ को नकार रहे हो तो फिर राइट टू हेल्थ किसलिए ? दिजिये राइट टू हेल्थ, किसी को आपत्ति नहीं है लेकिन सरकारी अस्पतालों के जर...
वैश्विक बैंकिंग : त्रासदी या प्रहसन

वैश्विक बैंकिंग : त्रासदी या प्रहसन

BREAKING NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, राष्ट्रीय
अँतत: बीती 27 मार्च को फर्स्ट सिटिजन बैंक (एफसीबी) ने सिलिकन वैली बैंक (एसवीबी) का अधिग्रहण कर ही लिया। जिसके लिए उसे अमेरिकी फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एफडीआईसी) से वित्तीय सहायता मिली थी। मे एक मित्र ने पूछा है कि एसवीबी का पतन क्यों हुआ? इसका एक संक्षिप्त उत्तर तो यह है कि बीते कई वर्षों के दौरान अमेरिका में नियामकीय मामलों में खतरे के निशान धुंधले पड़े हैं। जैसे जुलाई 2010 का डॉड-फ्रैंक वॉल स्ट्रीट सुधार और उपभोक्ता संरक्षण कानून को मई 2018 में इकनॉमिक ग्रोथ, रेग्युलेटरी रिलीफ ऐंड कज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट पारित करके काफी नरम कर दिया गया। वैसे एसवीबी का पतन लीमन ब्रदर्स की तरह नहीं हुआ, बल्कि एसवीबी के पास लंबी परिपक्वता सीमा वाले बॉन्ड का भारी भरकम भंडार और अल्पावधि की उधारी वाले लोन पोर्टफोलियो थे। एसवीबी की व्यक्तिगत जमा में करीब 90 प्रतिशत एफडीआईसी की 2,50,000 डॉलर की ब...
पाकिस्तान बदहाल: चिन्ता विश्व की

पाकिस्तान बदहाल: चिन्ता विश्व की

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार, सामाजिक
वर्तमान में हमारा पड़ौसी पाकिस्तान देश, राजनीतिक, आर्थिक, प्रशासनिक एवं कुछ पड़ौसी देशों के साथ पारस्परिक संबंधो की समस्या से ग्रस्त है। इन समस्याओं के प्रमुख उदाहरण इन रूपों में देखने को मिलते हैं कि पाकिस्तान की सरकार अपने नागरिको की मूलभूत आवश्यकताओं यथा -खाने की वस्तुएँ आटा, दाल, सब्जी आदि को भी गरीब व मध्यम वर्ग तक उपलब्ध कराने में असमर्थ हो चुकी है। इन आवश्यकताओं की पूर्ति करने हेतु जनता में लूटमार की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। पेट्रोल, डीजल, गैस के भाव आसमान छू रहे हैं, जिस कारण से आज जनता के लिए कार तो क्या स्कूटर पर चलना भी सम्भव नहीं हो पा रहा है। सत्तासीन राजनेता, देश की जनता के हित की उपेक्षा कर अपने राजनीतिक विरोधियों को समाप्त करने में, सरकारी शक्तियों का दुरूपयोग कर रहे हैं। जनता का रूझान पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर यथावत है, क्योंकि वो उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर उन्...
साक्षात् चण्डी का अवतार थीं रानी दुर्गावती

साक्षात् चण्डी का अवतार थीं रानी दुर्गावती

TOP STORIES, राष्ट्रीय, साहित्य संवाद
कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल रानी दुर्गावती एक ऐसा नाम जिनके स्मरण मात्र से वीरता की भावना का ज्वार स्वतः उठने लगता है। ऐसी वीराङ्गना जिन्होंने मुगलों को नाकों चने चबवा दिए। अपने शौर्य और पराक्रम से जिन्होंने इस्लामिक आक्रान्ताओं का प्रतिकार करते हुए उन्हें भारतीय नारी की शूरवीरता के समक्ष घुटने टेकने के लिए विवश कर दिया। युध्दभूमि में साक्षात् चण्डी सा उग्र स्वरूप लेकर जिन्होंने मुगलिया दरिन्दों को गाजर-मूली की भाँति काट डाला। कालिंजर के कीर्तिसिंह चन्देल की पुत्री के रुप में पाँच अक्टूबर 1524 ई. दुर्गाष्टमी की तिथि में जन्मी बेटी का नामकरण ही दुर्गावती किया गया,और यथा नाम तथा गुण की उक्ति को उन्होंने गढ़ा मण्डला के नेतृत्व की बागडोर सम्हालने के बाद चरितार्थ किया। वे बाल्यकाल से ही बरछी,भाला,तलवार, धनुष ,घुड़सवारी और तैराकी में अव्वल थीं। साहस-शौर्य, बुध्दि एवं कौशल से प्रवीण दुर्गावती...
भ्रष्टाचार से जंग का शंखनाद : मोदी

भ्रष्टाचार से जंग का शंखनाद : मोदी

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विनीत नारायणसंसद में हुए ताज़ा विवाद के संदर्भ में एक न्यूज़ चैनल के कॉन्क्लेव में बोलते हुए प्रधान मंत्री श्री मोदी ने कहा कि आजकल की सुर्ख़ियाँ क्या होती है? “भ्रष्टाचार के मामलों में एक्शन के कारण भयभीत भ्रष्टाचारी लामबंद हुए, सड़कों पर उतरे।” इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के मंत्रियों, सांसदों व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा, “आज कुछ दलों ने मिलकर 'भ्रष्टाचारी बचाओ अभियान' छेड़ा हुआ है। आज भ्रष्टाचार में लिप्त जितने भी चेहरे हैं, वो सब एक साथ एक मंच पर आ रहे हैं। पूरा देश ये सब देख रहा है, समझ रहा है।” दरअसल प्रधान मंत्री का इशारा भ्रष्टाचार के मामलों पर जाँच एजेंसियों द्वारा की गई कार्यवाही पर था। मोदी जी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ कर देश भर में ये संदेश देना चाहते हैं कि वे अपने वायदे के मुताबिक़ भारत को भ्रष्टाचार मुक्त करना चाहते हैं। यह एक अच्छी बात है। भ्रष्टा...
Growing Rewards Market

Growing Rewards Market

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
पुरस्कारों का बढ़ता बाजार* पुरस्कारों के बढ़ते बाजार के में देने और लेने वाले दोनों कि भूमिका है। देने वाले अपने आप खत्म हो जायेंगे अगर लेने वाले न बने। हमें किसी भी पुरस्कार के लिए पैसा देना पड़े तो समझ लीजिये वो पुरस्कार नहीं खरीद है। बात इतनी सी है। फिर हम और आगे क्यों बढे? एनजीओ रजिस्ट्रेशन के जरिये कई चरणों में राशि ऐंठते है या फिर धक्का डोनेशन लेते है। संस्थाएं एक दूजे की हो गयी है। एक दूसरे को सम्मानित करने और शॉल ओढ़ाने में लगी है। सरकारी पुरस्कार बन्दर बाँट कहे या लाठी का दम। जितनी जान-पहचान उतना बड़ा तमगा। ये प्रमाण “बिक्री के लिए” पुरस्कार विजेताओं की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हैं। *--प्रियंका सौरभ* आजकल सोशल मीडिया प्लेटफार्म ऐसी पोस्ट्स से भरे पड़े है जिसमें लिखा होता है कि उक्त को ये पुरस्कार (स्वर्ण) मिला है। यह पुरस्कार मिलने पर पुरस्कार प्राप्त करने वाले और देने ...
ऊर्जा भंडारण अनुप्रयोगों के लिए नया सुपरकैपेसिटर

ऊर्जा भंडारण अनुप्रयोगों के लिए नया सुपरकैपेसिटर

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इलेक्ट्रिक उपकरणों के संचालन में बैटरियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। लेकिन, समय के साथ बैटरियाँ विद्युतीय चार्ज का भंडारण करने की अपनी क्षमता खो देती हैं, और इसीलिए उनकी शेल्फ-लाइफ सीमित होती है। बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के शोधकर्ताओं ने एक नया अल्ट्रा-माइक्रो सुपरकैपेसिटर विकसित किया है, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि यह भारी मात्रा में इलेक्ट्रिक चार्ज को स्टोर करने में सक्षम है। मौजूदा सुपरकैपेसिटर की तुलना में यह उपकरण आकार में बेहद छोटा और अधिक कॉम्पैक्ट है। संभावित रूप से इसका उपयोग स्ट्रीटलाइट्स से लेकर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक कारों और चिकित्सा उपकरणों सहित विभिन्न उपकरणों में किया जा सकता है। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के इंस्ट्रूमेंटेशन ऐंड एप्लाइड फिजिक्स विभाग (आईएपी) के शोधकर्ताओं द्वारा यह अध्ययन किया गया है। उनका कहना है ...
कर्नाटक : भाजपा की राह आसान नहीं

कर्नाटक : भाजपा की राह आसान नहीं

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार
कर्नाटक में चुनावी रणभेरी बज गई है, राजनीति की बिसातें बिछ चुकी हैं। चुनाव की घोषणा से ठीक पहले प्रधानमंत्री लंबी-चौड़ी घोषणाएं कर चुके हैं। उनका भारी-भरकम रोड शो सुर्खियों में है। जिसमें इस 224 सदस्यों वाली विधानसभा के परिणाम जल्दी पाने की आकांक्षा नजर आती है। कार्यक्रम के अनुसार एक ही दिन दस मई को पूरे कर्नाटक में चुनाव होंगे और महज तीन दिन बाद विधानसभा चुनाव का परिणाम देश के सामने होगा। दक्षिण भारत में भाजपा के इस अकेले दुर्ग में भले ही उसकी पार्टी की सरकार है, लेकिन इसे हासिल करने के तमाम दांव-पेच सबने देखे हैं, लेकिन कर्नाटक चुनाव के भाजपा व अन्य राजनीतिक दलों के लिये खास मायने हैं। एक तो ये 2024 के महासमर से पहले होने वाले चुनाव होंगे, दूसरे चुनाव के बाद राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले चुनाव के लिये सभी दल अपनी-अपनी सुविधा से कर्नाटक चुनाव परिणामों की व्याख्...
मोहम्मद फैज़ल की सदस्यता बहाल करना लोकसभा सचिवालय का एक गलत फैसला-

मोहम्मद फैज़ल की सदस्यता बहाल करना लोकसभा सचिवालय का एक गलत फैसला-

EXCLUSIVE NEWS, समाचार, सामाजिक
मीलॉर्ड को राहुल के फंसने पर 10 साल बाद याद आया,अयोग्य ठहराने का फैसला “खतरनाक” है - 11 जनवरी, 2023 को लक्षद्वीप के NCP सांसद मोहम्मद फैज़ल को ट्रायल कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस मंत्री पीएम सईद के दामाद हत्या के आरोप में दोषी ठहराया और 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और नियमों के अनुसार 12 जनवरी को तत्काल प्रभाव से लोकसभा सचिवालय ने उसे सांसदी से अयोग्य कर सदस्यता समाप्त कर दी - परंतु 25 जनवरी को केरल हाई कोर्ट ने उसकी सजा पर रोक लगा दी (Stay कर दिया) जिसे vacate कराने के लिए लक्षद्वीप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट गया और फैज़ल ने अपनी सांसदी बहाल करने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करवा दी जबकि यह याचिका उसे हाई कोर्ट में ही लगानी चाहिए थी - अपनी ही पार्टी के नेता के दामाद की हत्या के आरोपी के लिए सिंघवी पापड़ बेल रहा है - उधर चुनाव आयोग ने फैज़ल की सीट पर चुनाव करान...