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Author: Dialogue India

बच्चों को बेचने वाला संवेदनहीन समाज

बच्चों को बेचने वाला संवेदनहीन समाज

विश्लेषण, सामाजिक, साहित्य संवाद
ललित गर्ग झारखण्ड में एक बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद कथित रूप से साढ़े चार लाख में बेच दिए जाने की शर्मनाक घटना ने संवेदनहीन होते समाज की त्रासदी को उजागर किया है। जहां इस घटना को मां की संवेदनहीनता और क्रूरता के रूप में देखा जा सकता है, वहीं आजादी के अमृत काल में भी मानव-तस्करी की घिनौनी मानसिकता के पांव पसारने की विकृति को सरकार की नाकामी माना सकता है। सरकार को बच्चों से जुड़े कानूनों पर पुनर्विचार करना चाहिए एवं बच्चों के प्रति घटने वाली ऐसी संवेदनहीनता की घटनाओं पर रोक लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।झारखण्ड के चतरा में जिस बच्चे को साढ़े चार लाख रुपये में बेचे जाने की खबर आई, उसमें मां के हाथ में एक लाख रुपए आए। बाकी के साढ़े तीन लाख रुपये बिचौलियों या दलालों के हाथ लगे। चूंकि इसकी सूचना पुलिस तक पहुंच गई और समय रहते सक्रियता भी दिखी, इसलिए बच्चे को बरामद कर लिया गया और कई आरो...
श्रीराम हैं अनंत, रामकथा अनंता

श्रीराम हैं अनंत, रामकथा अनंता

Today News, धर्म, सामाजिक
सचमुच श्रीराम न केवल भारत के लिये बल्कि दुनिया के प्रेरक है, पालनहार है। भारत के जन-जन के लिये वे एक संबल हैं, एक समाधान हैं, एक आश्वासन हैं निष्कंटक जीवन का, अंधेरों में उजालों का। भारत की संस्कृति एवं  विशाल आबादी के साथ दर्जनभर देशों के लोगों में यह नाम चेतन-अचेतन अवस्था में समाया हुआ है, इस लोक की थाती श्रीराम हैं और व्याप्ति भी श्रीराम। श्रीराम अनंत हैं तो रामकथा भी अनंता हैं, श्रीराम केवल भारतवासियों या केवल हिन्दुओं के मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं हैं, बल्कि बहुत से देशों, जातियों के भी मर्यादा पुरुष हैं जो भारतीय नहीं। रामायण में जो मानवीय मूल्य दृष्टि सामने आई, वह देशकाल की सीमाओं से ऊपर उठ गई। वह उन तत्वों को प्रतिष्ठित करती है, जिन्हें वह केवल पढ़े-लिखे लोगों की चीज न रहकर लोक मानस का अंग बन गई। हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा ...
INDIAN  DEMOCRACY  THRIVES

INDIAN  DEMOCRACY  THRIVES

TOP STORIES, समाचार
N.S.Venkataraman   It is more than seventy years now, since India attained independence   from British rule and   drafted a well balanced Constitution, which forms the basis for Indian democratic process. Several national and state elections have been conducted and the  victorious political  party has  taken over the governance in a smooth manner. Over the years, there have been  building up of great awareness amongst the people about their fundamental rights and freedom of speech.  While for an outsider, it may look like a noisy democracy in India, with protests, allegations and counter allegations and even corruption charges being raised and framed and complaints about dynastic political culture  being developed with number ...
जान के दुश्मन बनते आवारा कुत्ते

जान के दुश्मन बनते आवारा कुत्ते

TOP STORIES, राज्य, विश्लेषण, सामाजिक
भारत के मीडिया में लगातार ‘आवारा कुत्तों का खतरा’ सुर्खियों में रहता है। पिछले पांच वर्षों से, 300 से अधिक लोग - ज्यादातर गरीब और ग्रामीण परिवारों के बच्चे - कुत्तों द्वारा मारे गए हैं। 2017 के एक अध्ययन से पता चला है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर कुत्ते भी वन्यजीवों के लिए विनाशकारी हो सकते हैं। इसके बावजूद इन खबरों के प्रति समाज बेसुध बना रहता है। कभी-कभार यह जड़ता कुछ भयावह घटनाओं के साथ टूट जाती है। राज्यों, केंद्र, न्यायपालिका, नगर पालिका और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा इस संकट की स्वीकृति के बावजूद यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। -प्रियंका सौरभ कुत्तों का मानव के विकास क्रम के साथ साहचर्य का एक अनूठा संबंध रहा है। यह उनके कल्याण के लिए जिम्मेदार होने की नैतिक दुविधा इंसान के सामने पैदा करता है, लेकिन इसके अपने खतरे भी हैं क्योंकि कुत्तों का विकास भेड़िये और उसकी प्रवृत्ति से जुड़ा ...
नौ दिन कन्या पूजकर, सब जाते है भूल देवी के नवरात्र तब, लगते सभी फिजूल

नौ दिन कन्या पूजकर, सब जाते है भूल देवी के नवरात्र तब, लगते सभी फिजूल

TOP STORIES, धर्म, संस्कृति और अध्यात्म
क्या हमारा समाज देवी की लिंग-संवेदनशील समझ के लिए तैयार है? नवरात्रों में भारत में कन्याओं को देवी तुल्य मानकर पूजा जाता है। पर कुछ लोग नवरात्रि के बाद यह सब भूल जाते हैं। बहुत जगह कन्याओं का शोषण होता है और उनका अपमान किया जाता है। आज भी भारत में बहूत सारे गांवों में कन्या के जन्म पर दुःख मनाया जाता है। ऐसा क्यों? क्या आप ऐसा करके देवी मां के इन रूपों का अपमान नहीं कर रहे हैं। कन्याओं और महिलाओं के प्रति हमें अपनी सोच बदलनी पड़ेगी। देवी तुल्य कन्याओं का सम्मान करें। इनका आदर करना ईश्वर की पूजा करने जितना पुण्य देता है। शास्त्रों में भी लिखा है कि जिस घर में औरत का सम्मान किया जाता है वहां भगवान खुद वास करते हैं। दुनिया में और यौन भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलनों के साथ देवी की अवधारणा में विविधता लाने का समय आ गया है। -प्रियंका सौरभ नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृ...
वर्तमान में महिलाओं की स्थिति व भूमिका

वर्तमान में महिलाओं की स्थिति व भूमिका

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण, सामाजिक
नवरात्रि भारत भूमि पर मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में से एक है. इसमें नौ दिन तक माँ दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। दुर्गा का अर्थ ही है दुखों को दूर करने वाली शक्ति यानि सकारात्मक ऊर्जा। सनातन परम्पराओं में नारी को शक्ति का अवतार कहा गया है, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि नारी जिस भी रूप में आपके जीवन में है वह सुख, प्रेम और ममत्व की संवाहक ही होती है. पौराणिक मान्यताओं में नारी के सम्बन्ध में यह विदित है कि "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता" अर्थात जहाँ नारी का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते हैं. दुनिया की किसी अन्य सभ्यता और संस्कृति में नारी के प्रति सम्मान और श्रद्धा का यह भाव देखने को नहीं मिलता है. वर्तमान समय में जहाँ एक ओर हमारा समाज देवी के आराधन के माध्यम से नारीत्व को पूजता है वहीं दूसरी ओर दिन प्रतिदिन महिलाओं और बच्चियों के प्रति हिंसा और उत्प...
खेलों की दुनिया में भारत की महिला खिलाड़ियों का स्वर्णिम चमत्कार

खेलों की दुनिया में भारत की महिला खिलाड़ियों का स्वर्णिम चमत्कार

BREAKING NEWS, Current Affaires, TOP STORIES, राष्ट्रीय, समाचार, सामाजिक
मृत्युंजय दीक्षितवर्ष -2023 में खेलों की दुनिया में भारत के खिलाड़ी विशेषकर महिला खिलाड़ी जिस प्रकार का स्वर्णिम प्रदर्शन कर रहे हैं वह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व व आनंद की अनुभूति का विषय है। राजधानी दिल्ली में आयोजित विश्व महिला मुक्केबाजी में भारत की चार महिला मुक्केबाजों नीत घणघस, स्वीटी बूरा, निकहत जरीन, लवलीना बोरगोहाई ने पहली बार चार स्वर्ण पदक जीतकर भारत का झंडा लहरा दिया है। भारतीय महिला मुक्केबाजी के लिए उत्सव का समय है। भारतीय महिला मुक्केबाजों की यह जीत विशेष है क्योंकि वर्ष 2002 में महिला मुक्केबाज मेरीकॉम के उदय के बाद 17 वर्षो में पहली बार महिला विश्व कप में चार स्वर्ण पदक मिले हैं । भारतीय महिला मुक्केबाजी में मेरीकॉम ऐसा चमकता सितारा बनीं कि उनसे प्रेरणा लेकर हर दिन भारत को एक से बढ़कर एक नई प्रतिभाएं मिल रही हैं ।महिला मुक्केबाजी विश्व कप - 2023 में चारों महिला खिलाड़िय...
यह गांधी परिवार गाथा

यह गांधी परिवार गाथा

BREAKING NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण, सामाजिक
दिल्ली के राजघाट से प्रियंका गांधी का भाषण सुनने योग्य है। उनके भाषण में दो बातें आज स्पष्ट सुनाई दी- *पहला 'मेरा*' और दूसरा *'तुम्हारा'*। उन्होंने मेरा किसको कहा? 'मेरा भाई', 'मेरा परिवार' और जब देश की बात आई, प्रधानमंत्री की बात आई, तब उन्होंने कहा- 'आपका प्रधानमंत्री', 'आपका देश', 'आपकी लड़ाई', 'आपकी मीडिया', 'आपकी आवाज'। खून को भुनाकर सत्ता प्राप्त करना कांग्रेश की सबसे सुविधाजनक राजनीति रही है। प्रियंका गांधी के आज का भाषण भी पिता के खून से ही शुरू हुआ। तिरंगा की तरफ इशारा करके उन्होंने कहा इस तिरंगे में राहुल के पिता का खून है। इस धरती में राहुल के पिता का खून है। राहुल अपने पिता के जनाजे के पीछे पैदल चले थे। इसलिए इस देश में राहुल का अपमान नहीं होना चाहिए। क्या विचित्र माँग है कांग्रेस की! राजीव गांधी की हत्या हो गई, सबसे पहला प्रश्न तो यह है कि जिस देश का पूर्व प्रधानमंत्री ...
चाय बागान के दुश्मन कीटों के विरुद्ध नया जैविक अस्त्र

चाय बागान के दुश्मन कीटों के विरुद्ध नया जैविक अस्त्र

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
चाय बागानों में कीटों का प्रकोप एक बड़ी चुनौती है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ता है। कीटनाशकोंके छिड़काव से कीटों के प्रकोप को कुछ हद नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन रसायनों के संपर्क में आने से चाय की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण कई चाय बागानों में कीटनाशकों का समय पर उपयोगनहीं किया जा सका, जिसके कारण प्रमुख चाय कंपनियों को कीटों के प्रकोप सेलगभग 20 से 25 प्रतिशत फसल का नुकसान उठाना पड़ा था।असम के जोरहाट में स्थित टोकलाई चाय अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने चाय बागानों को नुकसान पहुँचाने वाले उन कीटों के खिलाफ जैविक प्रहार की रणनीति तैयार की है, जो चाय की सबसे अच्छी मानी जाने वाली टहनियों को खाने के लिएजाना जाते हैं। चाय पर दुनिया के सबसे पुराने शोध केंद्रों में शुमार टोकलाई चाय अनुसंधान संस्थान ने हाल ही में संस्थान के प्रायोगिक उद्यानो...
नेहरू पर कुछ और

नेहरू पर कुछ और

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण
लेखाधिकारी प्रधानमंत्री : *एकबार जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद से स्पष्टीकरण माँगा कि आप को हर माह मनोरंजन भत्ता मिलता है तो उसकी बची राशि राजकोष को लौटाया?” (प्रधानमन्त्री के विशेषाधिकारी एमओ मथाई की पुस्तक “माई डेज विद नेहरू”, पृष्ठ 338) नेहरू को शायद याद नहीं रहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति केवल आधा वेतन लेते थे। विशाल भवन के केवल तीन कमरों का ही उपयोग करते थे।* तुलना में गौर करें एक मिलती-जुलती घटना पर। *वित मंत्री के रुप में मोरारजी देसाई ने जवाहरलाल नेहरु से पूछा था कि “आपने अपनी किताबों पर ब्रिटिश प्रकाशकों द्वारा प्रदत्त रायलटी की राशि लन्दन के बैंक में जमा क्यों करा दी?” मोरारजी देसाई ने प्रधान मंत्री को आगाह किया कि इससे विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन होता है जिसके अंजाम में कारागार और जुर्माना हो सकता है। तिलमिलाये नेहरु लन्दन से दिल्ली अपना बैंक खाता ले आये।...