Shadow

Author: Dialogue India

निरंतर बढ़ रही है योगी जी की लोकप्रियता

निरंतर बढ़ रही है योगी जी की लोकप्रियता

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, राज्य
प्रदेश में अब सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और विकास के बल पर बदलाव की बयारमृत्युंजय दीक्षितउत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में प्रचंड मोदी लहर पर सवार होकर भाजपा सत्ता में आयी और योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।पार्टी और जनसामान्य की अपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल अपना पहला कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया वरन पूर्ण बहुमत से दोबारा सत्ता में वापसी की और इसी माह अपने कार्यकाल के छह सफल वर्ष पूरे किए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता व उनके कार्यों की गूंज अब केवल प्रदेश में ही अपितु पूरे देश में सुनाई दे रही और वो प्रदेश के अब तक के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बन गये हैं।प्रदेश में योगी सरकार के छह वर्ष पूर्ण होने के बाद सोशल मीडिया में यदि सबसे ज्यादा किसी नेता को सर्च किया गया है तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही हैं। योगी राज के दूसरे ...
क्या कांग्रेस का ‘सत्याग्रह’ का आग्रह दुराग्रह है?-ललित गर्ग

क्या कांग्रेस का ‘सत्याग्रह’ का आग्रह दुराग्रह है?-ललित गर्ग

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
दशकों तक भारत पर राज करने वाले गांधी परिवार के राजनीतिक वारिस राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में अदालत ने सजा सुनाई तो कांग्रेस देशभर में सड़कों पर हंगामा कर रही है, गांधी की समाधि पर सत्याग्रह कर रही है, कांग्रेस एवं उसके तथाकथित सत्याग्रही नेता क्यों नहीं सत्य को समझ रहे कि सजा मोदी सरकार ने नहीं, सूरत की एक कोर्ट ने सुनाई है। क्या कांग्रेस का ‘सत्याग्रह’ का आग्रह कहीं अधिक स्पष्टता से ‘दुराग्रह’ को उजागर नहीं कर रहा है? महात्मा गांधी ने भारत को एकजुट करने के लिए लड़ाई लड़ी, सत्याग्रह को हथियार बनाया। जबकि राहुल गांधी भारत का, गरीब और कमजोर समुदायों, सिख समुदाय और संविधान का अपमान करने के लिये सत्याग्रह का सहारा ले रहे हैं। भले वे यह सब करते हुए स्वयं को सत्याग्रही कैसे मान सकते हैं?कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त होने के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा क...
नई तकनीक से 30 सेकंड में ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ 

नई तकनीक से 30 सेकंड में ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ 

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
(इंडिया साइंस वायर): दूध में मिलावट एक चुनौती है और इसके कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भारतीय शोधकर्ताओं ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है, जो दूध का दूध और पानी का पानी’ कहावत को सही अर्थों में चरितार्थ कर सकता है। 3डी पेपर के उपयोग से बनाया गया यह एक पोर्टेबल उपकरण है, जो महज 30 सेकंड के भीतर दूध में मिलावट का पता लगा सकता है।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित इस उपकरण की मदद से दूध का परीक्षण घर पर भी आसानी से किया जा सकता है। यह उपकरण यूरिया, डिटर्जेंट, साबुन, स्टार्च, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, सोडियम-हाइड्रोजन-कार्बोनेट और नमक सहित मिलावट के लिए आमतौर पर उपयोग होने वाले पदार्थों का पता लगा सकता है।दूध की शुद्धता का परीक्षण करने के लिए पारंपरिक प्रयोगशाला-आधारित विधियों, जो महँगी और समय लेने वाली हैं, की तुलना में यह अपेक्षाकृत किफायती त...
सावधान ! कोरोना दुष्काल चक्र फिर घूमा है 

सावधान ! कोरोना दुष्काल चक्र फिर घूमा है 

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
कोरोना दुष्काल का चक्र भारत में फिर घूमना शुरू हुआ है । फिर एक बार कोरोना संक्रमण की दस्तक चिंता का सबब है। हमें पुराने अनुभव के अनुरूप मास्क लगाने, भीड़भाड़ से बचने, खांसते समय मुंह ढकने तथा सेनिटाइजर के उपयोग पर ज़ोर देना शुरू कर देना चाहिए । वैसे तुलनात्मक रूप से जहां भारत में जहां संक्रमण की दर एक प्रतिशत है, वहीं अमेरिका में उन्नीस व रूस में बारह प्रतिशत है। फिर भी सावधानी ही बचाव है । पिछले चौबीस घंटे में एक हजार से कुछ कम नये संक्रमितों का पता चला तथा महाराष्ट्र व गुजरात में दो-दो मौतों की बात कही जा रही है। संक्रमण पिछले पांच महीनों में सबसे ज्यादा है। कुल संक्रमितों की संख्या साढ़े नौ हजार व दैनिक संक्रमण दर 1.56 बतायी जा रही है। हालांकि देश में अब तक 220.65 करोड़ कोविड रोधी टीके की खुराकें लगायी जा चुकी हैं। जिसने देश को नया आत्मविश्वास दिया है।साथ ही यह तथ्य आत्मविश्वास को ड...
पंजाब में आतंकवाद

पंजाब में आतंकवाद

राज्य
पंजाब, भारत का एक ऐसा प्रदेश है, जिस पर ईश्वर व गुरू का आशीर्वाद सदैव ही बना रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि वहाँ की धरती पवित्र, जलवायु स्फूर्तिवर्धक एवं संस्कृति गौरव से परिपूर्ण है। सम्पूर्ण विश्व में संस्कृति सम्पन्न पंजाब प्रदेश अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है। इतिहास साक्षी है कि पंजाब प्रदेश के नागरिक जब भी किसी देश में किसी भी विशिष्ट उद्देश्य से गए, वहाँ पर उन्होंने न केवल अपना अपितु भारत देश का नाम भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित कराया है। उनके विशिष्ट कार्यों की यदि हम चर्चा करें तो उन्होंने, विश्व में कहीं भी प्राकृतिक विपदा अथवा युद्ध होने पर वहाँ की जनता के समक्ष ईश्वर सदृश प्रत्यक्ष उपस्थित होकर उनकी भोजन, कपड़े तथा आवास की सुविधा प्रदान करके अथवा अप्रत्यक्ष रूप से धनराशि दान करके इन पंजाब के सिक्खों ने अपने धर्म का गौरव बढ़ाया है।प्रत्येक धर्म में सत्य के पथ की ओर अग्रसर होने व...
हिंदू राष्ट्र की अवधारणा – हृदयनारायण दीक्षित

हिंदू राष्ट्र की अवधारणा – हृदयनारायण दीक्षित

TOP STORIES, संस्कृति और अध्यात्म
भारतीय राष्ट्रभाव अतिप्राचीन है। इसका मूल आधार हिन्दू संस्कृति है। सम्प्रति हिन्दू राष्ट्र पर विमर्श है। हिन्दू संस्कृति के कारण यह हिन्दू राष्ट्र है। कुछ लोग भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं। उनका मंतव्य स्पष्ट नहीं है। राष्ट्र राजनैतिक इकाई नहीं है। यह सांस्कृतिक अनुभूति है। विश्व विराट यथार्थ है। हिन्दू संस्कृति में यह परिवार है। पृथ्वी ब्रह्माण्ड की एक इकाई है। हिन्दू संस्कृति में यह माता है। आकाश पिता हैं। नदियां जल प्रवाह हैं। लेकिन हिन्दू संस्कृति में माता हैं। हिन्दू संस्कृति में वनस्पतियां अग्नि, वायु जल भी देवता हैं। पूर्वजों में प्रकृति के प्रति आत्मीय भाव था। इसी संस्कृति से हिन्दू राष्ट्र बना। राष्ट्र और राज्य भिन्न भिन्न हैं। पं० दीनदयाल उपाध्याय ने लिखा है, ‘‘संयुक्त राष्ट्र वस्तुतः राष्ट्रों का संगठन नहीं है। राष्ट्रों के प्रतिनिधि के नाते संयुक्त राष्ट...
इंदिरा के खेल

इंदिरा के खेल

TOP STORIES, विश्लेषण
1973 में इंदिरा गाँधी ने न्यायमूर्ति A.N. रे को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठा दिया वो भी तब जब उनसे वरिष्ठ न्यायधीशों की लिस्ट जैसे न्यायमूर्ति JM शेलात, KS हेगड़े और AN ग्रोवर सामने थी अंततः हुआ यह कि नाराज़गी के रूप में इन तीनों न्यायधीशों ने इस्तीफा दे दिया इसके बाद कांग्रेस ने पार्लियामेंट में जवाब दिया, 'यह सरकार का काम है कि किसे मुख्य न्यायधीश रखें और किसको नहीं और हम उसी को बिठाएंगे जो हमारी विचारधारा के पास हो.' और आज वही लोग न्यायाधीशों की आज़ादी की बात करते हैं? 1975 में न्यायाधीश जगमोहन सिंहा को एक फैसला सुनाना था फैसला था राजनारायण बनाम इंदिरा गांधी के चुनावी भ्रष्टाचार के मामले का उनको फ़ोन आता है जिसमें कहा जाता है, 'अगर तुमने इंदिरा गाँधी के ख़िलाफ़ फैसला सुनाया, तो अपनी पत्नी से कह देना इस साल करवा चौथ का व्रत न रखे जिसका न्यायमूर्ति सिंहा ने आराम से जवाब...
राजनैतिक बयानबाज़ी और मानहानि

राजनैतिक बयानबाज़ी और मानहानि

TOP STORIES, विश्लेषण
विनीत नारायणराहुल गांधी के ताज़ा विवाद पर पक्ष और विपक्ष तलवारें भांजे आमने-सामने खड़ा है। इस विवाद के क़ानूनी वराजनैतिक पक्षों पर मीडिया में काफ़ी बहस चल रही है। इसलिए उसकी पुनरावृत्ति यहाँ करने की आवश्यकता नहींहै। पर इस विवाद के बीच जो विषय ज़्यादा गंभीर है उस पर देशवासियों को मंथन करने की ज़रूरत है। चुनाव केदौरान पक्ष और प्रतिपक्ष के नेता सार्वजनिक रूप से एक दूसरे पर अनेक आरोप लगाते हैं और उनके समर्थन मेंअपने पास तमाम सबूत होने का दावा भी करते हैं। चुनाव समाप्त होते ही ये खूनी रंजिश प्रेम और सौहार्द में बदलजाती है। न तो वो प्रमाण कभी सामने आते हैं और न ही जनसभाओं में उछाले गये घोटालों को तार्किक परिणामतक ले जाने का कोई गंभीर प्रयास सत्ता पर काबिज हुए नेताओं द्वारा किया जाता है। कुल मिलाकर ये सारातमाशा मतदान के आख़िरी दिन तक ही चर्चा में रहता है और फिर अगले चुनावों तक भुला दिया जाता है।...
भूकंप की तैयारी सिर्फ इमारतों के बारे में नहीं है।

भूकंप की तैयारी सिर्फ इमारतों के बारे में नहीं है।

राष्ट्रीय, विश्लेषण
सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और अखबारों के जरिए आम लोगों के जान-माल को भूकंप से बचने के लिए सतर्क और सजग किया जा सकता है। भूकंप से जान-माल से बचाव न हो पाने की वजह यह भी है कि भूकंप आने का वक्त और अंतराल के बारे में वैज्ञानिक कुछ बता पाने की हालात में नहीं हैं। भूकंप आता है, तो लोग मनाते हैं कि वे बचे रहें, लेकिन कुछ साल गुजरता है और फिर भूल जाते हैं कि भूकंप फिर आ सकता है और उससे उनकी जान जा सकती है या गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं। इसलिए मानसिक और आर्थिक दोनों तरह से भूकंप से बचने के लिए तैयार रहना जरूरी है। यह सोच कर हम नहीं बच सकते हैं कि ईश्वर जैसा चाहोगे वैसा ही होगा। और यह सोच बनाना भी ठीक नहीं कि इंसान के हाथ में कुछ भी नहीं है। यह सब खुद को तसल्ली देने के लिए तो हम कर सकते हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए सजगता और छद्म अभ्यास के जरिए बेहतर बचाव का उपाय हो सकता है। - ...
देश में वृहद आर्थिक स्थिरता पर क्रेडिट सुइस का प्रभाव

देश में वृहद आर्थिक स्थिरता पर क्रेडिट सुइस का प्रभाव

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, आर्थिक, समाचार
बैंकिंग संकट में क्रेडिट सुइस के नाम की चर्चा आम है। अमेरिका के बैंकिंग क्षेत्र में उत्पन्न दिक्कतों (जिनकी शुरुआत सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) की नाकामी से हुई) और क्रेडिट सुइस पर उठ रहे सवालों के बीच कोई संबंध निकाल पाना मुश्किल है। यूँ तो क्रेडिट सुइस की आयु स्विस गणराज्य से महज कुछ ही वर्ष कम है और उसके पतन को समझ पाना कुछ स्तरों पर काफी मुश्किल है। बैंकिंग पर होने वाले प्रभाव से पहले क्रेडिट सुइस क्या है? यह जानिए - क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी बहुराष्ट्रीय वित्तीय सेवा कंपनी है। इसका मुख्यालय ज्यूरिक स्विट्जरलैंड में है जहाँ से क्रेडिट सुइस बैंक और अन्य निवेश सम्बंधी वित्तीय सेवाओं का संचालन होता है। कम्पनी शेयर निगम के चार गठकों का संगठित रूप है: निवेश बैंकिंग, निजी बैंकिंग, सम्पति प्रबंधन और साझा सेवा समूह जो विपणन के सेवा उपलब्ध करवाता है और अन्य विभागों का समर्थित करता है। क्रेडि...