सांस्कृतिक और संस्कारिक एकता के मूल आधार है हमारे सामाजिक त्यौहार।
हिंदुस्तान त्योहारों का देश है। त्योहार हमको सामाजिक और संस्कारिक रूप से जोड़ने का काम करते हैं। हमारी सांस्कृतिक और संस्कारिक एकता ही भारत की अखंडता का मूल आधार है। ‘‘व्रत -त्यौहारों के दिन हम देवताओं का स्मरण करते हैं, व्रत, दान तथा कथा श्रवण करते हैं, जिससे व्यक्तिगत उन्नति के साथ सामाजिक समरसता का संदेश भी समाज में पहुंचता है। इसमें ही भारतीय संस्कृति के बीज छिपे हैं। ’’ हमारे सामाजिक जीवन में कुछ ऐसे दिन आते हैं जिनसे मात्र एक व्यक्ति, या परिवार ही नहीं वरन पूरा समाज आनंदित और उल्लासित होता है। भारत को यदि पर्व-त्योहारों का देश कहा जाए तो उचित होगा। यहां भोजपुरी भाषा में एक कहावत है- ‘सात वार नौ त्यौहार’।
-डॉo सत्यवान सौरभ
कृषि प्रधान होने के कारण प्रत्येक ऋतु - परिवर्तन हंसी - खुशी मनोरंजन के साथ अपना - अपना उपयोग रखता है। इन्हीं अवसरों पर त्योहार का समावेश किया गया है , जो उच...