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Author: Dialogue India

राष्ट्र का विकास बाधित होगा संसदीय गतिरोध से

राष्ट्र का विकास बाधित होगा संसदीय गतिरोध से

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- ललित गर्ग -संसद की कार्रवाई को बाधित करना एवं संसदीय गतिरोध आमबात हो गयी है। यही स्थिति  संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में देखने को मिल रही है, इस सत्र को शुरू हुए पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन दोनों सदनों में हंगामे और नारेबाजी के अतिरिक्त और कुछ नहीं हुआ है। जहां सत्तापक्ष संसद में अपनी इस मांग पर जोर दे रहा है कि राहुल गांधी ने अपनी लंदन यात्रा के दौरान भारतीय लोकतंत्र के बारे में जो कुछ कहा, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए, वहीं कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल अदाणी मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी से कराने पर अड़े हुए हैं और संसद नहीं चलने दे रहे हैं। विरोध प्रकट करने का असंसदीय एवं आक्रामक तरीका, सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच तकरार और इन स्थितियों से उत्पन्न संसदीय गतिरोध लोकतंत्र की गरिमा को धुंधलाने वाले हैं। अपने विरोध को विराट बनाने के लिये सार्थक बहस की बजाय शोर-शरा...
आँकड़ो की जादूगरी है, दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधार के पीछे

आँकड़ो की जादूगरी है, दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधार के पीछे

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निश्चित रूप से आपको भी यह खबर परेशान करती होगी कि भारत दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित देशों की सूची में आठवें स्थान पर है। यह स्थिति हमें दुनिया के तमाम पिछड़े व गरीब मुल्कों के करीब खड़ा करती है। साथ ही बताती है कि गाल बजाते नीति-नियंता जमीनी हकीकत के मामले में विफल साबित हुए हैं। बीते मंगलवार को पूरी दुनिया में हवा की गुणवत्ता की जांच करने वाली स्विस एजेंसी आई.क्यू़ एअर ने वायु प्रदूषण की वैश्विक स्थिति पर रिपोर्ट जारी की। कुल 131 देशों की वायु गुणवत्ता की स्थिति के मूल्यांकन का आंकड़ा करीब तीस हजार ग्राउंड बेस मॉनिटरों के जरिये जुटाया गया। चिंताजनक स्थिति यह है कि दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित बीस शहरों में 19 एशिया के हैं। हमारे लिये बड़ी फिक्र की बात यह कि इन शहरों में 14 भारत के हैं। भारत पिछले साल दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में पांचवें स्थान पर था। सुधार की एक वजह ...
नवसंवत्सर के शुभ अवसर पर सिंध को भारत के साथ जोड़ने की लें प्रतिज्ञा

नवसंवत्सर के शुभ अवसर पर सिंध को भारत के साथ जोड़ने की लें प्रतिज्ञा

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अखंड भारत के पश्चिम में एक मजबूत, सम्पन्न एवं आकर्षक प्रांत हुआ करता था, जिसका नाम था सिंध। मजबूत इस दृष्टि से कि अरब देशों से मुस्लिम आक्रांता जब भी भारत पर आक्रमण करते थे तो सिंध प्रांत ही अरब आक्रांताओं का दिलेरी के साथ सामना करता था एवं उन्हें हराकर वापिस अरब लौटने को मजबूर कर देता था। उस समय दरअसल पश्चिम में सिंध प्रांत ही भारत का प्रवेश द्वार हुआ करता था। प्राचीन काल में अखंड भारत का सिंध प्रांत बहुत विकसित प्रदेश की अवस्था हासिल किए हुए था। सिंध प्रांत से अन्य देशों को जमीन और समुद्रीय मार्ग से उत्पादों का निर्यात किया जाता था। सिंध प्रांत प्राचीन काल से ही एक सफल एवं महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र के रूप में जाना जाता रहा है। सिंध प्रांत का व्यापारिक महत्व इतिहास में किसी से छुपा नहीं है। वीर सावरकर जी ने अपने एक उदबोधन में कहा था कि एक खंडकाल में सिंध पर वैदिक धर्माभिमानी, ब्राह...
तो योगी यूपी के रास्ते ही भाजपा को 2024 में सत्ता सौंपेंगे

तो योगी यूपी के रास्ते ही भाजपा को 2024 में सत्ता सौंपेंगे

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आर.के. सिन्हा अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल के शुरुआत के तीन महीनों के दौरान देश में लोकसभा चुनावों की हलचल को महसूस किया जाने लगेगा। सभी दल अपने घोषणा पत्र को अंतिम रूप दे रहे होंगे और प्रत्याशियों के नामों पर भी अंतिम विचार चल रहा होगा। फिजाओं में लोकसभा चुनाव का पूरा माहौल बन गया होगा। दरअसल, यह चुनाव आजाद भारत का एक ऐसा चुनाव होगा जब कांग्रेस छोड़ किसी दूसरी विचारधारा की सत्ता की पारी दशकीय सीमा लांघकर एक नई तारीख लकीर खींच सकती है। इस चुनाव के लिहाज से राज्यों की राजनीति भी गरमा रही है। पर बात करें भाजपा की तो देश के सबसे बड़े सूबे में उसकी निश्चिंतता का आलम कुछ और ही है। वैसे भी दिल्ली के सियासी गलियारों में यह बात शुरू से कही और मानी जाती रही है कि देश की सत्ता का रास्ता राम और कृष्ण के जन्म स्थान उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है। इस सूबे की सियासी धाक यह है कि उसने देश को...
गोवा को नारी शरीर का बाजार क्यों बनाया गया ?

गोवा को नारी शरीर का बाजार क्यों बनाया गया ?

EXCLUSIVE NEWS, विश्लेषण, सामाजिक
गोवा में मैने क्या देखा और क्या पाया* ==================*आचार्य श्री विष्णुगुप्त*=================== दृश्य नंबर वन, ( गाने के बोल) - बच के रहना रे बाबा/ तुम पर सबकी नजर है। दृश्य नंबर टू- शेखर यानी रणधीर कूपर को पकड़ने पुर्तगाली पुलिस आती है, रणधीर कपूर को बचाने के लिए एक स्वतंत्रता सेनानी अपनी जवान बेटी को रणधीर कपूर की हम विस्तर कर देते है, पुर्तगाल पुलिस से वह स्वतंत्रा सेनानी कहते हैं कि कमरे में मेरी बेटी और दामाद सो रहे हैं, फिर भी पुर्तगाली पुलिस कमरे में घूसती है और दोनों को हम विस्तर देख वापस लौट जाती है, इस प्रकार शेखर यानी रणधीर कपूर पुर्तगाली पुलिस की पकड़ से साफ बच जाते हैं। ये दोनों दृश्य अमिताभ बच्चन की बहुचर्चित फिल्म पुकार की हैं। यह पुकार फिल्म 1983 की सुपर हिट फिल्म थी और यह फिल्म गोवा की आजादी पर बनी हुई थी। हमने अपने जीवन में आठ -दस फिल्में देखी हैं उसमें यह फिल...
2024: मोदी सब पर भारी

2024: मोदी सब पर भारी

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26 फरवरी 2023 को कांग्रेस का 85वां अधिवेशन रायपुर में आयोजित हुआ। इस अधिवेशन के अन्तर्गत एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि कांग्रेस के सदृश विचारधारा रखने वाली राजनीतिक पार्टियों का एक संयुक्त मोर्चा बनाया जाए, जो मोदी जी का विकल्प बन सके। वर्ष 2003 में भी कांग्रेस पार्टी ने सोनिया गाँधी के नेतृत्व में आयोजित अपने शिमला अधिवेशन में इसी प्रकार का प्रयास किया था, तत्पश्चात वर्ष 2004 के चुनाव उसी संगठन के द्वारा से लड़े गए थे, जिसमें कांग्रेस को सत्तासुख प्राप्त हुआ था।वर्ष 2004 की राजनीतिक परिस्थिति और वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में अत्यधिक अंतर आ चुका है। वर्ष 2004 के चुनाव में कांग्रेस के प्रतिद्वन्द्वी के रूप में मोदी जी नहीं थे, परन्तु आगामी वर्ष 2024 के चुनावी युद्ध में भाजपा के सिरमोर मोदी जी हैं। विपक्षी एकता किस स्तर तक सफल होगी, यह अभी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उनमें अधिकांश नेता, य...
विकलांग व्यक्तियों के लिए गरिमापूर्ण जीवन के हो प्रयास

विकलांग व्यक्तियों के लिए गरिमापूर्ण जीवन के हो प्रयास

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हमारी शिक्षा प्रणाली समावेशी नहीं है। मामूली से मध्यम विकलांग बच्चों को नियमित स्कूलों में शामिल करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेष स्कूलों की उपलब्धता, स्कूलों तक पहुंच, प्रशिक्षित शिक्षकों और विकलांगों के लिए शैक्षिक सामग्री की उपलब्धता जैसे कई मुद्दे हैं। इसके अलावा, उच्च शिक्षण संस्थानों में विकलांगों के लिए आरक्षण कई मामलों में पूरा नहीं किया गया है, भले ही कई विकलांग वयस्क उत्पादक कार्य करने में सक्षम हैं, विकलांग वयस्कों के पास सामान्य जनसंख्या की तुलना में बहुत कम रोजगार दर है। निजी क्षेत्र में स्थिति और भी खराब है, जहां बहुत कम विकलांगों को रोजगार मिला हुआ है। -डॉ सत्यवान सौरभ विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुसार, "विकलांग व्यक्ति" का अर्थ दीर्घकालिक शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक या संवेदी हानि वाला व्यक्ति है, जो बाधाओं के साथ बातचीत में, दूसरों के साथ सम...
नवसंवत्सर को भारत में उत्साहपूर्वक मनाने का समय आ गया है

नवसंवत्सर को भारत में उत्साहपूर्वक मनाने का समय आ गया है

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भारतीय सनातन हिंदू संस्कृति के अनुसार फागुन और चैत्र माह वसंत ऋतु में उत्सव के महीने माने जाते हैं। चैत्र माह के मध्य में प्रकृति अपने श्रृंगार एवं सृजन की प्रक्रिया में लीन रहती है और पेड़ों पर नए नए पत्ते आने के साथ ही सफेद, लाल, गुलाबी, पीले, नारंगी, नीले रंग के फूल भी खिलने लगते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे पूरी की पूरी सृष्टि ही नई हो गई है, ठीक इसी वक्त भारत में हमारी भौतिक दुनिया में भी एक नए वर्ष का आगमन होता है। पश्चिमी देशों में तो सामान्यतः अंग्रेजी तिथि के अनुसार नव वर्ष प्रत्येक वर्ष की 1 जनवरी को बहुत ही बड़े स्तर पर उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। वैसे तो पूरे विश्व में ही नव वर्ष भरपूर उत्साह के साथ मनाया जाता है। परंतु कई देशों में नव वर्ष की तिथि भिन्न भिन्न रहती है तथा नव वर्ष को मनाने की विभिन्न देशों की अपनी अलग अलग परम्पराएं भी हैं। नव वर्ष प्रत्येक देश में एक उत्सव के रूप...
टूटी-फूटी है -ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था

टूटी-फूटी है -ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था

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मेरे हाथ में ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी 2021-22 रिपोर्ट है, जो कह रही है कि “देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सर्जन डाक्टरों की लगभग 83 प्रतिशत कमी है। बालरोग चिकित्सकों की 81.6 प्रतिशत और फिजिशियन की 79.1 प्रतिशत कमी है। यही हाल प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों का है। ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी अमूमन 72.2 प्रतिशत की कमी है। इतना ही नहीं, वहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) की हालत भी ठीक नहीं है ।कहावत हैं कि असली भारत गांवों में बसता है, मगर गांव के लोगों की सेहत का खयाल रखने वाले चिकित्सा केंद्र इक्कीसवीं सदी के भारत में भी क्यों इतने बदतर हैं? ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा विशेषज्ञों की काफी कमी देखी जा रही है। इससे शहर और गांव के बीच एक ऐसी खाई बन रही है, जिसके परिणाम भविष्य में काफी भयावह हो सकते हैं। भले...
Thermal power plants in Delhi-NCR not following government order to use biomass to generate electricity: CSE

Thermal power plants in Delhi-NCR not following government order to use biomass to generate electricity: CSE

प्रेस विज्ञप्ति
Union Ministry of Power and the Commission on Air Quality Management have issued directions to the plants to replace coal with biomass CSE’s new report finds plants have made little progress in following this directive Now, a new environment ministry notification has given the plants more time and toned down the mandated requirements The compromised targets introduced by the new notification is a license to thermal power plants to continue to pollute  Download the CSE report here: https://www.cseindia.org/status-of-biomass-co-firing-in-coal-based-thermal-power-plants-11666 New Delhi, March 16, 2023: Many of the coal-based power plants in Delhi-NCR have made very little progress on complying with official directives – finds a new study by Centre for Science an...