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Author: Dialogue India

वह स्त्री है

वह स्त्री है

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, साहित्य संवाद
वह स्त्री है बैठाया तो इसलिए गया था उसेकि अपनी अग्निप्रतिरोधी चादर के चलतेवह बच जाएगीऔर प्रह्लाद जल जाएगालेकिन जब तपिश बढ़ीतो उसने अपनी चादर प्रिय प्रह्लाद को ओढ़ा दीऔर स्वयं जल मरीस्त्री थी न! वह स्त्री है,कुछ भी कर सकती है। यह एक कविता है-अगर इसे हम कविता कह सकें! हिन्दी के एक वरिष्ठ, चर्चित वामपंथी कवि ने इसे लिखा है। यह ऐतिहासिक रूप से झूठ तो है ही। काव्यात्मक संवेदना इसकी इकहरी, भोथरी है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि..वह स्त्री थी न/ वह स्त्री है, कुछ भी कर सकती है-इस नारे की आड़ में संपूर्ण हिन्दू जातीय इतिहास को मलिन करने का कुत्सित प्रयास है। यह सर्वविदित है कि वामपंथियों और कथित प्रगतिशीलों के लिए हिन्दुओं के पर्व त्योहार, उसकी अन्तर्कथाएं, उसके पात्र और संदेश हमेशा से प्रश्नों के घेरे में रहे। यह उनका प्रिय, लगभग पुश्तैनी धंधा सा रहा। भारतीय स्त्रियों की दशा पर उन्होंने बड...
हाथरस कांड: क्या जाँच सही दिशा में हुई?

हाथरस कांड: क्या जाँच सही दिशा में हुई?

EXCLUSIVE NEWS, राज्य, विश्लेषण
रजनीश कपूरसितंबर 2020 में हाथरस के बूलगढ़ी गांव में एक दलित लड़की के साथ हुई दरिंदगी एक बार फिर से सुर्ख़ियों में है।इस बार का कारण है अदालत का फ़ैसला जिसने चार में से तीन अपराधियों को न सिर्फ़ छोड़ दिया बल्कि सुबूतों केअभाव में बलात्कार की धाराएँ भी हटा दी। यहाँ सवाल उठता है कि इतने चर्चित बलात्कार और हत्या के कांड कीजाँच क्या सही दिशा में हुई थी? क्या प्रारंभिक जाँच करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस, सरकार द्वारा गठितएसआईटी या सीबीआई इस संगीन अपराध की जाँच को गंभीरता से नहीं ले रही थी?जब भी कोई पीड़ित मृत्यु से पहले अपनी मृत्यु की परिस्थितियों के बारे में बताते हुए मर जाए तो उस ब्यान को‘मृत्युपूर्व घोषणा’ या ‘डाईंग डिक्लेरेशन’ माना जाता है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा-32(1) केमुताबिक़ ‘मृत्युपूर्व घोषणा’ को सुसंगत माना जाएगा। फिर वो बयान मृत व्यक्ति द्वारा लिखित या मौखिक रूप सेदिये ...
जरा सोचिए तो मिलार्ड

जरा सोचिए तो मिलार्ड

EXCLUSIVE NEWS, TOP STORIES, विश्लेषण
लोगों में धैर्य और सहनशीलता कीकमी मत देखिए चंद्रचूड़ जी,लोग न्यायपालिका पर निगरानीरख रहे हैं - क्या जुडिशरीAbsolute Power चाहती है ?झूठ फ़ैलाने वालों को तो आप हीबचा देते हैं -​​चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ लगता है सोशल मीडिया द्वारा न्यायपालिका के लिए “watchdog” बन कर उसकी आलोचना से खासे क्षुब्ध हैं - उन्होंने कहा है कि “सोशल मीडिया पर झूठी खबरों के दौर में सच ही शिकार हो गया है - आप जो कुछ भी करते हैं उसके लिए आपको किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा ट्रोल किए जाने का खतरा होता है जो आपसे सहमत नहीं है - लोगों में धैर्य और सहनशीलता की कमी हो रही है - हम अलग-अलग दृष्टिकोणों को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं” मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूँ मीलॉर्ड चंद्रचूड़, सोशल मीडिया पर सब कुछ झूठ नहीं है और जो मौहम्मद जुबैर जैसे Alt News में बैठ कर झूठ की फैक्ट्री चला रहा था और जिसने अनेक इस्लामिक देशों को भार...
राहुलः खुदी को कर बुलंद इतना कि

राहुलः खुदी को कर बुलंद इतना कि

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*डॉ. वेदप्रताप वैदिक राहुल गांधी का भाषण पहले केंब्रिज विश्वविद्यालय में हुआ, फिर ब्रिटिश संसद में हुआ और फिर लंदन के चेथम हाउस में हुआ। इन तीनों संस्थाओं में मैं पिछले 50-55 साल से जाता रहा हूं। मुझे आश्चर्य हुआ कि हमारे नेताओं में एक नेता इतना योग्य निकला कि इन विश्व-प्रसिद्ध संस्थाओं में भाषण देने के लिए उसे बुलाया गया। मेरा सीना गर्व से फूल गया। लेकिन सच यह है कि इन संस्थाओं के सभा-भवनों को कोई भी किराए पर बुक कर सकता है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं और सांसद हैं, इस नाते सरकार की आलोचना करने का उन्हें पूरा अधिकार है लेकिन यह काम बड़ी सावधानी से किया जाना चाहिए। ऐसी अतिवादी बातें नहीं कही जानी चाहिए जिनसे देश की छवि बिगड़ती हो, हालांकि भाजपा के प्रवक्ता जरूरत से ज्यादा परेशान मालूम पड़ते हैं। उन्हें क्या यह पता नहीं है कि विदेशी लोग राहुल की बातों को उतना महत्व भी नहीं देते, ...
भारत में फैल रहा एच3एन2 इन्फ्लूएंजा, क्या है संक्रमण से बचने के उपाय?

भारत में फैल रहा एच3एन2 इन्फ्लूएंजा, क्या है संक्रमण से बचने के उपाय?

BREAKING NEWS, TOP STORIES, समाचार
एच3एन2 इन्फ्लूएंजा तब फैलता है जब संक्रमित व्यक्ति दूसरे से बात करता है, खांसता है या छींकता है By Dayanidhi मौसम में अचानक आ रहे बदलाव और अत्यधिक ठंड से गर्म तापमान में बदलाव के कारण लोगों में फ्लू के लक्षण अधिक दिखाई दे रहे हैं। जहां मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है, वहीं एक नया वायरस एच3एन2 पूरे भारत में फैल रहा है। एच3एन2 वायरस चिंता का कारण बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि एच3एन2 इन्फ्लूएंजा अत्यधिक संक्रामक है। क्या है एच 3 एन 2 इन्फ्लुएंजा? सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक 2009 के एच1एन1 महामारी वायरस से मैट्रिक्स (एम) जीन के साथ इन्फ्लुएंजा ए एच3एन2 वेरिएंट वायरस जिसे "एच3एन2वी" वायरस के रूप में भी जाना जाता है, यह पहली बार जुलाई 2011 में लोगों में पाए गए थे। वायरस को पहली बार 2010 में अमेरिका में  सूअरों में पहचान की गई थी। 20...
प्रो कुसुमलता केडिया जी महिला दिवस पर कस्तूरी संस्था में बोलते हुए:-

प्रो कुसुमलता केडिया जी महिला दिवस पर कस्तूरी संस्था में बोलते हुए:-

BREAKING NEWS, TOP STORIES, राष्ट्रीय, सामाजिक
कथित रेनेसां और enlightenment के बाद भी यूरोप में स्त्रियों पर भीषण अत्याचार जारी रहे थे क्योंकि चर्च के मनोरोगी पादरियों ने स्त्री को eve और evil प्रचारित कर दिया था।चर्च के नियंत्रण में ईसाई स्त्रियों को तरह तरह के झूठे अभियोग लगाकर भयंकर रूप से उत्पीड़ित किया जाता था:- जिंदा जला देना, खौलते कढ़ाह में उबालना, घोड़े की पूंछ में बांधकर पथरीली कटीली सड़कों में दौड़ाना ताकि वह लहूलुहान हो जाए, कांटेदार कुर्सी में बैठा कर मारना ,योनि में एक पीड़ादायक यंत्र डालकर उसे  इस प्रकार चौड़ा करते जाना कि भीषण पीड़ा हो और खून निकलने लगे,या  गले में कांटेदार यंत्र फंसा कर मुंह खोलना जिससे गला फट जाए और मरने की स्थिति आ जाए, ऐसे बर्बर पैशाचिक उपाय पादरियों  के द्वारा अपने अपने राज्यों की सहमति से किए जाते थे और जिन्हें यह दण्ड  दिया जाता था ,उनके ही परिवार से दंड देने का खर्चा वस...
बारूद के ढ़ेर पर खड़े विश्व को धर्म-धम्म की आवश्यकता।

बारूद के ढ़ेर पर खड़े विश्व को धर्म-धम्म की आवश्यकता।

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हाल ही में भारत के मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल में 3 मार्च को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में तीन दिवसीय सातवें अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का शुभारंभ हुआ तथा जिसका समापन पांच मार्च को हो गया। यह सम्मेलन ‘नए युग में मानववाद का सिद्धांत” विषय पर सांची यूनिवर्सिटी ऑफ बुद्धिस्ट-इंडिक स्टडीज के सहयोग से इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें 15 देशों से  350 से भी अधिक विद्वान शामिल हुए। निश्चित ही इस प्रकार के सम्मेलन से धर्म धम्म के वैश्विक विचारों को एक साझा मंच मिला। इस सम्मेलन में भूटान, मंगोलिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाइलैंड, वियतनाम, नेपाल, दक्षिण कोरिया, मॉरिशस, रूस, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से विभिन्न प्रतिनिधियों, विद्वान लोगों ने अपनी सहभागिता की। इस सम्मेलन में विषयों का निरूपण हुआ, मानववाद सिद्धांत पर लगातार तीन दिनों तक विभिन्न लोगों द्वा...
समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निभा रहा है अहम भूमिका

समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निभा रहा है अहम भूमिका

विश्लेषण, साहित्य संवाद
भारत में पिछले 97 वर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के नागरिकों में देशप्रेम की भावना का संचार करने का लगातार प्रयास कर रहा है। वर्ष 1925 (27 सितम्बर) में विजयदशमी के दिन संघ के कार्य की शुरुआत ही इस कल्पना के साथ हुई थी कि देश के नागरिक स्वाभिमानी, संस्कारित, चरित्रवान, शक्तिसंपन्न, विशुद्ध देशभक्ति से ओत-प्रोत और व्यक्तिगत अहंकार से मुक्त होने चाहिए। आज संघ, एक विराट रूप धारण करते हुए, विश्व में सबसे बड़ा स्वयं सेवी संगठन बन गया है। संघ के शून्य से इस स्तर तक पहुंचने के पीछे इसके द्वारा अपनाई गई विशेषताएं यथा परिवार परंपरा, कर्तव्य पालन, त्याग, सभी के कल्याण विकास की कामना व सामूहिक पहचान आदि विशेष रूप से जिम्मेदार हैं। संघ के स्वयंसेवकों के स्वभाव में परिवार के हित में अपने हित का सहज त्याग तथा परिवार के लिये अधिकाधिक देने का स्वभाव व परस्पर आत्मीयता और आपस में विश्वास की भावना...
मज़बूत लोकतंत्र में सांविधानिक संस्थाएँ निष्पक्ष हों !

मज़बूत लोकतंत्र में सांविधानिक संस्थाएँ निष्पक्ष हों !

विश्लेषण
विनीत नारायणभारत के चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट की 5सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने पिछले गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फ़ैसले के बाद केंद्रीय चुनाव आयोगमें आयुक्तों की नियुक्ति पर केंद्र का सीधा हस्तक्षेप घटेगा। कोर्ट ने इस फ़ैसले को सुनाते समय इस बात पर ज़ोरडाला कि संविधानिक संस्थाओं का निष्पक्ष होना लोकतंत्र के लिए बहुत आवश्यक है। सभी राजनैतिक दलों द्वाराइस फ़ैसले का स्वागत किया जा रहा है।सुप्रीम कोर्ट के 378 पन्नों के इस ऐतिहासिक फैसले के पीछे 1997 का ‘विनीत नारायण बनाम भारत सरकार’ काफ़ैसला है। इस फ़ैसले में प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई व सीवीसी के निदेशकों की नियुक्ति और उनके कार्यकाल कोलेकर दिशा निर्देश दिये गये थे। जिससे जाँच एजेंसियों को सरकारी दख़ल से अलग रख कर निष्पक्ष व स्वायत्त रूपसे कार्य करने की छूट दी गई थी। परंतु सवाल...
आज कल बालों की समस्याएं जब बढ़ गई हैं तो, योग करना बालों की कई समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता हैः

आज कल बालों की समस्याएं जब बढ़ गई हैं तो, योग करना बालों की कई समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता हैः

विश्लेषण, सामाजिक
अलका सिंह योगा एक्सपर्टदिल्ली बाल झड़ने की समस्या सभी के लिए एक सर दर्द बन चुकी है चाहे महिलाएँ हों या पुरुष, आजकल के आधुनिक जीवन में बाल झड़ने की समस्या मानों हर किसी के लिए एक आम बात हो गयी है। इस समस्या का आम होना कोई हैरान करने वाली बात नहीं है, क्योंकि आजकल लगभग हर व्यक्ति को असंतुलित खान-पान व दूषित वातावरण  से दो-चार होना ही पड़ता है। परन्तु योग द्वारा इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। हर परिस्थिति में एक बात महत्वपूर्ण है- रोकथाम उपचार से बेहतर है। इस लेख मे पढ़िए कि किस प्रकार योग द्वारा आप बाल झड़ने की समस्या का समाधान कर सकते हैं।अधिक बाल झड़ने की समस्या का आपके स्वाथ्य से भी एक गहरा सम्बन्ध है, इसीलिए इस समस्या को कभी भी नकारना नहीं चाहिए। चिंता, हार्मोन्स में गड़बड़, गलत खाने-पीने की आदतें, रोग, रूसी, आदि बाल झड़ने का मुख्य कारण है। बालों के झड़ने की रोकथाम ...